Saturday, December 11, 2010

सफलतापूर्वक संपन्न हुई दो दिवसीय खंड स्तरीय खेलकूद प्रतियोगिता

ओढां- हमारी माटी
दादू की कबड्डी टीम
फाइनल मैच का दृश्य
असीर की कबड्डी
    राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय ओढ़ां के खेल मैदान में खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी ओढ़ां बलराज सिंह मलेठिया की अध्यक्षता में आयोजित दो दिवसीय खंड स्तरीय खेलकूद प्रतियोगिता गुरुवार को सफलतापूर्वक सम्पन्न हो गई। समापन समारोह में मुख्यातिथि के रुप में महंत शिवानंद केवल व विशिष्ट अतिथि के रूप में पंचायत समिति ओढ़ां के चेयरमैन जगदेव सिंह असीर ने सभी विजेता टीमों, खिलाडिय़ों व पंच सरपंचों को पुरस्कार देकर सम्मानित किया।
    प्रतियोगिता में अंतिम दिन गुरुवार को अनेक रोचक मुकाबले देखने को मिले।महिलाओं की 100 मीटर दौड़ में गांव तारुआना की लवप्रीत कौर ने प्रथम और तारुआना की ही संदीप कौर ने द्वितीय स्थान प्राप्त किया जबकि 400 मीटर दौड़ में गांव ख्योवाली की प्रियंका ने तारुआना की लवप्रीत कौर को दूसरे स्थान पर पछाड़ते हुए प्रथम स्थान प्राप्त किया। महिलाओं की 1500 मीटर दौड़ में गांव तारुआना की सितरजीत ने प्रथम, उसी गांव की परमप्रीत ने द्वितीय और ख्योवाली की अनीता ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। महिलाओं की 5000 मीटर दौड़ में गांव ख्योवाली की अर्चना, रवीना और रवींद्र ने क्रमश: प्रथम, द्वितीय व तृतीय स्थान प्राप्त किया। वहीं पुरुषों की 100 मीटर दौड़ में गांव मिठडी के गुरलाल सिंह ने प्रथम और रोहिडांवाली के हरप्रीत सिंह ने द्वितीय तथा 400 मीटर दौड़ में गांव खोखर के गुरप्रीत सिंह ने प्रथम और ओढ़ां के भोला सिंह ने द्वितीय स्थान प्राप्त किया। सरपंचों की 100 मीटर दौड़ में असीर के कुलदीप सिंह ने प्रथम और हस्सू के नरेंद्र सिंह ने द्वितीय स्थान प्राप्त किया तथा पंचो की 100 मीटर दौड़ में आनंदगढ़ के राजेंद्र सिंह ने प्रथम और खोखर के लखविंद्र व ख्योवाली के कृष्ण लाल ने संयुक्त रुप से द्वितीय स्थान प्राप्त किया।
    उधर महिला कबड्डी के फाइनल मैच में गांव तारुआना व असीर की टीमों के मध्य मुकाबला हुआ जिसमें असीर की टीम ने तारुआना की टीम को 19 के मुकाबले 21 अंकों से हराकर फाइनल मैच जीत लिया। दूसरी ओर पुरुषों की कबड्डी के सेमीफाइनल में पहुंची चार चार टीमों में से गांव दादू की टीम का मुकाबला जगमालवाली की टीम से और गांव मिठडी की टीम का मुकाबला असीर की कबड्डी टीम से हुआ जिसमें जीतकर दादू व असीर की टीमें फाइनल में पहुंची। फाइनल मैच में गांव दादू की टीम ने असीर की टीम को 11 के मुकाबले साढ़े 11 से हराकर फाइनल मैच जीत लिया। बालीबाल में पन्नीवाला मोटा की टीम ने जलालआना की टीम को 5 के मुकाबले 15 अंकों से हराकर फाइनल मैच जीता। ग्राम पंचायतों की रस्साकस्सी में तारुआना की ग्राम पंचायत ने प्रथम और धर्मपुरा की ग्राम पंचायत ने द्वितीय स्थान प्राप्त किया।
    इस अवसर पर सरपंच नरेंद्र मल्हान ओढ़ां, सुखदेव सिंह चोरमार, नरेंद्र सिंह हस्सू, जसविंद्र सिंह जलालआना, अवतार सिंह सालमखेड़ा, बलवंत गोदारा आनंदगढ़, हरचरण सिंह धर्मपुरा, कुलदीप सिंह असीर, रीना देवी ख्योवाली, एसईपीओ भूप सिंह, एबीपीओ सुनील कंबोज, सहायक बिकर सिंह, अमरीक सिंह, राजेश सारस्वत, कनिष्ठ अभियंता देवेंद्र बांसल, धर्म सिंह ढिल्लों, डीपीई बलविंद्र सिंह, लाजवंती लकडांवाली, सुरेंद्र कुमार, धर्मबीर जाखड़ व कृष्ण लाल सहित स्टाफ के सभी लोग व अनेक गांवों के पंच सरपंच उपस्थित थे।

