Friday, January 28, 2011

शाह सतनाम जी महाराज के जन्मदिन 25 जनवरी पर विशेष

      डेरा सच्चा सौदा के दूसरे गुरु परम पिता शाह सतनाम जी महाराज का जन्म 25 जनवरी 1919 को हरियाणा के सरसा  जिले के गांव श्री जलालआणा साहिब में हुआ। आप जी के आदरणीय पिता जी का नाम श्री वरियाम सिंह जी तथा माता जी का नाम पूज्य माता आसकौर जी था।  आप जी का बचपन का नाम श्री हरबंस सिंह जी था। लेकिन आप जी जब बेपरवाह शाह मस्ताना जी महाराज (डेरा सच्चा सौदा के संस्थापक) के पास डेरा सच्चा सौदा में आए तो मस्ताना जी महाराज ने आप जी का  नाम बदल कर शाह सतनाम जी रख दिया और आप जी के बारे वचन किए कि च्ये वोही सतनाम है जिसे मुद्दतों से दुनिया जपती है। देखा है कभी किसी ने ? जो इनके दर्शन कर लेगा वो भी नर्को में नहीं जाएगा सतनाम  कुल मालिक का नाम है। पूज्य पिता श्री वरियाम सिंह का बहुत ऊंचा घराना, बहुत बड़ा जमींदारा और घर में बेशुमार धन-सम्पत्ति थी, परंतु चिंता थी तो केवल संतान की।
    एक बार गाँव में एक फकीर का आगमन हुआ। पूज्य माता-पिता जी ने कई दिनों तक उस फकीर की दिल से सेवा की जिससे उस फकीर ने खुश होकर कहा-भगतो आपकी सच्ची-सेवा से हम बहुत खुश हैं। आप की सेवा भगवान को मंजूर है। वह आपकी संतान प्राप्ति की सच्ची हार्दिक, कामना को अवश्य पूरी करेगा। आपके घर कोई महापुरुष जन्म लेगा। इस तरह उस सच्चे फकीर की दुआ से पूज्य माता-पिता की 18 वर्ष की  प्रबल तड़प उस समय पूरी हुई जब पूज्य परम पिता जी ने 25 जनवरी 1919 को उनके यहां अवतार लिया।
    पूज्य परम पिता जी बचपन से ही दयालुता के समुद्र थे। आप जी शुरू से ही घरेलू कार्यों की बजाए परमार्थी कार्यों में अधिक रूचि लेते थे और हर सम्भव लोगों का भला करते थे। परम पूजनीय परम पिता जी जब से शहनशाह मस्ताना जी महाराज की पावन-दृष्टि में आए, पहले दिन से ही शहनशाह मस्ताना जी महाराज ने आप जी को उन्हे अपना भावी उत्तराधिकारी मान लिया था और उसी दिन से ही आप जी को अपने रूहानी नजरिए से डेरा सच्चा सौदा के दूसरे पातशाह के रूप में देखना आरंभ कर दिया था। दूनियावी नजर में पूज्य मस्ताना जी महाराज ने परम पिता शाह सतनाम सिंह जी महाराज को दिनांक 28 फरवरी 1960 को पूरे सिरसा शहर में एक बहुत ही प्रभावशाली शोभा यात्रा के द्वारा जीप में घुमाया। ताकि कुल दुनिया को पता चल जाए कि  बेपरवाह मस्ताना जी महाराज ने शाह सतनाम सिंह जी को डेरा सच्चा सौदा में अपना स्वरूप बख्श कर अपना उत्तराधिकारी  बना दिया है।
    पूजनीय परम पिता शाह सतनाम जी महाराज ने 30 वर्ष तक साध-संगत व इस पावन दरबार को अपने रहमो-कर्म के अमृत से बड़े ही प्रेम-प्यार से सींचा।
    23 सितंबर 1990 को परमपिता शाह सतनाम जी महाराज ने डेरा सच्चा सौदा की बागडोर हजूर महाराज संत गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां को सौंपी और लगभग डेढ़ वर्ष तक साथ रहे। परमपिता जी ने अपने रूहानी कार्यक्रमों में 28 फरवरी 1960 से लेकर 23 सितंबर 1990 तक 12 लाख से अधिक लोगों को बुराईयों से दूर कर ध्यान मार्ग की युक्ति सिखाकर उनका उद्धार किया। आज उनकी पावन शिक्षाओं के अनुसार पूजनीय हजूर पिता संत गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां की प्रेरणा से 2.5 करोड़ से अधिक लोग नशे इत्यादि बुराईयां छोड़कर सदकर्में के मार्ग पर चल रहे हैं। इसके साथ वर्तमान में पूज्य गुरू जी ने कन्या भ्रूणहत्या, वेश्यावृति उन्मूलन तथा किन्नरों के उत्थान के लिए भी अभियान चलाया हुआ हैं,  इस अभियान के तहत पूज्य गुरू जी के आह्वान पर करीब डेढ हजार युवा आगे आए हैं, जो वेश्यावृति के दलदल को त्यागकर समाज की मुख्यधारा में शामिल होने वाली महिलाओं को अपना जीवन साथी बनाने के लिए तैयार हैं इसके अलावा सैंकड़ों परिवार उन लड़कियों को अपनी बेटी-बहन के रूप में अपनाने को तैयार हुए है। इसके साथ ही पूज्य गुरू जी ने सदियों से उपेक्षित किन्नर समुदाय की सुध लेते हुए किन्नर बालकों की शिक्षा की व्यवस्था की हैं।
    परम पिता शाह सतनाम जी महाराज का पावन जन्म भण्डारा 25 जनवरी शाम को डेरा सच्चा सौदा में बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता हे। देश-विदेश से लाखों की तादाद में श्रद्धालु इस आयोजन में शिरकत करते है। इस दौरान पूजनीय गुरू संत गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां मानवता भलाई के कार्यों, शिक्षा व खेलों में अव्वल रहने वाले सज्जनों को सम्मानित भी करते है।

