Saturday, March 12, 2011

प्रादेशिक समाचारः-12.03.2011

मुख्य समाचार

ऽ  हरियाणा में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और सहायक विवाह के बाद किसी अन्य स्थान पर तबादला करवा सकेंगे।
ऽ  हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति ने कहा है कि देश में दूसरी हरित कांन्ति का लक्ष्य प्राप्त करने के लिए बाजरे के उत्पादन को बढ़ावा देना होगा।
ऽ  चंडीगढ़ में निषेधाज्ञा के उल्लंघन के आरोप में भारतीय जनता पार्टी के कई शीर्ष नेताओं को पुलिस ने हिरासत में लिया है।
ऽ  आरक्षण की मांग को लेकर जाट समुदाय का अनिश्चितकालीन धरना आज भी जारी रहा और रेल यातायात बाधित रहा।

    हरियाणा के मुख्यमंत्री ने आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायकों के लिए एक और प्रोत्साहन की घोषणा की है। ये लोग शादी के पश्चात रिक्त पद होने की सूरत में स्थानान्तरण के लिए यदि आवेदन करते है तो उनको प्राथमिकता दी जाएगी। श्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा मासिक मानदेय में वृद्धि के लिए आभार प्रकट करने के लिए उनके आवास पर आए कार्यकर्ताओं और सहायकों को संबोधित कर रहे थे। विधानसभा के बजट सत्र में की गई घोषणा के अनुसार आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को अब 5 हजार रूपए तथा सहायक को 2 हजार 5 सौ रूपए मासिक मानदेय मिलेगा। आंगनवाड़ी वर्कर संघ की महासचिव जगमती मलिक ने कहा है कि ये दरें देश भर में सर्वाधिक है। श्री हुड्डा ने घोषणा की है कि राज्य सरकार ने आंगनवाड़ी में फर्नीचर की व्यवस्था के लिए 15 करोड़ 80 लाख रूपए रखे है। अब आंगनवाड़ी में गैस कलैक्शन 12 लिटर गैस कुकर आदि अन्य कई सुविधाएं उपलब्ध करवाई जाएगी।

    हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डाक्टर के एस खोखर ने कहा है कि यदि देश को दूसरी हरित क्रांति का लक्ष्य प्राप्त करना है तो बाजरा उत्पादन बढ़ाने के सामूहिक प्रयास करने होंगे। वे बाजरा शोध कार्य में जुटे वैज्ञानिकों को संबोधित कर रहे थे। बाजरा की अखिल भारतीय समन्वित विकास प्रोजैक्ट के संयोजक डा ओ पी यादव ने कहा कि देश में व्यवसायिक खेती की लोकप्रियता के चलते काश्त रकबा कम होने के बावजूद प्रतिवर्ष बाजरे का उत्पादन बढ़ रहा है। भारतीय कृषि अनुसंधान के डा आर पी दूआ तथा डा जे एस संधु ने कहा कि बाजरे की फसल को कीटों से बचाने तथा बीज के बदलाव से ही उत्पादन में 15 से 20 प्रतिशत वृद्धि हो सकती है।

    देश के अन्य कई राज्य भी हरियाणा की भूमि अधिग्रहण नीति को अपनाएगे यह बात मुख्यमंत्री श्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने यमुनानगर जिले में गांव बेलगढ़ की जनसभा में कहें है। उन्होंने बताया कि हरियाणा खनन पर लगा प्रतिबंध हटा लिया गया है। जिससे सड़क निर्माण के काम में तेजी आएगी। उन्होंने दावा किया कि प्रदेश में बिना किसी भेदभाव के समुचित विकास हो रहा  है।

    गुड़गांव के सोहना की पहाड़ी पर लगने वाले जाम से निजात दिलाने के लिए पहाड़ी से अलवर जाने वाले राजमार्ग तक एक सड़क बनाई जाएगी। इस पर डेढ़ सौ करोड़ रूपए खर्च होंगे। हरियाणा मुख्य संसदीय सचिव धर्मवीर सिंह ने सोहना की खेलकूद प्रतियोगिता के समापन समारोह में कहा है कि इस योजना के तहत सोहना शहर से गुजरने वाले चार मार्गीय गुड़गांव अलवर राजमार्ग के साथ साथ सर्विस रोड बनाई जा रही है। उन्होंने कहा कि रिहायशी सुविधाएं बढ़ाने के लिए हुड्डा के दो और सैक्टर विकसित किए जाएंगे। उन्होंने निरंकारी महाविद्यालय और राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में नवनिर्मित कम्पयूटर प्रयोगशाला का उद्घाटन भी किया। उन्होंने महाविद्याालय के लिए एक लाख 51 हजार रूपए तथा सर्वोत्तम खिलाड़ियों का 11-11  हजार रूपए देने की घोषणा की।