Friday, December 10, 2010

दो दिवसीय खंड स्तरीय खेलकूद प्रतियोगिता शुरू

ओढां— हमारी माटी
असीर व खोखर के कबड्डी मैच का दृश्य
खिलाडिय़ों से परिचय प्राप्त करते डॉ केवी सिंह
लोगों की शिकायतें सुनते डॉ केवी सिंह
    राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय ओढ़ां के खेल मैदान में बुधवार को खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी बलराज सिंह मलेठिया की अध्यक्षता में आरंभ हुई दो दिवसीय पंचायती खेलकूद प्रतियोगिता का उद्घाटन मुख्यमंत्री के पूर्व ओएसडी डॉ. के.वी सिंह ने रिबन काटकर किया। इस मौके पर उनके साथ पंचायत समिति ओढ़ां के प्रधान जगदेव सिंह, हल्का डबवाली के पूर्व प्रधान निर्मल सिद्धू, कांग्रेस के पूर्व ब्लॉक अध्यक्ष दर्शन सिंह मलकाना, एसईपीओ भूप सिंह, कनिष्ठ अभियंता देवेंद्र बांसल, ओमप्रकाश, प्रेम कंबोज, कर्ण सिंह, जसविंद्र सिंह, विष्णुदत्त वर्मा, उमेद कुमार, नरेंद्र नारंग, राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय के प्राचार्य सुभाष फुटेला, महावीर मल्हान, सरपंच नरेंद्र मल्हान ओढ़ां, बसंत सिंह देसू मलकाना, सोहन लाल सरपंच प्रतिनिधि नुहियांवाली, बीरवंत सिंह जंडवाला, हरचरण सिंह धर्मपुरा, जग्गा सिंह जगमालवाली, बलवंत गोदारा आनंदगढ़, हेतराम पंच पन्नीवाला, गुरजंट सिंह सहु, कौर सिंह कुंडर, डीईपी बलविंद्र सिंह, पीटीआई कृष्ण कुमार, जोगेंद्र कुमार, लाजवंती लकडांवाली, धर्मबीर जाखड़, जगसीर सिंह मिठडी, अवतार सिंह सालमखेड़ा, जसविंद्र सिद्धू जलालआना, पवन शर्मा टप्पी और वीरेंद्र बीरट ख्योवाली सहित अनेक अनेक लोग उपस्थित थे।
    इस अवसर पर डॉ. के.वी सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा की खेलों को लेकर बनाई खेल नीति के परिणाम अब सामने आने लगे हैं और इसी का परिणाम है कि कॉमनवेल्थ खेलों में हरियाणा के खिलाडिय़ों ने अपने प्रदर्शन से राज्य व देश का नाम रोशन किया। उन्होंने कहा कि सरकार खेलों को प्रोत्साहन दे रही है, जिसके तहत हरियाणा में 171 खेल स्टेडियम बनकर तैयार हो चुके हैं और इनमें शीघ्र ही सभी प्रकार की सुविधाएं मुहैया करवा दी जाएंगी। इसके साथ-साथ ग्राम पंचायतों का भी मान सम्मान किया जा रहा है जिसके तहत जिस गांव का खिलाड़ी गोल्ड मैडल जीतेगा उस खिलाड़ी को दिए जाने वाले प्रोत्साहन के अलावा उस गांव की ग्राम पंचायत को 51 लाख रुपए दिए जाएंगे। इसी प्रकार जिस गांव का खिलाड़ी सिल्वर मैडल प्राप्त करेगा उस ग्राम पंचायत को 31 लाख रुपए और कांस्य पदक विजेता के गांव की ग्राम पंचायत को प्रोत्साहन स्वरुप 21 लाख रुपए की राशी दी जाएगी। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा खिलाडिय़ों को 3 प्रतिशत नौकरियां देने की घोषणा भी की गई है। हाल ही में 11 खिलाडिय़ों को सीधे डीएसपी नियुक्त किया गया है जिनमें से एक जिला सिरसा के गांव संतनगर का हॉकी का खिलाड़ी भी शामिल है।
    प्रतियोगिता का पहला पुरुष कबड्डी मैच फ्रंडली मैच के रूप में असीर व खोखर की टीमों के मध्य खेला गया। जिसमें असीर की टीम को 18 के मुकाबले 28 अंकों से हराकर खोखर की टीम विजेता बनी। दूसरा कबड्डी मैच महिला वर्ग में तारुआना व ओढ़ां की टीमों के मध्य खेला गया जिसमें तारुआना की टीम ओढ़ां की टीम को 15 के मुकाबले 28 अंकों से हराकर विजेता बनी। तीसरा कबड्डी मैच महिला वर्ग में ख्योवाली व असीर की टीमों के मध्य खेला गया जिसमें असीर की टीम ने ख्योवाली की टीम को 10 के मुकाबले 30 अंक से हराया। इस प्रकार महिला वर्ग में गांव असीर व तारुआना की कबड्डी की टीमों ने फाइनल में प्रवेश कर लिया है और उनके मध्य फाइनल मैच प्रतियोगिता के अंतिम दिन खेला जाएगा।
    प्रतियोगिता का चौथा कबड्डी मैच पुरुष वर्ग में गांव असीर व ख्योवाली की टीमों के मध्य खेला गया जिसमें असीर की टीम ने ख्योवाली की टीम को 16 के मुकाबले 26 अंक से पराजित कर दिया। पुरुष वर्ग में ही कबड्डी का पांचवां मैच ओढ़ां और खोखर की टीमों के मध्य खेला गया जिसमें कांटे की टक्कर देखने को मिली और दोनों टीमों ने 18-18 अंक अर्जित किए लेकिन पहली रेड खोखर की ओर से होने के कारण खोखर की टीम को विजयी घोषित किया गया। पुरुष वर्ग में ही कबड्डी का छठा मैच गांव दादू व तारुआना की टीमों के मध्य खेला गया जिसमें दादू की टीम ने तारुआना की टीम को हरा दिया। प्रतियोगिता के शेष मैच प्रतियोगिता के अंतिम दिन गुरुवार को खेले जाएंगे।

धूमधाम से मनाया श्रीगुरु नानकदेवजी का प्रकाशोत्सव

घुकांवाली- हमारी माटी

    श्रीगुरु नानकदेव जी का प्रकाशोत्सव गुरुद्वारा साहिब घुकांवाली में बड़ी धूमधाम व उत्साह के साथ मनाया गया। इस अवसर पर समस्त गांववासियों के सहयोग से श्रीगुरुद्वारा साहिब में रखे गए श्रीअखंडपाठ का भोग डाला गया।
    इस अवसर पर गुरुद्वारा के मुख्य ग्रंथी बाबा संदीप सिंह ने श्रीगुरु नानकदेव जी के जीवन व शिक्षाओं पर प्रकाश डालते हुए कहा कि हम सभी को उनके बताए मार्ग पर चलते हुए अपने जीवन को सफल बनाना चाहिए। इस अवसर पर सिख मिशनरी कॉलेज तलवंडी साबो के विद्यार्थियों ने विशेष रूप से सेवा कार्य में भाग लिया। इस अवसर पर गुरुजी का अटूट लंगर बरताया गया जिसमें समस्त गांववासियों ने भाग लिया। 
    इस अवसर पर नंबरदार लखबीर सिंह, हरभजन सिंह, सतनाम सिंह, मेजर सिंह, सुखदेव सिंह खजानची, बखतावर सिंह, मना सिंह और गुरशरण सिंह सहित बड़ी संख्या में गांववासी संगतें उपस्थित थी।

योग आश्रम में मासिक सत्संग सम्पन्न

रोहिडांवाली—चानन सिंह

    खंड ओढ़ां के गांव रोहिडांवाली में स्थित ब्रह्मविद्या विहंगम योग आश्रम में रविवार को आयोजित मासिक सत्संग में उपदेष्टा हरलाल सिंह ने ब्रह्मविद्या के महत्व और उसकी आवश्यकता के बारे में बताया।
    उन्होंने कहा कि ब्रह्मविद्या को हम पराविद्या, आध्यात्मविद्या व मधुविद्या भी कहते हैं। ब्रह्मविद्या द्वारा आध्यात्म क्षेत्र के समस्त तत्वों का प्रत्यक्ष योगभ्यास विशेष भूमि पर साधना के द्वारा केवल सद्गुरु द्वारा प्राप्त होता है न कि मन, बुद्धि व इंद्रीयों द्वारा। प्राकृतिक भूमियों में साधन अभ्यास के द्वारा अथवा प्राकृतिक साधनों द्वारा केवल कुछ फल प्राप्त होते हैं न कि आत्मप्रत्यक्ष होती है। ब्रह्मविद्या एक तत्व है जिसको जान लेने से सब जाना जाता है। ब्रह्मविद्या सद्गुरु द्वारा जानी जा सकती है इधर उधर स्वयं ग्रंथ पढ़कर नहीं। कई लोग कहते हैं कि ईश्वर प्राप्ति के अनेकों मार्ग है वे अबोध बालक हैं और बड़ी भूल में हैं। ब्रह्मप्राप्ति का मार्ग एक ही है जो सुष्मन द्वार है इस भेद कला को सद्गुरु उपदेश करते हैं। यह गोपनीय महापथ केवल गुरु प्रसाद से ही प्राप्त होता है अन्य उपाय से नहीं। आध्यात्मविद्या ब्रह्मविद्या के प्रकाश में सब काम वासनाएं जलकर आत्मा विशुद्ध हो जाती है और शुद्ध स्वरूप का साक्षात्कार करके जीवन मुक्ति प्राप्त होती है। इस अवसर पर साधक राजाराम गोदारा सहित अनेक साधक उपस्थित थे।