अफीम तस्करों के गिरोह का शीघ्र ही पर्दाफाश कर दिया जाएगा

ओढ़ां
    पुलिस अधीक्षक सिरसा सोमवार को देर शाम थाना ओढ़ां में आए और उन्होंने 33 किलो 200 ग्राम अफीम के आरोपी अमनदीप से पूछताछ की व जिस जीप में अफीम लाई गई थी उसका निरीक्षण किया, जो जीप पकड़ी गई है उसकी आरसी किसी अन्य के नाम पर है इसलिए अंदेशा है कि ये जीप चोरी की हो सकती है।
    इस अवसर पर उन्होंने पत्रकारों से बातचीत करते हुए बताया कि अफीम तस्करों के गिरोह का शीघ्र ही पर्दाफाश कर दिया जाएगा। पुलिस ने अमनदीप को चार दिन के रिमांड पर लिया है इस दौरान उसे राजस्थान ले जाया जाएगा और जहां से माल लिया गया है तथा जहां माल पहुंचाना था उन असली आरोपियों को शीघ्र ही पकड़ लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि पकड़ा गया आदमी नया है लेकिन इसके पीछे जो लोग हैं उनकी पूरी जानकारी एकत्र करके इस तस्करी गिरोह का पर्दाफाश किया जाएगा और किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा। पिछले दिनों गांव टप्पी के निकट एक आर 20 कार को लूटे जाने के विषय में पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि उस मामले में पुलिस सफलता के करीब पहुंच चुकी है और शीघ्र ही उसका खुलासा किया जाएगा। अपराधी लोगों की संपत्ति को कुर्क किए जाने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि इस मामले में उचित कार्रवाई करके मामला दिल्ली भेजा गया है जिसमें कुछ अड़चने हैं जिनके दूर होने पर अपराधियों द्वारा अवैध रुप से बनाई गई संपत्ति को कुर्क किया जा सकेगा। इस मौके पर उनके साथ थाना प्रभारी हीरा सिंह व स्टाफ के अन्य लोग उपस्थित थे।

इनेलो महिला प्रकोष्ठ की बैठकें सम्पन्न


ओढां,
    खंड के गांव घुकांवाली और नुहियांवाली में मंगलवार को इंडियन नेशनल लोकदल की महिला प्रकोष्ठ की बैठकों का आयोजन महिला सैल की हलका डबवाली की प्रधान रुकमा सिहाग की अध्यक्षता में किया गया जिसमें मुख्यवक्ता के रुप में महिला सैल की जिलाध्यक्ष कृष्णा फौगाट शामिल हुई।
    बैठकों को संबोधित करते हुए इनेलो नेत्री कृष्णा फौगाट ने कहा कि इनेलो के शासन काल में महिलाओं के हित में अनेक नीतियां बनाई गई और आज भी पार्टी महिलाओं की हर समस्या के निवारण हेतु तत्पर रहती है तथा इस पार्टी में महिलाओं को पूरा मान सम्मान मिलता है। उन्होंने ज्यादा से ज्यादा संख्या में महिलाओं को पार्टी से जुडऩे का आह्वान करते हुए उन्हें इनेलो की नीतियों से अवगत करवाया। उन्होंने कहा कि आज देश व प्रदेश में चंहुओर भ्रष्टाचार व महंगाई का बोलबाला है और यूपीए की सरकार बेबस नजर आती है जबकि इनेलो के शासनकाल में प्रदेश में अनेक विकास कार्य हुए और आमजन सुखी था अत: प्रदेश में इनेलो ही एकमात्र ऐसा दल है जो लोगों का भला कर सकता है।
    इस अवसर पर हलका प्रधान रुकमा सिहाग ने उपस्थितजनों को हलका डबवाली में चल रही पार्टी की गतिविधियों के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए अपील की कि वे ज्यादा से ज्यादा लोगों को पार्टी से जोड़ें। इस अवसर पर गांव घुकांवाली की सरपंच सर्वजीत औलख, सरपंच प्रतिनिधि जगराज सिंह औलख, वरिष्ठ इनेलो नेता हंसराज सिहाग, भगवान दास गोदारा, राम सिंह, प्रेमा देवी, ममता रानी, नसीब कौर, परमजीत कौर, मानिका देवी, गुरमीत कौर, रामेश्वर कूकना, सुमित्रा देवी, कृष्णा देवी, फुलां देवी, मंजू कूकना, माया देवी, सावित्री देवी, कमलेश रानी, माया सुथार, सुलोचना देवी और दीपिका राजपूत सहित काफी संख्या में महिला व पुरुष गांववासी कार्यकर्ता उपस्थित थे।