    हरियाणा कांग्रेस विधायक दल के मुख्य सचेतक श्री आफताब अहमद ने सभी विधायकों को बजट सत्र के अन्तिम दो दिन 14, 15 मार्च को सदन में उपस्थित रहने का आग्रह किया है। एक सत्र द्वारा उन्होंने कहा कि इन दोनों पर बहुत से मसलों पर विचार विमर्श होने की सम्भावना है। उन्होंने कहा कि पूर्व अनुमति के बिना किसी भी विधायक को सदन से बाहर नही जाना चाहिए।

    भारतीय जनता पार्टी कार्यकर्ताओं द्वारा चंडीगढ़ में निषेघाज्ञा के बाद कथित उल्लंघन के आरोप में पुलिस ने पार्टी के कई शीर्ष नेताओं को हिरासत में ले लिया है। इनमें भाजपा के राष्ट्रीय सचिव किरीट सोमईया चंडीगढ़ के पार्टी अध्यक्ष संजय टंडन पूर्व सांसद सत्यपाल जैन तथा कई अन्य कार्यकर्ता शामिल है। पुलिस के अनुसार बूथ आंबटन में कथित भूमिका के आधार पर केंद्रीय संसदीय कार्यमंत्री पवन बंसल के इस्तीफे की मांग को लेकर वे सैक्टर 28 में उनके निवास की ओर जा रहे थे। भाजपा के रोष प्रदर्शन के कारण शहर के कई क्षेत्रों में निषेघाज्ञा लागू की गई है। हाल ही में शहर के कुछ शीर्ष नेताओं, सम्पदा कार्यालय और पुलिस के कुछ अधिकारियों पर बूथ आंबटन के मामलें में जांच अधिकारी ने अनियमितता का आरोप ठहराया था। और करोड़ों रूपए के घोटाले की सी बी आई जांच की सिफारिश की है। यद्दपि श्री बंसल ने अपनी शमूलियत से इन्कार किया है तथापि भारतीय जनता पार्टी ने पहले श्री बंसल के निवास का घेराव करने की योजना बनाई थी।

    सरकारी नौकरियों में आरक्षण की माग को लेकर जाट समुदाय का हिसार में अनिश्चित काल का धरना आज छठे दिन भी जारी है और रेल यातायात में व्यवधान पड़ा है। जाटों ने हिसार भिवानी, हिसार जाखल और हिसार सदलपुर के रेल मार्ग पर रूकावटें खड़ी की है। सरकारी प्रवक्ता के अनुसार दिल्ली फिरोजपुर रेल यातायात भी नरवाणा में रोष प्रदर्शन के कारण प्रभावित हुआ है। हरियाणा परिवहन के प्रवक्ता के अनुसार बस यातायात निर्बाध जारी है। अखिल भारतीय जाट आरक्षण कार्यवाही समिति का कहना है कि आंदोलन मांगे न माने जाने पर जारी रखा जाएगा। वे केंद्रीय नौकरियों में जाटों के लिए ओ बी सी वर्ग में 27 प्रतिशत आरक्षण की मांग कर रहे है।

    हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने जापान में भयावह भूकम्प और सुनामी से उत्तर पूर्वी सागर तल के साथ जान माल की भारी क्षति पर गहरा शोक और रोष व्यक्त किया है। चंडीगढ़ में जारी अपने वक्तव्य में मुख्यमंत्री ने कहा है कि संकट की इस घड़ी में हम भूकम्प प्रभावित लोगों के साथ खड़े है तथा जान माल का नुकसान सहन करने वाले लोगों के प्रति हमारी सहानुभूति है। उन्होंनें प्राकृतिक आपदा का शिकार लोगों के प्रति हमदर्दी प्रकट की है।

    हिसार में कल बाद दोपहर लघु विवाद पर तीन भाईयों को गोली मार उनकी हत्या कर दी गई बताया जाता है कि तीन चार दिन पहले मोबाईल फोन की दुकान पर पवन तथा चेतन का मोहन नाम के व्यक्ति से झगड़ा हो गया। मोहन ने पुलिस से शिकायत की तो पवन और चेतन ने गुस्से में आकर मोहन के घर जाकर मोहन तथा उसके दो भाईयों प्रदीप और जोगिन्दर की गोली मार कर हत्या कर दी और घटनास्थल से फरार हो गए तानों लाशें पोस्ट मार्टम के लिए भेज दी गई है।
 