तीसरा विश्वयुद्ध पानी के लिए लड़ा जाएगा—रमेश गोयल

विद्यार्थियों को सम्बोधित करते रमेश गोयल
ओढ़ां- हमारी माटी
    जल विद्युत बचत अभियान को एक मिशन के रूप में लेते हुए शिक्षण संस्थानों में प्रार्थना सभाओं में जाकर अब तक 70000 से भी ज्यादा विद्यार्थियों को प्रत्यक्ष रूप से बिजली व पानी को बचाने का संदेश दे चुके रमेश गोयल शनिवार ओढ़ां पहुंचे और उन्होंने यहां स्थित राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय के विद्यार्थियों को ज्यादा से ज्यादा जल व विद्युत बचाने के उपाय सुझाए।
    उन्होंने कहा कि अपना वंश चलाने के लिए इंसान क्या नहीं करता, उनके लिए जो धन संपत्ति जोडऩे में व्यक्ति पूरी जिंदगी लगा रहता है लेकिन नहीं सोचता कि धन संपत्ति ज्यादा कीमती जल भी उनके लिए बचाया जाए जो किसी फैक्टरी में नहीं बनता जो बल्कि प्रकृति की देन है और सीमित मात्रा में उपलब्ध है। जल की बचत करने की बजाय उसे बर्बाद करते समय ये नहीं सोचते कि हमारी आने वाली पीढ़ी को घोर संकट में धकेल रहे हैं। आज विश्व के एक अरब से ज्यादा लोगों को पीने का साफ पानी नहीं मिलता जबकि प्रत्येक व्यक्ति को निर्जलीकरण से बचने के लिए प्रतिदिन कम से कम 6-7 गिलास पानी की आवश्यकता होती है। उन्होंने कहा कि भारत, चीन व अमेरिका जैसे देशों में अत्यधिक जलदोहन से भूजल स्तर में तेजी से आई गिरावट संकेत देती है कि तीसरा विश्वयुद्ध पानी के लिए लड़ा जाएगा। सन 2031 तक हमें आज के मुकाबले 4 गुणा अधिक पानी की आवश्यकता होगी। पानी के लिए लड़ाई गली मोहल्लों तक ही नहीं बल्कि हरियाणा व पंजाब, कर्नाटक व तामिलनाडु और हरियाणा व दिल्ली के मध्य तनाव जगजाहिर है। पिछले 200 वर्षों के मुकाबले आने वाले 20 वर्ष में हमें जल प्रबंधन की आवश्यकता कहीं अधिक होगी। अर्थात यदि यही हाल रहा तो आने वाले समय में हमारे नाती पोते बिन पानी सब सून के अनुसार जल के बिना तड़पते नजर आएंगे। हरियाणा में नजर दौड़ाएं तो प्रांत के कुल 119 खंडों में से 55 डार्क जोन में हैं और 43 की स्थिति चिंताजनक है।
    उन्होंने कहा कि जल को लेकर वर्तमान स्थिति इतनी विस्तृत है कि जाने कितना समय लगे अत: बात करते हैं पानी की बचत करने की। पानी की बचत हेतु कभी नल को खुला न छोड़े और सार्वजनिक नल खुला देखें तो बंद करदें, शेव, पेस्ट करते या हाथ मुंह धोते समय नल बंद करके मग का प्रयोग करें और पुश बटन वाली टोंटी लगवाएं। नहाते समय छोटे आकार की बाल्टी का प्रयोग करें और दिन में एक बार ही नहाएं। कपड़े मशीन की बजाय बाल्टी में खंगाले, पाइप से जल रिसाव तुरंत बंद करें, पानी की टंकी या कूलर में गुब्बारा लगवाएं ताकि भरने पर पता चल जाए, बर्तन साफ किए, टब के पानी व कपड़े खंगाले पानी को पौधों आदि में डालें। उन्होंने कहा कि मिट्टी वाले स्थान को साफ करने के बाद पोचा लगाएं, फर्श व वाहन धोने का काम पाइप की बजाय पोचा लगाकर करें। अनावश्यक छिड़काव न करें और पेयजल से पशु न नहलाएं, पौधों को भी पाइप की बजाय आवश्यकतानुसार बाल्टी से पानी दें और संभव हो तो फब्बारा या ड्रिप सिस्टम अपनाएं तथा वर्षा जल संग्रहण तकनीक अपनाएं। गांव के तालाब में पानी एकत्र करें। उन्होंने कहा कि शौचालय के बाहर हाथ धोने के बाद खोली गई टोंटी हम हाथ धोने बाद बंद करते हैं, हाथ गीला करने, साबून लगाने और हाथ मलते समय पानी व्यर्थ बहता है अत: हाथ गीला करके टोंटी बंद करदें और हाथ धोते समय ही खोलें। इसी प्रकार दंतमंजन करते समय ब्रश गीला करने के लिए खोली गई टोंटी कुल्ला करने के बाद ही बंद की जाती है, स्नानगृह में बाल्टी में नल छोड़कर नहाने से एक दो बाल्टी की बजाय 5-7 बाल्टी पानी खर्च कर दिया जाता है। इसी प्रकार बर्तन साफ करते समय तथा अन्य कार्य करते समय हम जरा सा ध्यान रखें तो प्रतिदिन काफी पानी बचा सकते हैं और हमारी आने वाली नस्लों को बचा सकते हैं। 

स्वयं करें, परिवार व नौकर को समझाएं, समाज को जगाए तथा देश बचाएं।

ग्रामीणों ने की हाइवे पर रास्ता छोडऩे की मांग

ओढां- हमारी माटी

    ओढ़ां में राष्ट्रीय राजमार्ग नंबर 10 के किनारे बसे गांववासियों ने पीडब्ल्यूडी विभाग के कार्यकारी अभियंता को एक पत्र भेजकर फोरलेन किए जा रहे राजमार्ग पर रास्ता छोडने की मांग की है।
    गांववासियों किशन कुमार, सतबीर, कुलदीप, संदीप, कृपा राम, रामस्वरूप, लीलू राम, बलवंत, विनोद, रामचंद्र, जगदीश, जोगेंद्र, विकास, भूषण, हरविंद्र, जसविंद्र, कुलविंद्र, लछमी, संतोष और सोनू आदि ने पत्र में लिखा है कि ओढ़ां में हाइवे को चौड़ा करके उसके मध्य डिवाडर बनाया जा रहा है उसमें कालांंवाली तिराहे से लेकर गुरुद्वारा के सामने मंडी रोड तक एक ही रास्ता दिया गया है जबकि इसके मध्य विश्रामगृह, आटो मार्केट व किसानों के 20-25 के लगभग मकान आते हैं। इसके कारण किसानों को अपनी ऊंटगाड़ी, पशु व ट्रैक्टर और स्कूली बच्चों को विपरीत साइड से लाना पड़ता है और व्यस्त मार्ग होने के कारण दुर्घटना का भय बना रहता है। इसके साथ ही घरों के आगे जो जल निकासी नाला है वो काफी गहरा बनाया गया है उसे भी ढका नहीं गया है जिसके कारण उसमें अक्सर पशु आदि गिर जाते हैं। उन्होंने मांग की है कि जल निकासी नाले को ढका जाए और हाइवे पर इस बीच दो रास्ते एक विश्रामगृह के सामने दूसरा आटो मार्केट के सामने छोड़ा जाए ताकि किसी दुर्घटना का भय न रहे।
    इस विषय में राष्ट्रीय राजमार्ग नंबर 10 हिसार के कार्यकारी अभियंताऐके गोयल से बात किए जाने पर उन्होंने बताया कि लोगों की दिक्कत को देखते हुए थाना व विश्रामगृह के सामने एक रास्ता बना दिया जाएगा ताकि सामने वाले घरों को परेशानी न हो।

डॉ. भीमराव अंबेदकर का परिनिर्वाण दिवस मनाया

पन्नीवाला मोटा—श्रीराम
डॉ. अंबेदकर के चित्र पर पुष्प अर्पित करते दाताराम व अन्य

    राजकीय प्राथमिक पाठशाला पन्नीवाला मोटा में डॉ. भीमराव अंबेदकर युवा क्लब एवं ग्राम पंचायत के सहयोग से बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेदकर का 54 वां परिनिर्वाण दिवस मनाया गया। एएसआई बाबू लाल की अध्यक्षता में आयोजित इस कार्यक्रम में गांव के सरपंच प्रतिनिधि दाता राम बतौर मुख्यातिथि उपस्थित हुए।
    इस अवसर पर डॉ. साहेब के जीवन पर प्रकाश डालते हुए मुख्यातिथि दाता राम ने कहा कि डॉ. साहेब कठिन परिस्थितियों में शिक्षा ग्रहण करते हुए अपने जीवन में निरंतर आगे बढ़े और उन्होंने समाज के उत्थान के लिए ताउम्र संघर्ष किया। डॉ. साहेब के जीवन में तीन बातों का समावेश मिलता है, शिक्षित बनो, संघर्ष करो व संगठित रहो। 
    इस अवसर पर मुख्याध्यापक रामस्वरूप सेठी, हरपाल सिंह तगड़, महेंद्र, रमेश, महिला विंग ओढ़ां कांग्रेस ब्लॉक प्रधान शिमला रानी, डॉ. भीमराव अंबेदकर युवा क्लब के सभी पदाधिकारी व सदस्य, सुनीता देवी, आंगनबाड़ी वर्कर सरना देवी, श्रीराम, विनोद सिंहमार, रोहताश, पंच हेतराम, दीपक सोढ़ी और मोहर सिंह सोढ़ी सहित काफी संख्या में गांव के गणमान्य लोग उपस्थित थे।