मतदाता दिवस व गणतंत्र दिवस मनाया

ओढ़ां
    खंड के गांव तारुआना में गांव के सरपंच राजेंद्र सिंह लीला ने मतदाता दिवस के अवसर पर गांव के नए मतदाताओं को पहचानपत्र वितरित किए। इस अवसर पर 26 जनवरी के उपलक्ष्य में स्कूली बच्चों द्वारा रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किया गया जिसमें बच्चों ने देशभक्ति पर आधारित गीत व तराने और चुटकुले तथा भंगड़ा आदि कार्यक्रम प्रस्तुत किया। इस अवसर पर सरपंच राजेंद्र सिंह ने सांस्कृतिक कार्यक्रम में भाग लेने वाले बच्चों को पुरस्कार देकर सम्मानित किया और कक्षा दसवीं में प्रथम, द्वितीय व तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को भी नकद पुरस्कार राशी प्रदान करके सम्मानित किया। इस अवसर पर सरपंच ने बच्चों को संबोधित करते हुए कहा कि 26 जनवरी पर हमें हमारे देशभक्तों को याद करते हुए दनका कृतज्ञ होना चाहिए क्योंकि उन्होंने हमारे देश को स्वतंत्र करवाने हेतु अपनी कुर्बानियां दी। नए मतदाताओं को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि वे अपने मत का प्रयोग समझदारी के साथ करते हुए अपने गांव के सरपंच पंच और राज्य के विधायक व लोकसभा सदस्य का चुनाव अपने गांव, राज्य और देश के हित में करें। इस अवसर पर मुख्याध्यापक सहित स्टाफ के सभी लोग व ग्राम पंचायत सदस्य तथा काफी संख्या में गणमान्य लोग उपस्थित थे।

छायाचित्र: तारुआना में स्कूली बच्चों को  सम्मानित करते सरपंच राजेंद्र सिंह।

अनुसूचित जाति के लोगों की बेटियों के विवाह के लिए वित्तीय सहायता और डिनोटिफाइड का विवरण

योजना का नाम
    लोगों की बेटियों अनुसूचित जाति और डिनोटिफाइड से संबंधित के विवाह के लिए वित्तीय सहायता

प्रायोजक  राज्य सरकार

मंत्रालय / विभाग : अनुसूचित जाति एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग

विवरण : विधवाओं और बेसहारा अनुसूचित जातियों, जनजातियों डिनोटिफाइड, से संबंधित महिलाओं को आय का कोई स्रोत नहीं है, और वे गरीब आर्थिक स्थिति की वजह से उनकी बेटियों के विवाह की व्यवस्था करने में समस्याओं का सामना करना पड़ता है, इस प्रकार इस संकटग्रस्त समूह के लिए इस योजना के तहत रूपये दस हज़ार वैवाहिक मदद दिए जाते है

लाभकारी  समूह ( जिन्हें ये लाभ मिलना चाहिए ) : महिलाएं

हितलाभ के लिए योग्यता : विधवाओं और बेसहारा अनुसूचित जातियों, जनजातियों डिनोटिफाइड से संबंधित महिलाओं

कैसे प्राप्त करें
संपर्क करें : अनुसूचित जाति एवं पिछड़ा का संपर्क कल्याण विभाग विभाग

योजना की वैधता
अंतिम तिथि जब जक यह मान्य है   01 / 01 / 2012

62वां गणतंत्र दिवस समारोह



    हमारा गणतंत्र दिवस भारत की समृद्ध संस्कृति, विरासत एवं गौरवशाली इतिहास का प्रतिबिंब है। इस उत्सव को मनाने के लिए देश का हर नागरिक सहृदय प्रेरित होता है। इस दिन हम देश के वीरों को याद करते हैं तथा उन्हें श्रद्धांजलि देते हैं। हर नागरिक मातृभूमि की रक्षा और उसकी समृद्धि के लिए हर संभव कार्य करने का अपना प्रण दोहराता है। तो आइए, हम मिलकर देश का गणतंत्र दिवस मनाएं.

