Monday, February 28, 2011

गुरू जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, हिसार के रसायन विभाग में राष्ट्रीय विज्ञान दिवस आयोजित

हिसार 
                   पदम भूषण प्रो एन के गांगुली, प्रैजिडेंट, जेआईपीएमइआर, पोण्डिचेरी व पूर्व डायरेक्टर जरनल आइसीएमआर ने कहा कि रसायन विषय एक ऐसा विषय है जोकि स्वास्थ, उर्जा व पर्यावरण जैसी समस्याओं के समाधान में सहायक सिद्घ हो सकता है। प्रो गांगुली ने आज गुरू जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, हिसार के रसायन विभाग में राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के सिलसिले मे इनोवेशन एण्ड आर एण्ड डी फार ऐलीवेशन आफ डिसीजिज आफ पावरटी विषय पर विशेष व्याख्यान दिया। वर्ष 2011 को अन्तर्राष्ट्रीय रसायन वर्ष घोषित किया गया है। मैडम मैरी क्यूरी को सौ वर्ष पूर्व रसायन विषय में शोध पर नोबेल पुरस्कार प्राप्त हुआ था और रसायन विषय में नोबेल पुरस्कार प्राप्त करने वाली मैडम मैरी क्यूरी पहली महिला वैज्ञानिक थी। 28 फरवरी भारत में हर वर्ष राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के रूप में मनाया जाता है क्योकि इस दिन भारत के नोबेल पुरस्कार विजेता सर सीबी रमन ने 1928 में रमन इफेक्ट की घोषणा की थी। विश्वविद्यालय के कुलपति डा एम एल रंगा ने इस अवसर पर शिक्षण खंड-3 का नाम बदलकर सर सीबी रमन शिक्षण खंड रखने की घोषणा की। इस अवसर पर कुलसचिव प्रो आर एस जागलान, प्रो आर मलहोत्रा, प्रो जेके शर्मा, डा डी कुमार व विभिन्न विभागों के अधिष्ठïता, विभागाध्यक्ष, विभाग के शिक्षक, अधिकारी, कर्मचारी एवं विद्यार्थी उपस्थित थे। कल्पना चावला मैमोरियल विज्ञान प्रश्नोत्तरी ट्राफी वर्ष 2011 विश्वविद्यालय के पर्यावरण विज्ञान एवं अभियांत्रिक विभाग ने जीती है।
प्रो गांगुली ने कहा कि देश में चिकित्सा के क्षेत्र में शोध की जरूरत है ताकि 125 करोड़ देशवासियों को उच्च कोटि की चिकित्सा सुविधाएं सस्ती दरो पर उपलब्ध करवाई जा सके। उन्होने कहा कि इसके लिए उद्योग, सरकार, शोध व शिक्षण संस्थाओं को मिलजुल कर कार्य करना होगा ताकि नई दवाईयों की खोज की जा सके। प्रो गांगुली ने चिंता जताई कि मलेरिया, टीबी, कोड, लैसमेनिसिस, डेंगू, लैंपफैथेटिक फरेरिसस, टाईफाईड जैसी बिमारियां अभी भी मुंह बाए खड़ी है और देश में गरीब लोग इन बिमारियों की चपेट में है। प्रो गांगुली ने कहा कि भारत व चीन में विश्व के सबसे ज्यादा टीबी के मरीज है जोकि एक चिंता का विषय है, क्योकि भारत और चीन विश्व में सबसे अधिक जनसख्या वाले देश है। उन्होने कहा कि एचआईवी और टीबी से तीन मिलियन लोग ग्रस्त है और अफ्रीका में सबसे अधिक लोग इस बिमारी से ग्रसित है। प्रो गांगुली ने बताया कि टाईफाईड से हर वर्ष विश्व में 21 मिलियन लोग ग्रस्त होते है जिसमें से 2 से 6 लाख लोग मर जाते है इनमे ज्यादातर मरने वाले स्कूल में जाने वाले बच्चे होते है। 90 प्रतिशत लोग एशियाई देशों के होते है। विश्व में हर वर्ष मलेरिया, टीबी व एचआईवी से मरने वालो की संख्या 5 लाख से अधिक है।
प्रो गांगुली ने कहा कि समय आ गया है कि नई तकनीकों का इस्तेमाल कर बेहतर स्वास्थय सेवाएं उपलब्ध करवानी चाहिए।
विश्वविद्यालय के कुलपति डा एम एल रंगा ने इस अवसर पर कहा कि युवाओं में विज्ञान के प्रति रूची बढाने व देश के उज्ज्वल भविष्य के लिए वैज्ञानिक सोच विकसीत करना आज की जरूरत है इसके लिए अध्यापकों की एक विशेष भूमिका होगी।
डा रंगा ने कहा कि स्कूलों की प्रयोगशालाओं में विज्ञान संबधित प्रयोग अधिक से अधिक करवाने चाहिए ताकि वैज्ञानिक सोच विकसीत हो सके।