जल संरक्षण अभियान के तहत विद्यार्थियों को भ्रमण करवाया

ओढां- हमारी माटी
विद्यार्थियों को जानकारी देते किसान रमन गोदारा

    जल संरक्षण अभियान के तहत माता हरकी देवी सीनियर सैकंडरी स्कूल ओढ़ां के बच्चों को गोदारा फार्म हाऊस ख्योवाली का भ्रमण करवाया गया जिसमें छह से नौ वर्ष तक के सभी विद्यार्थियों सहित स्कूल की प्राचार्या मनीषा गोदारा, विज्ञान अध्यापिका अंबिका धीर एवं स्टाफ सदस्य वरुण बजाज, सुनीता जांगू, रामचंद्र वर्मा और विजयलक्ष्मी आदि शामिल हुए।
    अर्थ दिवस से शुरू हुए जल संरक्षण अभियान के तहत ख्योवाली के फार्म हाऊस पर प्रगतिशील किसान रमन गोदारा ने टपका सिंचाई सिस्टम दिखाते हुए इसके द्वारा की जाने वाली सिंचाई की प्रक्रिया के बारे में विस्तार से समझाया। उन्होंने बताया कि इजराइल देश में अत्यधिक रेगिस्तान होने के कारण टपका सिंचाई सिस्टम को सर्वप्रथम इजराइल ने ही अपनाया और जो अब खेती के मामले में अन्य सभी देशों से कहीं ज्यादा विकसित है। रमन गोदारा ने विद्यार्थियों को ऑनलाइन, इनलाइन व लेकट्रल सिस्टम भी दिखाया जिसके द्वारा किन्नू के पौधों को पानी दिया जा रहा है। उन्होंने विद्यार्थियों को तरल खाद के विषय में जानकारी देते हुए यह भी बताया कि ये खाद पौधों को किस सिस्टम के द्वारा पहुंचाई जाती है। विद्यार्थियों ने वहां पर भूमि से 14-15 फीट गहरे वाटर टैंक को भी देखा जिसमें एक करोड़ 38 लाख लीटर पानी जमा होता है और जिससे एक महीने तक 60 से 70 एकड़ में फैले पौधों के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी दिया जा सकता है। उन्होंने फिल्टर सिस्टम जिसमें सिलिका सैंड से पानी डिस्क फिल्टर में होकर जाता है दिखाते हुए बताया इस सिस्टम से पानी किस तरह पौधों तक जाता है और सभी पौधों में पानी अंडरग्राऊंड पाइपों के द्वारा ऑनलाइन व इनलाइन के माध्यम से बूंदों के रूप में पौधों को कैसे मिलता है। यह जानकारी देते हुए उन्होंने सिस्टम को चलाकर विद्यार्थियों को प्रत्यक्ष रूप पौधों को पानी देकर दिखाते हुए दी।
    विज्ञान अध्यापिका अंबिका धीर ने बताया कि अर्थ दिवस से शुरू हुए इस अभियान में बच्चों को समय समय पर विषय से संबंधित अन्य स्थानों का भ्रमण भी करवाया जाएगा।

ग्लोवल वार्मिंग विषय पर भाषण प्रतियोगिता का आयोजन किया गया

ओढ़ां- हमारी माटी

    माता हरकी देवी सीनियर सैकंडरी स्कूल ओढ़ां में विज्ञान विभाग के तत्वाधान में ग्लोवल वार्मिंग विषय पर भाषण प्रतियोगिता का आयोजन किया गया जिसमें कक्षा 6 से 9 तक के सभी विद्यार्थी उपस्थित थे।
    इस प्रतियोगिता में कक्षा 8 के विद्यार्थियों ने भाषण के माध्यम से वर्तमान समय की ज्वलंत समस्या ग्लोवल वार्मिंग विषय पर अपने विचार प्रस्तुत किए और इससे दिन प्रतिदिन होने वाली हानियों पर प्रकाश डाला। ग्लोवल वार्मिंग विषय पर ही विद्यार्थियों के साथ चर्चा करते हुए विज्ञान अध्यापिका अंबिका धीर ने उन्हें गैसों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। इस प्रतियोगिता की निर्णायक टीम की भूमिका अंग्रेजी अध्यापक वरुण बजाज एवं एस एस अध्यापिका सुनीता जांगू ने निभाई।
    इस प्रतियोगिता में कक्षा 8 के लवप्रीत ने प्रथम स्थान प्राप्त किया। कार्यक्रम के अंत में स्कूल की प्राचार्या मनीषा गोदारा ने ग्लोवल वार्मिंग विषय पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि हमें अधिक से अधिक वृक्ष लगाने चाहिए तथा इसके कारणों का निराकरण करने के लिए हर आदमी को उपाय करने चाहिए ताकि हमारी आने वाली पीढिय़ां रोगमुक्त बने।

कालांवाली ग्रामसभा की बैठक में पास हुए अनेक प्रस्ताव

ओढ़ां- हमारी माटी

    हरियाणा पंचायतीराज अधिनियम के तहत मंगलवार को खंड ओढ़ां के गांव कालांवाली में ग्रामसभा की बैठक आयोजित की गई। ग्राम पंचायत कालांवाली की बैठक समाज शिक्षा एवं पंचायत अधिकारी ओढ़ां भूप सिंह की अध्यक्षता में आयोजित की गई जिसमें सरपंच गुरचरण सिंह ठानी, ग्राम सचिव प्रेम कंबोज, पंच प्रकाश चंद, जंटा सिंह, जोगा सिंह, रेशमा देवी, जसपाल कौर, झण्डा सिंह और गोरा सिंह सहित गांव के अनेक लोगों ने भाग लिया।
    इस बैठक में गांव के वार्ड नंबर 2, 3, 11, 12, 13 और 14 में पीने का पानी नहीं पहुंचता इसलिए वहां पर बूस्टिंग स्टेशन बनाने का प्रस्ताव पास किया गया। इसके अलावा राजकीय कन्या प्राथमिक पाठशाला में कार्यरत जेबीटी अध्यापिका सुलोचना वर्मा दो वर्ष पूर्व डेपूटेशन पर गई थी जिस कारण बच्चों की पढ़ाई वाधित हो रही है उसे वापिस बुलाने और एक रिक्त पद भरने, राजकीय ब्वायज प्राथमिक पाठशाला में एक कमरा बनाने की ग्रांट आई हुई है इसलिए एक पुराने कमरे को कंडम घोषित करके गिराने के बाद उसकी जगह नया कमरा बनाने तथा जलघर में जो पाइप लाइन मिठडी माइनर से आती है उसमें कचरा व जाला फंसा हुआ है और पानी कम आता है उसकी सफाई करवाने आदि प्रस्ताव पास किए गए।
    उल्लेखनीय है कि नवंबर माह में जब खंड ओढ़ां के सभी गांवों में ग्रामसभा की बैठकों का आयोजन किया गया था उस समय गांव कालांवाली में किसी कारणवश ग्रामसभा की बैठक आयोजित नहीं हो पाई थी इसलिए कालांवाली में ग्रामसभा की बैठक का आयोजन मंगलवार को किया गया।