इतिहास
    भारत 15 अगस्त 1947 को स्वतंत्र हुआ था तथा 26 जनवरी 1950 को इसके संविधान को आत्मसात किया गया, जिसके अनुसार भारत देश एक लोकतांत्रिक, संप्रभु तथा गणतंत्र देश घोषित किया गया।
    26 जनवरी 1950 को देश के प्रथम राष्ट्रपति डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद ने 21 तोपों की सलामी के साथ झंडावंदन कर भारत को पूर्ण गणतंत्र घोषित किया। यह ऐतिहासिक क्षणों में गिना जाने वाला समय था। इसके बाद से हर वर्ष इस दिन को गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाता है तथा इस दिन देशभर में राष्ट्रीय अवकाश रहता है।
    हमारा संविधान देश के नागरिकों को लोकतांत्रिक तरीके से अपनी सरकार चुनने की शक्ति देता है संविधान लागू होने के बाद डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद ने वर्तमान संसद भवन के दरबार हॉल में राष्ट्रपति की शपथ ली थी और इसके बाद पांच मील लंबे परेड समारोह के बाद इरविन स्टेडियम में उन्होंने राष्ट्रीय ध्वज फहराया था।
    वो सैनिक, जिन्होंने देश की रक्षा के लिए अतुल्य योगदान दिया है अथवा सर्वोच्च बलिदान दिया है, उन्हें इस वीरता के लिए पदकों से पुरस्कृत किया जाता है। उच्च श्रेणी की वीरता के लिए परम वीर चक्र, वीर चक्र एवं महावीर चक्र दिया जाता है। वीरता का परिचय देने वाले बच्चों को भी गणतंत्र दिवस पर बहादुरी पुरस्कार दिए जाते हैं।
    बहादुरी के लिए दिए जाने वाले राष्ट्रीय पदकों की शुरुआत 1957 में भारतीय बाल कल्याण परिषद (आईसीसीडब्ल्यू) द्वारा की गई थी। आईसीसीडब्ल्यू हर वर्ष 16 साल से कम उम्र के बच्चों को चुनकर उन्हें वीरता पुरस्कार देता है।

    * पद्म सम्मान
           पदम विभूषण
           पदम भूषण
           पदम श्री
    * सुधारात्मक सेवा मेडल
    * राष्ट्रपति का विशिष्ट पुलिस सेवा पदक
    * उत्कृष्ट सेवा पदक
    * राष्ट्रपति का वीरता के लिए पुलिस पदक
    * वीरता के लिए पुलिस पदक
 

            समारोह
    गणतंत्र दिवस पर विभिन्न क्षेत्रों में देश के सम्मान एवं उपलब्धियों पर प्रकाश डाला जाता है, सैन्य शक्ति तथा हमारी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को दुनियाभर में दिखाया जाता है।
    गणतंत्र दिवस को देशभर में हर्ष और उल्लास के साथ मनाया जाता है। इस दिन को जिस उत्साह के साथ मनाया जाता है उसे देखकर अनेकता में एकता का कथन चरितार्थ दिखाई देता है। प्रत्येक भारतीय मातृभूमि का वंदन करता है। इससे न केवल धर्मनिरपेक्षता तथा लोकतंत्र परिलक्षित होता है बल्कि देश की समृद्ध संस्कृति, बोलियां, भाषाएं, रीति-रिवाज, परंपराएं तथा धर्मों की झलक भी मिलती है। इस वर्ष हमारा देश 62वां गणतंत्र दिवस मना रहा है।
    देश का हर राज्य गणतंत्र दिवस समारोह को मनाता है। इस अवसर पर सभी विद्यालयों, महाविद्यालयों, शासकीय कार्यालयों तथा संस्थानों में झंडावंदन किया जाता है तथा सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है।
    इस समारोह का महा आयोजन राष्ट्रीय राजधानी नई दिल्ली में किया जाता है, जहां तीनों सेनाओं तथा रक्षा बलों द्वारा मार्च पास्ट किया जाता है। कार्यक्रम की शुरुआत इंडिया गेट स्थित अमर जवान ज्योति से होती है, जहां प्रधानमंत्री  डॉक्टर मनमोहन सिंह शहीदों को श्रद्धासुमन अर्पित करते हैं।
    भारत के राष्ट्रपति  द्वारा राष्ट्रीय ध्वज, फहराया जाता है, जिसके बाद राष्ट्रीय गान गाया जाता है तथा 21 तोपों की सलामी दी जाती है। थल सेना, नौ सेना और वायु सेना की अलग अलग रेजिमेंट राष्ट्रपति भवन की ओर से कदम ताल मिलाते हुए राजपथ पर मार्च करती हैं और इंडिया गेट पर भारत के राष्ट्रपति  को सलामी देती हैं, जो भारतीय सशस्त्र सेना के कमांडर इन चीफ भी होते हैं। इसके बाद राज्य रेजिमेंट और भारत के पैरामिलीटरी बल परेड करते हैं।
    देश के विभिन्न लोक नृत्यों, त्यौहारों, ऐतिहासिक स्थानों का प्रतिनिधित्व करने वाले विहंगम प्रस्तुतीकरण किए जाते हैं। विभिन्न विद्यालयों के बच्चे अलग अलग राज्यों के लोक नृत्य प्रस्तुत करते हैं जो मनोहर तथा उत्साह से भरे हुए होते हैं।
    सीमा सुरक्षा बल  के मोटरसाइकल शो जांबाज ने परेड का सबसे रोमांचक, आकर्षक एवं हैरतअंगेज करने वाला प्रदर्शन होता है। यह प्रदर्शन लयबद्ध तथा शारीरिक और मानसिक संतुलन का अद्भुत नमूना होता है।
    भारतीय वायुसेना  के जेट विमान तीन रंगों का धुआं छोड़ते हुए इस महान दिवस के मनोरम कार्यक्रम के समापन की घोषणा करते हुए गुलाब की पंखुडियां बिखेरते हैं। यह परेड के मनोरम दृश्यों में प्रमुख है।
    दूरदर्शन का राष्ट्रीय चैनल, दूरदर्शन समाचार तथा दूरदर्शन  के अन्य चैनल झंडावंदन तथा परेड सहित पूरे कार्यक्रम का सीधा प्रसारण करते हैं। आकाशवाणी भी रेडियो पर इसका सजीव प्रसारण करता है।