कुलसचिव प्रो आर एस जागलान ने कहा कि 21 वी शताब्दी ज्ञान की शताब्दी है और हर 5 वर्ष में ज्ञान में दोगुनी वृद्घि हो जाती है। उन्होने कहा कि भारत में आजादी के बाद शोध में बहुत अधिक कार्य हुआ है और आज अमेरिका के प्रतिष्ठिïत शोध संस्थाओं में भारतीय उच्च पदों पर कार्य कर रहे है। प्रो जागलान ने कहा कि वैज्ञानिक सोच आज की मांग है और इसी सोच के साथ देश को तार्किक विकास की ओर ले जाया जा सके।
डीन आर मलहोत्रा ने बताया कि विभाग में एक करोड़ तीस लाख रूपये की लागत से एन एम आर फैसिलिटी लगाई जाऐगी ताकि उच्च कोटि का शोध किया जा सके।
विभाग के चेयरमैन प्रो जे के शर्मा ने बताया कि 1901 से 2010 तक 102 नोबेल पुरस्कार रसायन विषय में उच्च कोटि की शोध के लिए दिए गए है। उन्होने बताया कि 62 रसायन वैज्ञानिकों को अकेले व 40 वैज्ञानिकों को संयुक्त रूप से नोबेल पुरस्कार प्राप्त हुआ है।
डा डी कुमार ने बताया कि पेपर रिडिंग में सुश्री मोनिका ने प्रथम, श्री अन्नत ने दूसरा जबकि तीसरा स्थान सुश्री जैसलीन ने प्राप्त किया। उन्होने बताया कि निबंध लेखन प्रतियोगिता में रसायन विभाग की सुश्री निशा ने प्रथम जबकि बायो व नैनो टैक्नालाजी विभाग की पल्लवी दूसरे स्थान पर रही। तीसरा स्थान फतेह चंद महिला महाविद्यालय, हिसार की सुश्री सरिता ने प्राप्त किया। उन्होने बताया कि पोस्टर मेंकिंग में सुश्री निशा सिंह ने प्रथम, सुश्री पुनिता ने दूसरा व सुश्री कंगन शर्मा ने तीसरा स्थान प्राप्त किया। विज्ञान प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता में सुश्री सीमा रानी व श्री विजेन्द्र सिंह ने प्रथम, सुश्री सुदेश कुमारी व श्री सुधीर यादव ने दूसरा व श्री दीपक शर्मा व श्री प्रवीण गुप्ता ने तीसरा स्थान प्राप्त किया।
फोटो कैप्शन:-
फोटो-1
गुरू जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, हिसार के रसायन विभाग में विज्ञान दिवस के अवसर पर ज्योति प्रजवलित करते प्रो एन के गांगुली, प्रैजिडेंट, जेआईपीएमइआर, पोण्डिचेरी। साथ में है विश्वविद्यालय के कुलपति डा एम एल रंगा व अन्य।
फोटो-2
गुरू जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, हिसार के रसायन विभाग में राष्टï्रीय विज्ञान दिवस के अवसर पर पर्यावरण विज्ञान एवं अभियांत्रिक विभाग के चेयरमैन प्रो नरसी राम व विभाग के विद्यार्थियों को कल्पना चावला मैमोरियल विज्ञान प्रश्नोत्तरी ट्राफी वर्ष 2011 देते  हुए प्रो एन के गांगुली। साथ में है विश्वविद्यालय के कुलपति डा एम एल रंगा व अन्य।
फोटो-3
गुरू जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, हिसार के रसायन विभाग में राष्टï्रीय विज्ञान दिवस के अवसर पर प्रो एन के गांगुली को शाल भेंट करते विश्वविद्यालय के कुलपति डा एम एल रंगा। साथ में कुलसचिव प्रो आर एस जागलान।
फोटो-4
 गुरू जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, हिसार के रसायन विभाग में राष्टï्रीय विज्ञान दिवस के अवसर पर उपस्थित विभिन्न विभागों के अधिष्ठïाता, विभागाध्यक्ष, विभाग के शिक्षक, अधिकारी, कर्मचारी एवं विद्यार्थीगण।
फोटो-5
गुरू जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, हिसार के रसायन विभाग में राष्टï्रीय विज्ञान दिवस के अवसर पर मंच पर उपस्थित प्रो एन के गांगुली, कुलपति डा एम एल रंगा, कुलसचिव प्रो आर एस जागलान व अन्य।
फोटो-6
गुरू जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, हिसार के रसायन विभाग में राष्टï्रीय विज्ञान दिवस के अवसर पर उपस्थित जनो को संबोधित करते प्रो एन के गांगुली।

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