विवाह समारोह में भाग लेने ओढ़ां पहुंचे अभय सिंह चौटाला

ओढ़ां- हमारी माटी

    भारतीय ओलंपिक संघ के उपाध्यक्ष व ऐलनाबाद के विधायक अभय सिंह चौटाला गत दिवस ओढ़ां में माता हरकी देवी एजूकेशन सोसाइटी के कोषाध्यक्ष मंदर सिंह सरां की भतीजी के विवाह समारोह में भाग लेने ओढ़ां आए।
जलपान के दौरान कार्यकर्ताओं से बात करते अभय चौटाला
    इस अवसर पर पत्रकारों से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि हरियाणा प्रदेश सरकार यूं तो खेल नीति की बात करती है लेकिन वास्तव में वो इस विषय में कुछ नहीं कर रही है। उन्होंने कहा कि खेलों के विकास के लिए सरकार ने अभी तक कोई कदम नहीं उठाए हैं। हरियाणा के गांवों में स्टेडियम बनाने के नाम पर चारदीवारी तो बना दी गई है लेकिन खिलाडिय़ों को प्रशिक्षण की सुविधा देने के बारे में कुछ नहीं किया। खिलाडिय़ों को खेलों का उचित प्रशिक्षण नहीं मिलेगा तो वे क्या खेलेंगे?
    इस अवसर पर उनके साथ प्रदीप गोदारा, कुलवंत गोदारा, सरपंच नरेंद्र सिंह मल्हान, बलविंद्र सिंह सरां सालमखेड़ा, गुरमेल सिंह सालमखेड़ा, ओमप्रकाश पोटलिया, रामकुमार गोदारा और जयवीर पोटलिया सहित अनेक कार्यकर्ता उपस्थित थे।

पिछड़ा वर्ग अनुदान निधि के तहत ग्रामसभा की बैठकें 15 दिसंबर से

ओढ़ां- हमारी माटी

    पिछड़ा वर्ग अनुदान निधि (बी.आर.जी.एफ) के अंतर्गत आगामी 15 दिसंबर से खंड ओढ़ां की सभी ग्राम पंचायतों की ग्रामसभा की बैठकों का आयोजन निम्रलिखित कार्यक्रम के तहत किया जाएगा।
    यह जानकारी देते हुए खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी ओढ़ां बलराज सिंह ने बताया कि निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार 15 दिसंबर को ग्राम पंचायत ओढ़ां, पन्नीवाला मोटा, पिपली, माखा, कालांवाली, नौरंग और सिंघपुरा की ग्रामसभा की बैठकें गांव के पंचायत घरों अथवा स्कूलों में बुलाई जाएंगी। इसी प्रकार 16 दिसंबर को ग्राम पंचायत खोखर, तिलोकेवाला, चठ्ठा, जलालआना, आनंदगढ़, जगमालवाली और धर्मपुरा की बैठकें गांव के पंचायत घरों या स्कूलों में, 17 दिसंबर को ग्राम पंचायत रोहिडांवाली, असीर, खतरावां, तिगड़ी, तारुआना, मिठडी और तख्तमल की बैठकें गांव के पंचायत घरों या स्कूलों में, 20 दिसंबर को ग्राम पंचायत चोरमार, देसू मलकाना, घुकांवाली, ख्योवाली, केवल और टप्पी की बैठकें गांव के पंचायत घरों में, 21 दिसंबर को ग्राम पंचायत गदराना, किंगरे, जंडवाला जाटान, नुहियांवाली, चकेरियां और दादू की बैठकें गांव के पंचायत घरों व सोसाइटी में तथा 22 दिसंबर को ग्राम पंचायत हस्सू, मलिकपुरा, लकडांवाली और सालमखेड़ा की बैठकें गांव के पंचायत घरों में आयोजित की जाएंगी।
    इन बैठकों में विभिन्न गांवों से संबंधित ग्राम सचिव उमेद कुमार, जयपाल, नरेंद्र सिंह, कर्ण सिंह, प्रेमचंद कंबोज, जसविंद्र सिंह और विष्णुदत्त आदि शामिल होंगे तथा विस्तार अधिकारियों के रूप में बीडीपीओ बलराज सिंह, एसईपीओ भूप सिंह, एबीपीओ सुनील कुमार, सहायक अमरीक सिंह, पटवारी सतपाल एवं जेई धर्म सिंह, राजा राम, देवेंद्र बांसल तथा ओम प्रकाश आदि अध्यक्षता करेंगे।

जवाहर नवोदय विद्यालय ओढ़ां में विद्यालय प्रबंधक कमेटी की बैठक सम्पन्न

ओढां- हमारी माटी
उपायुक्त महोदय का स्वागत करती छात्राएं

    जवाहर नवोदय विद्यालय ओढ़ां में विद्यालय प्रबंधक कमेटी की बैठक चेयरमैन सीवी रजनीकांथ उपायुक्त सिरसा की अध्यक्षता में बुलाई गई। बैठक में विद्यालय के प्राचार्य जी.के मिसरा, जिला शिक्षा अधिकारी आशा किरण ग्रोवर, खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी बलराज सिंह, अध्यापक अभिभावक कमेटी की प्रधान मनजीत कौर, उप प्राचार्य वीके चौधरी और राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय के प्राचार्य सुभाष फुटेला सहित सभी सदस्यों ने भाग लिया। इस बैठक में उपायुक्त महोदय ने विद्यालय की समस्याओं की जानकारी ली और विद्यालय का निरीक्षण किया तथा स्टाफ को पढ़ाई की और ध्यान देने एवं विद्यार्थियों को किसी प्रकार की परेशानी न आने देने के निर्देश दिए। निरीक्षण के दौरान उन्होंने गल्र्ज हॉस्टल की चारदीवारी ऊंची करने और गल्र्ज व ब्वायज मैस में पेयजल के लिए आरओ सिस्टम लगाने, गेट के सामने चिल्र्डन पार्क बनाने और रसोई गैस की समस्या दूर करने, शौचालयों की फिनिशिंग करने और साफ सफाई रखने तथा खेल मैदान की कमियां दूर करने के बारे में आवश्यक निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि किसी भी अभिभावक को किसी प्रकार की शिकायत का मौका न मिले।

मुन्नावाली पंचायतघर की रिपेयर की मांग

बनवाला—जसवंत जाखड़

    गांव मुन्नावाली में स्थित जलघर के निकट स्थित पंचायतघर की हालत जर्जर हो चुकी है और बरामदे की दीवारों में दरारें आ गई है।
मुन्नावाली में स्थित पंचायतघर का दृश्य
    गांववासी संदीप कुमार, महेंद्र आचार्य, धर्मबीर, राम सिंह, सुनील कुमार, रवि कुमार और सुरेंद्र कुमार आदि ने बताया कि करीब 20 वर्ष पूर्व बनाए गए पंचायतघर में छह कमरे व एक बरामदा है और इसके बाहर एक चबूतरा बना हुआ है। इस पंचायतघर में बिजली की भी कोई व्यवस्था नहीं है। बिजली का कनेक्शन कट जाने के बाद इसमें की गई फिटिंग को शरारती तत्वों ने तोड़ फोड़ दिया है तथा पंचायतघर का मुख्य द्वार भी तोड़ दिया गया है। यह पंचायतघर बुजुर्गों के आराम करने के लिए तथा पंचायत की बैठक के लिए बनाया गया था लेकिन इसकी हालत जर्जर होने के कारण अब इसका कोई उपयोग नहीं हो रहा। इसमें पानी की व्यवस्था हेतु एक नलकूप भी लगाया गया था जो कि अनेक वर्षों से बंद पड़ा है। गांववासियों की मांग है कि इसकी रिपेयर करवाकर इसे इस योग्य बनाया जाए कि इसका उपयोग हो सके।
    इस विषय में गांव की सरपंच इंद्रा देवी से बात किए जाने पर उन्होंने बताया कि पंचायतघर के लिए रेजूलेशन डाला गया है और ग्रांट की राशी आते ही इसकी चारदीवारी व मुख्य द्वार बनाकर इसकी सफाई और रिपेयर करवा दी जाएगी ताकि यह गांववासियों के किसी काम आ सके।