बीटिंग द रिट्रीट
    26 लेकर 29 जनवरी तक हर शाम राजधानी दिल्ली के सभी प्रमुख सरकारी भवनों पर रोशनी की जाती है, तथा तीसरे दिन यानी 29 जनवरी को राष्ट्रपति भवन में बीटिंग द रिट्रीट समारोह का आयोजन किया जाता है।
    इस अवसर पर तीनों सेनाओं के बैंड द्वारा आकर्षक परेड की जाती है। शाम को छह बजे राष्ट्रध्वज उतारते समय बिगुल बजाया जाता है तथा इसे गणतंत्र दिवस समारोह का औपचारिक समापन माना जाता है।

ख्योवाली में मनाया गया मतदाता दिवस


ओढां,
    खंड के गांव ख्योवाली में मतदाता दिवस गांव की सरपंच रीना बीरट की अध्यक्षता में मनाया गया। इस अवसर पर नए मतदाताओं को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि आज के दिन आप सबको मतदाता सूची में शामिल होने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है जिसके जरिए आप गांव में पंच व सरपंच ही नहीं बल्कि अपनी पसंद का विधायक व देश की सबसे बड़ी पंचायत लोकसभा का सदस्य सांसद भी चुन सकते हैं। उन्होंने कहा कि यह युवाओं को स्व. राजीव गांधी की देन है अत: आप सब सोच समझकर गांव, राज्य व देश के हित में मतदान करें। इस अवसर पर सरपंच रीना बीरट ने नए मतदाताओं को अपने हाथों से मतदाता पहचान पत्र वितरित किए। इस अवसर पर मुख्यध्यापक बृजमोहन, राजेंद्र कुमार, बीएलओ रमन बीरट, पटवारी नक्षत्र सिंह, वीरेंद्र बीरट, पंच कुलबीर, मदन लाल, असमानी देवी, राम सिंह, चिमन लाल और कृष्ण लाल सहित अनेक गणमान्य गांववासी उपस्थित थे।

छायाचित्र  :ओढ़ां। मतदाताओं को पहचानपत्र वितरित करती सरपंच रीना बीरट।

आपके एसएमएस

पल पल सुनहरे फूल खिलें,
कभी ना हो कांटों से सामना,
जिंदगी खुशियों से भरी रहे,
नए दिन की है यही कामना।

   प्रदीप पिंडार, नुहियांवाली


ना जाने उन.पे इतना यकीन क्यूं है,
उनका ख्याल इतना हसीन क्यूं है,
सुना है प्यार का दर्द मीठा होता है,
तो आंख का ये आंसू नमकीन क्यूं है।
                                                                       विक्रमजीत सहारण, नुहियांवाली

खुशी सिर्फ उन्हें नहीं मिलती जो,
जिंदगी को अपनी शर्तो पे जीते हैं,
सच्ची खुशी उन्हें मिलती है जो,
दुसरों के लिए अपनी जिंदगी बदल देते हैं।
                                                                            सुनील राजपूत, नुहियांवाली

