Wednesday, March 30, 2011

एक अप्रैल को जिला मुख्यालय पर जोरदार प्रदर्शन करेगा अध्यापक संघ

 ओढां
    हरियाणा सरकार जहां शिक्षकों के वेतन नहीं दे पा रही है वहीं तुगलकी फरमान से त्रिस्तरीय ढांचा लागू करके शिक्षा का भठ्ठा बैठाने का काम भी सरकार एक अप्रैल से करने जा रही है। इस व्यवस्था परिवर्तन के बारे में न तो शिक्षक संघों की राय ली गई और न ही अभिभावकों के साथ विचार विमर्श किया गया है। इसलिए न तो अभिभावक संतुष्ट हैं और न ही अध्यापक संतुष्ट हैं, सरकार किस का भला करना चाहती है? यह बात संघ के ब्लॉक प्रधान ओम प्रकाश ने प्रैस विज्ञप्ति जारी करते हुए कही।
    हरियाणा राजकीय अध्यापक संघ 70 (सर्वकर्मचारी संघ) त्रिस्तरीय ढांचे का पुरजोर विरोध करते हुए एक अप्रैल को जिला मुख्यालय पर 3 से 5 बजे तक जोरदार प्रदर्शन करेगा। इस ढांचे के लागू होने से जहां जेबीटी व गेस्ट टीचरर्स को सरकार बाहर का रास्ता दिखाएगी वहीं पदोन्नति के रास्ते भी बंद हो जाएंगे तथा ग्रामीण स्कूलों के विद्यार्थियों को दूरदराज के स्कूलों में जाकर शिक्षा ग्रहण करनी पड़ेगी। जेबीटी, बीएड जैसे कोर्स का औचित्य ही समाप्त हो जाएगा। डायरेक्टर महोदय विदेशी प्रोजेक्ट के आधार पर शिक्षा ढांचा बदलना चाह रहे हैं जबकि वे वास्तविकता से वाकिफ नहीं हैं। पूरे देश में ऐसा कोई ढांचा नहीं है। शिक्षक संघ तमाम अध्यापकों व अभिभावकों के साथ मिलकर तार्किक आधार पर त्रिस्तरीय ढांचे का विरोध करेगा।
    इस अवसर पर उनके साथ उपस्थित जिला सचिव बूटा सिंह, मुलख सिंह, अजायब सिंह, कृष्ण मेहता, श्याम जुल्का, चमकौर सिंह, गुरतेज सिंह, बलजीत सिंह और सुरेंद्र बब्बल आदि अध्यापकों ने स्पष्ट तौर पर हर मोर्चे पर सरकार की कर्मचारी व जन विरोधी प्रणाली का विरोध करने का आह्वान किया।

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