पंचायतीराज के एसडीओ को विदाई पार्टी दी

ओढ़ां- हमारी माटी

    पंचायतीराज विभाग ओढ़ां में कार्यरत उपमंडल अधिकारी पेशल कुमार शर्मा का ब्लॉक असंध जिला करनाल में स्थानांतरण हो जाने पर उन्हें विदाई पार्टी दी गई।
पेशल कुमार स्टाफ सदस्यों के साथ
    इस अवसर पर मनरेगा के एबीपीओ सुनील कंबोज ने अपने संबोधन में कहा कि पेशल कुमार ने अपने छह साल के सेवाकाल में सभी के साथ मिलजुल कर कार्य किया है और अपनी ईमानदारी व निष्ठा से सभी का मन जीत लिया है तथा कभी भी किसी को शिकायत का मौका नहीं दिया। एसईपीओ भूप सिंह ने कामना की कि पेशल कुमार जहां भी जाएं उन्नति के नए शिखर छुएं।
    एसडीओ पेशल कुमार ने कहा कि सेवाकाल के दौरान ग्राम पंचायतों ने उन्हें अपना पूर्ण सहयोग दिया तथा अपने सेवाकाल के दौरान उनसे किसी प्रकार की कोई भूल हुई हो तो वे क्षमा प्राथी हैं।
    इस अवसर पर पंचायत समिति के चेयरमैन जगदेव सिंह असीर, सरपंच नरेंद्र मल्हान ओढ़ां, अवतार सिंह सालमखेड़ा, मनदीप सिंह लकडांवाली, सुखदेव सिंह चोरमार, जसविंद्र सिंह जलालआना, बलवंत गोदारा आनंदगढ़, सोहन लाल नेहरा नुहियांवाली, ब्लॉक समिति सदस्य हरदेव सिंह मिठडी, पूर्व सरपंच दर्शन सिंह मलकाना, रामकुमार नेहरा, सुरेंद्र सिंह श्योराण, सहायक केके छापोला, अमरीक सिंह, बिकर सिंह, कनिष्ठ अभियंता धर्म सिंह, राजा राम, देवेंद्र बांसल, ग्राम सचिव प्रेम कंबोज, नरेंद्र नारंग, जसविंद्र सिंह सहित अनेक गणमान्य लोग उपस्थित थे।

सतनाम सिंह कुंडर के शिक्षक संघ के प्रधान बनने पर बधाई

ओढां- हमारी माटी
    राजकीय प्राथमिक शिक्षक संघ 949 की खंड ओढ़ां की कार्यकारिणी का तीन वर्ष के लिए चुनाव किया गया। जिसमें सर्वसम्मति से राजकीय प्राथमिक पाठशाला नंबर दो से सतनाम सिंह कुंडर को प्रधान, राजकीय प्राथमिक पाठशाला टप्पी से मलकीत सिंह को उपप्रधान, राजकीय प्राथमिक पाठशाला सालमखेड़ा से कुलवंत सिंह को महासचिव, राजकीय कन्या प्राथमिक पाठशाला घुकांवाली से बलबीर सिंह को कोषाध्यक्ष, राजकीय प्राथमिक पाठशाला ओढ़ां से रमेश कांसल को संगठन सचिव और राजकीय प्राथमिक पाठशाला नुहियांवाली से बजरंग को आडिटर चुना गया।
    उक्त पदाधिकारी चुने जाने पर जिला प्रधान कृष्ण कन्हैया, जिला महासचिव शेषपाल सिंह, कोषाध्यक्ष रत्तिराम दड़बा, इंद्र जाखड़ बनवाला, महावीर मल्हान, संजीव भारद्वाज, सरदूल सिंह, जयवीर देवरथ, राजेंद्र कुमार, भूरा सिंह, छिंद्रपाल, विजय गोदारा, बलकौर सिंह, गुरजीत सिंह और सत्यनारायण गर्ग आदि ने उन्हें बधाई दी है।

ओढां की सप्ताह भर की गतिविधियाँ चित्रों की जुबानी

गांव रामगढ़ में मनधीर सैन को सैन समाज के ग्रामीण क्षेत्र का जिलाप्रधान बनाए जाने पर गांव पहुंचने पर उनका फूलमालाएं पहनाकर स्वागत करते गांववासी।

ओढ़ां के एमएचडी स्कूल में विजेता बालीबॉल टीम संस्था के कोषाध्यक्ष मंदर सिंह व कोच के साथ।


ख्योवाली में कढ़ाई सिलाई केंद्र का रिबन काटकर एवं परिचय प्राप्त कर शुभारंभ करती कार्यक्रम अधिकारी अर्चना पांडे।

ख्योवाली में स्थित गोदारा फार्म हाऊस का निरीक्षण करते हुए इजराइली विशेषज्ञ।


 पन्नीवाला मोटा के बस स्टेंड पर हनुमान व शिव मंदिर का नीव पत्थर रखते और इस अवसर पर आयोजित हवन यज्ञ में आहुति डालते डीएसपी डबवाली बाबू लाल व अन्य।




ओढां में ब्रॉडबैंड क्योस्क का उद्घाटन एवं शुभारम्भ करते दूरसंचार विभाग हिसार के महाप्रबधक एम् एम् अग्निहोत्री

ओढ़ां में अपनी मांगों को लेकर कलम छोड़ हड़ताल पर बैठे पैक्स कर्मचारी।
गांव आनंदगढ़ में दुग्ध शीतन मशीन का निरीक्षण करते एवं दुग्ध उत्पादकों को कैनी देकर सम्मानित करते एसएस कोहली।

मनरेगा की राशी न मिलने पर खंड ओढ़ां के सरपंच बीडीपीओ बलराज सिंह मलेठिया को ज्ञापन सौंपते हुए। 

जन्म प्रमाणपत्र प्राप्त करना

           
        जन्म प्रमाणपत्र क्या है और यह आवश्यक क्यों है?
    जन्म प्रमाण पत्र एक महत्वपूर्ण पहचान दस्तावेज है जो भारत सरकार द्वारा पेश की गई सेवाओं का लाभ प्राप्त करने या अन्य अनेक कार्यों जैसे जन्मतिथी तथ्य स्थापित करने, वोट डालने का अधिकार प्राप्त करने, स्कूल या सरकारी सेवा में प्रवेश के लिए, शादी का अधिकार प्राप्त करने, उम्र विरासत और संपत्ति के अधिकार का निपटान करने, सरकार द्वारा जारी ड्राइविंग लाइसेंस और पासपोर्ट बनवाने आदि कार्यों के लिए प्रयोग किया जाता है। भारत में यह जन्म और मृत्यु अधिनियम 1969 कानून के तहत 21 दिन के भीतर हर / संबंधित राज्य / संघ राज्य क्षेत्र सरकार के साथ जन्म रजिस्टर के तहत अनिवार्य है इसके पंजीकरण के लिए सरकार ने एक अच्छी तरह से परिभाषित प्रणाली विकसित की हुई है। केंद्र और राज्यों में मुख्य पंजीयकों पर रजिस्ट्रार जनरल के साथ आपके लिए प्रदान की है।

आपको क्या करना चाहिए
    एक जन्म प्रमाणपत्र के लिए आवेदन जन्म रजिस्टर करना होता है। जन्म से संबंधित स्थानीय अधिकारियों के पास जन्म के 21 दिनों के भीतर पंजीकरण निर्धारित प्रपत्र भरकर करना होता है। तब जन्म प्रमाणपत्र संबंधित अस्पताल के वास्तविक रिकॉर्ड के साथ सत्यापन के बाद जारी किया जाता है. अन्य मामले में यदि पंजीकरण जन्म की निर्धारित समय के भीतर दर्ज नहीं किया गया है तो यह राजस्व अधिकारिओ द्वारा पुलिस सत्यापन के बाद जारी किया जाता है।