मुस्कुराहट ही हंसी नहीं होती,
उम्र बिताना ही जिंदगी नहीं होती,
खुद से ज्यादा ख्याल रखना पड़ता है दोस्त का,
क्योंकि दोस्त कहना ही दोस्ती नहीं होती।

    मंगलसैन उर्फ राजेश, पन्नीवाला मोटा


दुख कीहनू सुनावां दुनिया सारी बेगानी है,
जिहनू असीं चाहुंदे सी ओह गैरा दी दीवानी है,
साडे गुजरे होए कल दी एहो इक निशानी है,
कुज आप बर्बाद होए कुज सजनां दी मेहरबानी है।

    भजन लाल कड़वासरा, रत्ताखेड़ा

आंसू आपके निकलें तो आंख हमारी हो,
दिल आपका धड़के तो धड़कन हमारी हो,
खुदा करे हमारी दोस्ती इतनी गहरी हो कि,
सांस आपकी रुके और मौत हमारी हो।

    प्रगट सिंह डिल्लों, घुकांवाली

जरुरी नहीं जीने का कोई सहारा हो,
जिसे हमने चाहा वो हमारा हो,
कुछ कश्तियां डूब जाया करती हैं समुंद्र में,
जरुरी नहीं हर कश्ती के नसीब में किनारा हो।

    जग्गी सोनी, ओढ़ां

याद करते हैं दोस्तों को,
तो यादों से दिल भर आता है,
कभी साथ रहा करते थे सब,
आज देखने को दिल तरस जाता है।

    पाल सिंह, ओढ़ां

दिल धड़कन के बिना, जिस्म रुह के बिना,
इंसान मुहब्बत के बिना, हुस्न तारीफ के बिना,
फूल खुश्बू के बिना,और कोई आपके बिना,
.................................................... उदास है।

    निशा रानी, ओढ़ां

लम्हों का सुहाना साथ हो ना हो,
कल में आज जैसी बात हो ना हो,
आपकी दोस्ती हमेशा इस दिल में रहेगी,
चाहे पूरी उम्र मुलाकात हो ना हो।

    गुरप्रीत, ओढ़ां

वादा करते हैं कस्में खाते हैं,
फिर भी ना जाने क्यों,
लोग साथ छोड़ जाते हैं,
हमें तकलीफ होती है,
फूल तोडऩे में भी,
लेकिन ना जाने कैसे,
लोग दिल तोड़ जाते हैं।

    गुरजीत, किंगरा
   
इस दिल का इक अरमान है,
इक चांद में हमारी जान है,
उसे दूर से देखना तो मुमकिन है,
पर पाना नहीं आसान है,
क्योंकि हम हैं जमीं और वो आसमान है।

    कुलवंत ओढ़ां

मुश्किल इस दुनिया में कुछ भी नहीं है,
फिर भी लोग अपने इरादे तोड़ देते हैं,
अगर सच्चे दिल से हो रिश्ता तो,
सितारे भी अपनी जगह छोड़ देते हैं।

    सपना, पन्नीवाला मोटा


पलकों के इशारों से इजहार कर गया कोई,
हमसे मिला नहीं और दिल ले गया कोई,
तन्हाई में सांसें थम गई हमारी,
जब खामोश रहकर प्यार दे गया कोई।

    94672-56540

इससे पहले कि मौत हमें रुसवा करदे,
तूं हमारे जिस्म हमारी रुह को नेक करदे,
ये जो हालात हैं हमारे हमने ही बनाए हैं,
जैसा तूं चाहता है अब वैसा करदे,
हमारे हर फैसले में तेरी रजा शामिल हो,
जो तेरा हुक्म हो वो हमारा इरादा करदे,
हम में जो बीमार हैं उनको तूं शफा दे,
जो ये दुआ भेजे उसकी तमन्ना पूरी करदे।

    95417-98474

सूरज की किरण छुपाएं तो कैसे,
फूलों की महक छुपाएं तो कैसे,
आए ना अगर आपका मैसेज,
तो आप बताएं हम मुस्कुराएं कैसे।

    98964-80020


दो पल की जिंदगानी यहीं बीत जाएगी,
हर काली रात के बाद नई सुबह आएगी,
अगर खास लोगों की याद सताएगी तो,
कसम से आपकी याद सबसे पहले आएगी।

    98120-65664





अपने एसएमएस 94160-95179 या 96716-63006 पर भेजें।
नोट—एसएमएस के साथ अपना पूरा नाम और गांव का नाम अवश्य
लिखें तथा एक सप्ताह में अपने एक या दो चुनींदा एसएमएस ही भेजें
अन्यथा आपके एसएमएस प्रकाशित नहीं हो पाएंगे।   सतीश गर्ग

राष्ट्रीय मतदाता दिवस पर मतदाताओं को दी जानकारी

ओढां, हमारी माटी
    माता हरकी देवी महिला महाविद्यालय ओढ़ां में मंगलवार को प्रथम मतदाता दिवस सोशल सांइस क्लब की ओर से मनाया गया। क्लब की अध्यक्षा सुषमा चौधरी ने मतदाता दिवस पर मतदाताओं को अनेक जानकारियां देते हुए कहा कि भारत सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश है। सबसे ज्यादा मतदाता हमारे देश में हैं, इसलिए हमें मत का प्रयोग सोच समझकर करना चाहिए। सही मत से ही हमारे देश की स्मृद्धि और विकास होता है। उन्होंने कहा कि जो लोग अपने मत का दुरुपयोग करते हैं वे लोकतंत्र के लिए सबसे बड़ी हानि हैं। जेबीटी की छात्रा नीतू ने अपने भाषण में कहा कि हमें योग्य व ईमानदार उम्मीदवार के पक्ष में मतदान करना चाहिए। हमें जातीयता या क्षेत्रवाद के आधार पर मतदान नहीं करना चाहिए। रामकला व रजनी यादव ने भी उपस्थितजनों को अपने भाषण से प्रभावित किया। इस अवसर पर डॉ. सुभाषचंद्र, सुनीता स्याल, डॉ. बिमला साहू, राज परुथी, दीप्ति नैन, प्रीति, सुषमा चौधरी, सोनू गुप्ता, जगदीश कुमार, सुखजीत, रोहताश, गुरजीत व बीएड एवं जेबीटी की छात्राएं उपस्थित थी।

शिक्षा के क्षेत्र में आंतरिक गुणवत्ता विकास पर संगोष्ठी का आयोजन


ओढ़ां, हमारी माटी
    माता हरकी देवी महिला शिक्षा महाविद्यालय ओढ़ां में इंटरनल क्वालिटी एश्यूरेंस सैल द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में अंतरिक गुणवत्ता विकास पर मंगलवार को संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इस संगोष्ठी में मुख्य वक्ता जवाहर नवोदय विद्यालय ओढ़ां के प्राचार्य डॉ. जीके मिसरा थे। कॉलेज प्राचार्या सुनीता स्याल ने उनकी शैक्षणिक योग्यता व शैक्षणिक भ्रमण पर प्रकाश डालते हुए उनका अभिनंदन किया। डॉ. जीके मिसरा ने अपने संबोधन में कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में आंतरिक गुणवत्ता उच्च स्तर पर होनी चाहिए। संस्था अध्यापक व विद्यार्थी मिलकर इस गुणवत्ता को बढ़ा सकते हैं। उच्च दृष्टिकोण, समायोजन, सीखने की कला, उच्च स्तरीय ज्ञान, साधनों का प्रबंध व प्रयोग, सौहार्दपूर्ण वातावरण आदि आंतरिक गुणवत्ता को बढ़ाते हैं। उन्होंने पुस्तकालय का महत्व बताते हुए कहा कि पुस्तकालय में उच्च स्तर की व ज्ञान वर्धक पुस्तकें होनी चाहिए जिनमें अच्छा व उपयोगी पाठ्यक्रम हो। उन्होंने कहा कि हम अपने ज्ञान को बढ़ाकर व कार्य करने के ढंग में बदलाव लाकर जीवन को अच्छा बना सकते हैं। वैश्वीकरण में भागीदारी करने के लिए हमें अपनी मातृभाषा के अलावा अंग्रेजी भाषा को भी अपनाना होगा ताकि हम विश्व के देशों के साथ कदम से कदम मिलाकर चल सकें। इस अवसर पर प्राचार्या सुनीता स्याल, डॉ. सुभाषचंद्र, डॉ. बिमला साहू, राज परुथी, दीप्ति नैन, प्रीति, सुषमा चौधरी, सोनू गुप्ता, जगदीश कुमार, सुखजीत, रोहताश, गुरजीत व बीएड एवं जेबीटी की छात्राएं उपस्थित थी।