जन्म प्रमाणपत्र प्राप्त करना
    ग्रामीण क्षेत्र में- ग्रामीण क्षेत्र के लिए जिला (जन्म और मृत्यु) संबंधित जिले के सिविल सर्जन सह पंजीयक को आवेदन करना होता है।
    शहरी क्षेत्र - शहरी क्षेत्र के लिए (जन्म और मृत्यु) सह सचिव जन्म और मृत्यु पंजीकरण और प्रमाण पत्र के लिए संबंधित नगर पालिका के पंजीयक को आवेदन करना होता है।

आपके लिए उपयोगी जानकारी


        
    सरकार द्वारा चलाई जा रही अनेक प्रकार की योजनाओं की जानकारी से अक्सर लोग अनभिज्ञ रहते हैं क्योंकि जब तक संबंधित योजना का लाभ लेने की आवश्यकता न पड़े इस ओर विशेष ध्यान नहीं दिया जाता। यही कारण है कि आवश्यकता पडऩे पर लोगों को जगह जगह भटकना पड़ता है। हमारा प्रयास है कि हमारी माटी के माध्यम से हम आपको इन योजनाओं से अवगत करवाएं। इस बार हम आपको बालिका समृद्धि योजना के बारे में जानकारी दे रहे हैं आशा है यह आपके लिए उपयोगी साबित होगी।
            बालिका समृद्धि योजना
    केंद्र सरकार द्वारा प्रायोजित बालिका समृद्धि योजना का लाभ सरकार महिला एवं बाल विकास विभाग के माध्यम से देती है।
    इस योजना के तहत अध्ययन के लिए प्रत्येक वर्ग की बालिकाएं छात्रवृत्ति प्राप्त करने की हकदार हैं। इसके तहत बालिकाओं को पहली कक्षा से दसवीं कक्षा तक 300 से 1000 रुपए तक अनुदान के रूप में दिए जाते हैं।
    इसके अलावा गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले परिवारों की बालिकाओं को जन्म के समय 500 रुपए दिए जाते हैं। इसके तहत दी जाने वाली राशी अधिक से अधिक ब्याज दर देने वाले बैंक या डाकघर में बालिकाओं के नाम पर जमा करवाई जाती है खाते में जमा राशि का संचित मूल्य बालिकाओं को 18 वर्ष की आयु अथवा विवाहित होने पर दिया जाता है।
लाभार्थी—अविवाहित बालिकाएं
लाभ के प्रकार— छात्रवृत्ति / अनुदान
योग्यता—दो बालिकाओं वाले ऐसे परिवार जो गरीबी रेखा से नीचे रह रहे हैं।

इस योजना का लाभ लेने के लिए निम्रलिखित के साथ संपर्क किया जा सकता है।
1. ग्रामीण क्षेत्रों में—आंगनवाड़ी कार्यकर्ता या सुपरवाइजर
2. ब्लॉक स्तर पर - बाल विकास परियोजना अधिकारी
3. शहरी क्षेत्र में—सिविल सर्जन, प्रभारी, एसएमओ

सूचना का अधिकार नियम कितना सार्थक

           
    भारत एक संघीय प्रणाली प्रदान लोकतांत्रिक देश है जिसमें एक समान आचार संहिता, एक कानून, एक दृष्टिकोण और सामाजिक समरसता जैसी बाते अक्सर प्रत्येक व्यक्ति के सुनने में आती हैं। इसी तरह कानून प्रणाली में मौलिक अधिकारों की दृष्टि से सामाजिक व्यवस्था व सरकारी रूपरेखा को एक साफ दृष्टिकोण देने के लिए सन 2005 में बना सूचना का अधिकार अधिनियम। इस अधिनियम या कानून पर चर्चा करने से पूर्व हमें इस बात पर चर्चा करनी होगी कि आखिर ऐसे कानून की आवश्यकता क्यों पड़ी?
    सभी लोग समाज का एक अभिन्न अंग हैं, प्रत्येक व्यक्ति को सरकारी कार्यालयों में किसी न किसी विषय के संबंध में आना जाना पड़ता है या यूं कहें कि चक्कर काटने पड़ते हैं। सूचना का अधिकार नियम के अंतर्गत हम किसी भी कार्यालय की जानकारी मांग लेते हैं, लेकिन अक्सर देखा जाता है कि अगर हम किसी भी कार्य हेतु किसी भी कार्यालय में जाते हैं तो वहां पर आपकी समस्या का समाधान तो दूर की बात है वहां बैठे सज्जनों को उस विषय पर बात सुनना भी गवारा नहीं होता जिसके लिए आप वहां गए हैं तथा उस विषय की बात भी उन्हें उनके कार्यक्षेत्र से बाहर की बात लगती है। ज्यादा परेशानी उन लोगों को होती है जिनके पास कोई जुगाड़ नहीं होता, जुगाड़ से मेरा अभिप्राय प्रेम भेंट या सिफारिश से है। उनके लिए कानून व्यवस्था या किसी विषय में किसी भी कार्यालय में जानकारी प्राप्त करने का अर्थ यमराज से मुलाकात का दिन जानने जैसा है और यह किसी एक सरकारी कार्यालय या विभाग का नहीं बल्कि सभी का यही दृष्टिकोण है।
    अब हमारे देश में यह नियम लागू हुए भले ही 5 वर्ष बीत गए हों लेकिन आज तक इसका सही फायदा कम से कम समाज में रहने वाले लोग तो नहीं उठा पाए और अधिकतर लोगों को तो आज तक इसकी जानकारी भी नहीं है कि इस प्रकार का कोई कानून भी है तथा यदि किसी को जानकारी है भी तो कोई पूछी हुई जानकारी देना नहीं चाहता। इन सब तथ्यों को देखकर लगता है कि यह मात्र एक अधिकार ही बनकर रह गया है। सरकारी कायालयों का हाल तो ये है कि आप किसी भी कार्यालय में चले जाइए वहां पर बैठे जनाब आपकी बात सुनने को तैयार तक नहीं होते बल्कि कई तो उल्टे बेइज्जत करने से भी बाज नहीं आते। आखिर ऐसा क्यों है कि सरकारी तंत्र का प्रत्येक कार्यालय आज प्रार्थी को मीठी गोली थमाने का काम कर रहा है। क्या यह प्रणाली देश के विकास में योगदान दे पाएगी और हम कैसे विकसित भारत का स्वप्न देख रहे हैं?
    अगर ये सब त्यागकर हम समान अधिकारों का पालन करेंगे तभी हमारा देश विकास कर पाएगा। सूचना के अधिकार के तहत आप आम सादे कागज पर अपनी प्रार्थना लिखकर किसी भी विषय से संबंधित सूचना प्राप्त कर सकते हैं। लेकिन सरकारी तंत्र के लोग इस कानून को धत्ता बताते हुए निर्धारित समय सीमा के अंदर जानकारी देने से गुरेज करते हैं और किसी भी कार्यालय में आरटीआई की डाक आना फिजूल का कार्य समझा जाता है और उसे जैसे तैसे निपटाने का प्रयास किया जाता है। कानून आखिर क्यों बनते हैं और अगर बनते हैं तो उन पर अमल क्यों नहीं होता?
    इन परिस्थितियों के लिए कौन जिम्मेदार है सरकारें, सरकारी तंत्र या प्रणाली? जब हम किसी भी विषय में लिखित में जानकारी देने पर विवश होते हैं तो क्यों नहीं हम मौखिक रूप से पूछे जाने पर सही जानकारी देते? ऐसा नहीं है कि जो लोग ऐसा व्यवहार करते हैं उन्हें सिस्टम में से नहीं गुजरना पड़ता, लेकिन इसके बावजूद भी वे लोग अपनी आदत से मजबूर होते हैं और यह कहकर पल्ला झाड़ लिया जाता है कि क्या करें भाई सिस्टम ही ऐसा है। आखिर इस सिस्टम को कब तक झेलना पड़ेगा और कब समाज को निजात मिल पाएगी इस सिस्टम शब्द से?
    अब यदि हम सूचना के अधिकार की बात करें तो क्या वास्तव में इसकी पालना हो रही है? क्या यह मात्र एक नियम ही बनकर रह जाएगा? मैं इस लेख के माध्यम से इस विषय ये जुड़े सभी व्यक्तियों से अपील करूंगा कि वे अपने आफिसर होने की बात को भूलकर ये सोचें कि वे इस समाज का अंग हैं तथा सभी से समान व्यवहार करते हुए लोगों की अपेक्षाओं पर खरा उतरें ताकि लोग आपके बारे में कुछ अच्छा सोच सकें।
                                                                        जितेंद्र अग्रवाल, ओढ़ां