शिविर में विद्यार्थियों को प्रशिक्षण प्रदान कर रहे हैं प्रोफैसर भूपेंद्र देव


ओढ़ां, हमारी माटी

    डी.आर मैमोरियल आई.टी.सी खैरेकां में रेडक्रॉस सोसाइटी की ओर से आयोजित प्राथमिक चिकित्सा प्रशिक्षण शिविर में रेडक्रॉस सोसाइटी की ओर से प्राथमिक चिकित्सा एवं नर्सिंग ट्रेनर प्रोफैसर भूपेंद्र देव मुख्य वक्ता के रुप में प्रशिक्षण प्रदान कर रहे हैं। इस शिविर में 121 विद्यार्थी भाग ले रहे हैं।
    प्रोफैसर भूपेंद्र देव ने अपने संबोधन में प्राथमिक सहायता को सबसे बड़ा पुण्य बताते हुए कहा कि प्राथमिक सहायता से किसी दुघर्टनाग्रस्त व्यक्ति की जान बचाई जा सकती है परंतु इसके लिए प्राथमिक चिकित्सा की जानकारी होना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि आज हर क्षेत्र में इसकी आवश्यकता है। दुघर्टनाओं को देखते हुए रेल मंत्रालय ने तो प्राथमिक चिकित्सा को अनिवार्य कर दिया है। अपने विस्तार भाषण में उन्होंने अनेक प्रकार के हादसों, कारखानों, फैक्ट्रियों, घरों व खेतों में काम करते समय लगने वाली चोटों व उनकी प्राथमिक चिकित्सा की जानकारी देते हुए स्वश्न प्रक्रिया व बहते रक्त को कैसे रोका जाए के बारे में विस्तारपूर्वक बताया। उन्होंने अनेक विधियां जैसे सिलेवेस्टर, होल्गार, निल्सन, शैफर्ज और मुंह से मुंह आदि विधियों की पूर्ण जानकारी देते हुए कहा कि इन विधियों का प्रयोग करके मरीज को मौत के मुंह से बचाया जा सकता है। उन्होंने डबवाली अग्निकांड व हाल ही के दिनों में हुए अनेक हादसों का जिक्र करते हुए बताया कि इन हादसों से कैसे बचें व ऐसे समय में प्राथमिक चिकित्सा द्वारा कैसे अन्यों को बचाया जा सकता है। उन्होंने अपने अनुभव विद्यार्थियों के साथ सांझे किए।
    डायरेक्टर रुपिंद्र कंबोज ने बताया कि शिविर में विद्यार्थियों को प्रैक्टीकल तौर पर प्राथमिक चिकित्सा व स्वास्थ्य की देखभाल करने बारे विस्तारपूर्वक जानकारी दी जाएगी। इस अवसर पर जी.आई धर्मपाल सहित अध्यापक वर्ग के सभी शिक्षकों ने उपस्थित रहकर ज्ञान अर्जित किया।

विशेष आवश्यकता वाले बच्चों के लिए नि:शुल्क चिकित्सा जांच शिविर का आयोजन 29 जनवरी को


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    सर्व शिक्षा अभियान के अंतर्गत खंड मुख्यालय ओढ़ां के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में विशेष आवश्यकता वाले बच्चों के लिए नि:शुल्क चिकित्सा जांच शिविर का आयोजन 29 जनवरी को प्रात:काल 9 बजे किया जाएगा।
    यह जानकारी देते हुए खंड शिक्षा अधिकारी ओढ़ां मंजू जायसवाल ने बताया कि स्वास्थ्य जांच के दौरान सिविल अस्पताल सिरसा से पहुंचे विशेष चिकित्सकों के दल द्वारा नि:शुल्क उपचार, सहायक सामग्री, उपकरण व आवश्यकतानुसार शल्य चिकित्सा उपलब्ध करवाई जाएगी तथा जरुरतमंद बच्चों को विकलांगता प्रमाणपत्र भी तत्काल जारी किए जाएंगे।     खंड शिक्षा अधिकारी महोदया ने सर्वसाधारण, अध्यापकों, अभिभावकों व समाज सुधार मंडलों से अपील की है कि वे 06 से 14 वर्ष तक के सभी बच्चों को चिकित्सा शिविर में लाने के लिए प्रेरित करें ताकि विशेष बच्चों का मैडिकल चैकअप किया जा सके।


ठेकेदार की मनमानी से दुकानदार परेशान

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    ओढ़ां में राष्ट्रीय राजमार्ग नंबर 10 पर चल रहे सड़क निर्माण कार्य को जीटी रोड पर स्थित मार्केट के दुकानदारों व निवासियों ने रोक दिया क्योंकि नई बन रही सड़क पर ठेकेदार कई दिनों से पानी का छिड़काव नहीं कर रहा था जिसके कारण पूरे दिन धूल मिट्टी उड़ते रहने के कारण दुकानदारों व घरों को भारी परेशानी हो रही थी। दुकानदार कौर सिंह, चंद सिंह, भोला सिंह, राजेंद्र सिंह, सेवक सिंह, रामचंद्र मायला और रामप्रसाद आदि ने बताया कि जेई को व ठेकेदार को अनेक बार कहा लेकिन कोई असर नहीं हुआ। इसके बाद सभी दुकानदार बी.डी.पी.ओ के पास गए और उनसे शिकायत की। उन्होंने जिला उपायुक्त के पी.ए को स्थिति से अवगत करवाते हुए दुकानदारों से एक दो दिन इंतजार करने को कहा जिस पर दुकानदार मान गए और कहा कि इस समस्या का निदान न हुआ तो वे जीटी रोड पर जाम लगाने पर मजबूर हो जाएंगे।