दिल में बसाओ

   
    किसी को पलकों पर मत बसाओ,
    क्योंकि पलकों पर तो सपने बसते हैं,
    किसी को बसाना हो तो दिल में बसाओ,
    क्योंकि दिल में तो अपने बसते हैं।
        आशियाना
    तमन्ना थी खूबसूरत आशियाना बनाने की,
    मगर चल पड़ी आंधियां जमाने की,
    मेरे दर्द-ए-गम को कोई समझ ना पाया,
    क्योंकि मेरी आदत थी मुस्कुराने की।
        चंद्रभान सिलण, कक्षा नौवीं, ख्योवाली

शेयरां दी रानी

   
कुज शब्द लिखे सी अपनी जिंदगी दे,
पर पता नी किवें ओह कहानी बन गई,
यार दोस्त अखां चों पढग़े नाम ओहदा,
हुण कल्ले-2 लोकां दी जुबानी बन गई,
ओसदे नाल मेरा रिश्ता ही अजीब सी,
मेरी कलम वी ओसदी दीवानी बन गई,
पहलां सुपनेयां च रही फेर दिल च रही,
ते हुण ओहो मेरे शेयरां दी रानी बन गई।
        89301-29129

सोहना

   
सोहना हुंदा ना कोई रंग रूप पखों,
कम ना आवे तां शरीर बेकार लोको,
सोहना चलना, तकना ते हसना नी,
तार दिंदा है नेकियां दा वपार लोको,
सोहना हुंदा है जग ते ओह बंदा,
जिहदे सोहने ते उच्चे विचार लोको।
    जीनूप्रीत सिद्धू, ओढ़ां

इश्क

   
शिखर दोपहर सी उम्रां दी,
मैं रोग इश्क दा ला बैठा,
मैंनू इश्क ने पागल कर दिता,
मैं अपना आप भुला बैठा,
मैं बनके पीड़ मुहब्बत दी,
जिंद ओहदे नां लिखवा बैठा,
मेरी हसरत चन्न नूं पौन दी सी,
पर अंबरीं उड़दा उड़दा मैं,
अज खुद धरती ते आ बैठा।
    80532-86585

की होवे..

   
जिस आस ते खड़ी है जिंद साडी,
ओह आस ना चकनाचूर होवे,
कहना अपने आप नूं पवे दोषी,
कोई ऐना वी ना मजबूर होवे,
ओहदे हासे ते कदे ना शक करिए,
जिसदा हसना ही दस्तूर होवे,
जेहड़ा सच्चे दिलों साडी खुशी मंगे,
रब्बा खुशी ना ओहदे तों दूर होवे।
    कुलवंत ए.एल.एम, ओढ़ां

आपके एसएमएस



खुदा करे हर रात चांद बनके आए,
दिन का उजाला शान बनके आए,
कभी दूर ना हो आपके चेहरे से हंसी,
हर दिन आशा मेहमान बनके आए।
    90689-14029

सोचा ना था कभी ऐसी दोस्ती होगी,
मंजिलों के साथ राहें भी हंसती होंगी,
जन्नत की गलियों के ख्वाब क्यूं देखूं,
आप होंगे तो नर्क में भी मस्ती होगी।
    कुलवंत ए.एल.एम, ओढ़ां
        
दोस्तो टीशर्ट नूं करो माफ,
गीजर नंू कर लओ साफ,
रजाईयां ते चढ़ालो गिलाफ,
कोटियां वाली पालो वर्दी,
मेरे वलों तुहानूं हैप्पी सर्दी।
    के.एस पेंटर, ओढ़ां

भूलकर आपको हम जाएंगे कहां,
इक पल दुनियां में जी पाएंगे कहां,
आपसे ही मुस्कुराहट है जिंदगी में,
बिना आपके खुश रह पाएंगे कहां।
    मंगल, पन्नीवाला मोटा

तकदीर लिखने वाले एक एहसान लिख दे,
मेरे दोस्त की तकदीर में मुस्कान लिख दे,
ना मिले जिंदगी में कभी भी दर्द उसको,
चाहे उसकी किस्मत में मेरी जान लिख दे।
    सुनील राजपूत, नुहियांवाली

ऐसा कोई जहान मिले जहां चेहरों पे मुस्कान मिले,
काश मंदिर में अल्लाह और मस्जिद में भगवान मिले,
मैं मांगू खुशी आपको खुशियों का गुलिस्तान मिले।
    राज मोटर्स, ओढ़ां

हमसे खेलती रही दुनिया ताश के पत्तों की तरह,
जो जीता उसने फेंका जो हारा उसने भी फैंका।
    स्वर्ण सिंह, ओढ़ां

ओहना तों दूर जान दा इरादा नहीं सी,
ओहना दा नाल रहन दा वादा नहीं सी,
ओहना याद नहीं करना एह पता सी,
ऐनी जल्दी भूल जानगे अंदाजा नहीं सी।
    कमल पेंटर, ओढ़ां

कब उनकी पलकों से यह इजहार होगा,
दिल के किसी कोने में हमारे लिए प्यार होगा,
गुजर रही हैं ये रातें सिर्फ उनकी ही यादों में,
कभी ना कभी तो उनको हमारा इंतजार होगा।
    बिंटू खत्री, ख्योवाली

प्यार की हंसी को आपके नाम कर देंगे,
हर खुशी को आप पर कुर्बान कर देंगे,
जिस दिन आएगी कमी मेरी दोस्ती में,
हम जिंदगी को आखरी सलाम कर देंगे।
    विनोद खंडेलवाल, आनंदगढ़

उम्रां दी जुदाई मेरे नसीब करके,
ओह चले गए गल्लां अजीब करके,
वफा नूं उसदी मैं की नाम देवां,
खुद दूर हो गए मैनूं करीब करके।
    जग्गी सोनी, ओढ़ां

अपना कोई आंखों से जब दूर होता है,
आंखें तो देखती हैं दिल मजबूर होता है,
चाहे कोई कहे या ना कहे जुबां से,
मगर दिल में दर्द तो जरूर होता है।
    94164-04250

मेरे वजूद में काश वो उतर जाए,
मैं देखूं आईना और वो नजर आए,
वो हो सामने और वक्त ठहर जाए,
जिंदगी उसे यूंही देखते गुजर जाए।
    94663-32235

ना सताओ हमें हम सताए हुए हैं,
जुदाई का गम हम उठाए हुए हैं,
खिलौना समझकर हमसे ना खेलो,
हम भी तो खुदा के बनाए हुए हैं।
    प्रदीप पिंडार, नुहियांवाली

कोई दौलत तो कोई तख्तो ताज के दीवाने हैं,
कोई ताजमहल तो कोई मुमताज के दीवाने हैं,
इस तरह से शर्मा के मत छुपा चेहरे को पर्दे में,
हम तेरे चेहरे के नहीं तेरी आवाज के दीवाने हैं।
    99915-88479

सोचा इस कदर उनसे दूर चले जाएंगे,
देखकर भी उन्हें अनदेखा कर जाएंगे,
मगर जब जब सामने आया उनका चेहरा,
सोचा इस बार देखलें फिर नजर न उठाएंगे।
    90500-71119

अपने एसएमएस 94160-95179 या 96716-63006 पर भेजें।
नोट—एसएमएस के साथ अपना पूरा नाम और गांव का नाम अवश्य
लिखें तथा एक सप्ताह में अपने एक या दो चुनींदा एसएमएस ही भेजें
अन्यथा आपके एसएमएस प्रकाशित नहीं हो पाएंगे।   सतीश गर्ग