दिव्य पाठ की शक्तियां कल्पना से परे - कुमार स्वामी जी


पुलिस समाचार

सिरसा। जिला की शहर डबवाली पुलिस ने कार चोरी के मामले में वांछित आरोपी को मुक्तसर जेल से प्रोडेक्शन वारंट पर लिया है। आरोपी दलजीत उर्फ सोनू पुत्र महेंद्र निवासी पटेलनगर मलोट को डबवाली अदालत में पेश कर एक दिन के लिए पुलिस रिमांड पर लिया है। मामले के जांच अधिकारी सहायक उपनिरीक्षक सुभाषचंद्र ने बताया कि वार्ड न. 2 मंडी डबवाली निवासी राजीव रंजन पुत्र विलायती राम की कार बीती 27 फरवरी की रात को चोरी हो गई थी, उन्होने बताया कि इस संबंध में अभियोग दर्ज कर जांच शुरू की गई तथा चोरीशुदा कार पंजाब से बरामद हो चुकी है। जांच अधिकारी ने बताया कि इस मामले में आरोपी की गिरफ्तारी शेष थी, जिसको प्रोडेक्शन वारंट पर गिरफ्तार कर एक दिन का रिमांड हासिल किया गया है। रिमांड अवधि के दौरान घटना स्थल की निशानदेही करवाई जाएगी तथा घटना से जुड़े अन्य पहलूओं की पुछताछ की जाएगी।
सदर डबवाली पुलिस ने चूरापोस्त के मामले में वांछित भगौड़े आरोपी को काबू कर लिया है। पकड़े गए आरोपी गुरतेज सिंह पुत्र पूर्ण सिंह निवासी देसू मलकाना के खिलाफ थाना सदर डबवाली में 15 दिसम्बर 2009 को मादक पदार्थ अधिनियम के तहत अभियोग दर्ज हुआ था। आरोपी इस मामले में अपने एक अन्य साथी के साथ 5 किलो चूरापोस्त के साथ पकड़ा गया था। जमानत मिलने के बाद आरोपी फरार चल रहा था जिसे महत्वपूर्ण सुराग जुटाकर थाना के उपनिरीक्षक सीताराम ने काबू किया है। आरोपी को डबवाली अदालत में पेश किया जाएगा।

29 वाहनों के चालान काटे

 ओढ़ां
    सड़क सुरक्षा सप्ताह के तहत यातायात के नियमों की अवहेलना करने वाले वाहन चालकों के चालान काटे जा रहे हैं और अनेक वाहनों को इंपाऊंड किया जा रहा है। यह जानकारी देते हुए थाना प्रभारी हीरा सिंह ने बताया कि 28 फरवरी से लेकर आज तक कुल 29 वाहनों के चालान काटे गए हैं जिनमें से 24 स्कूटर व मोटरसाइकिल और 5 कारें शामिल हैं। इनमें से 7 मोटरसाइकिल इंपाऊंड किए गए हैं। उन्होंने बताया कि चालान प्रतिदिन शाम को 4 बजे से लेकर 7 बजे के बीच जीटी रोड पर गश्त के दौरान नाकाबंदी करके काटे जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि इस दौरान जिन वाहन चालकों के पास कोई कागजात नहीं होते या जो यातायात के नियमों का उल्लंघन करते हैं जैसे बिना हैल्मेट, दो पहिया वाहनों पर दो से ज्यादा सवारी होना, ड्राइविंग लाइसेंस न होना, नंबर प्लेट न होना अथवा नंबर स्पष्ट न होना और बिना अनुमति के शीशों पर काली फिल्म होना आदि के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाती है।

चौ. देवी लाल मैमोरियल क्रिकेट टूर्नामेंट 2011 का आयोजन 15 मार्च से

 ओढ़ां
    निकटवर्ती गांव रत्ताखेड़ा राजपुरा में ग्राम पंचायत द्वारा समस्त गांववासियों के सहयोग से चौ. देवी लाल मैमोरियल क्रिकेट टूर्नामेंट 2011 का आयोजन 15 मार्च से करवाया जा रहा है। यह जानकारी देते हुए आयोजन समिति के सचिव श्रवण भांभू ने बताया कि टूर्नामेंट का उद्घाटन भाई छोटू राम भाट चौटाला करेंगे और समापन समारोह के अवसर पर इनेलो के ग्राम संचालक कृष्ण बरियाला व सरपंच सहजिंद्र शैको विशेष रूप से उपस्थित होंगे। उन्होंने बताया कि इस टूर्नामेंट की विजेता टीम को ट्राफी के साथ 11 हजार रुपए एवं उपविजेता टीम को 7 हजार एक सौ रुपए का नकद पुरस्कार प्रदान कर सम्मानित किया जाएगा। उन्होंने बताया कि इस टूर्नामेंट के आयोजन में महेंद्र बरियाला, बृजलाल कुलरिया, डॉ. प्रेम गोदारा, रमेश बरियाला, राकेश बरियाला, इंद्र सिंह कालवा, सुरेंद्र भाकर, सुरेंद्र बरियाला एवं सतपाल भाकर आदि विशेष योगदान दे रहे हैं।

15 मार्च से 21 मार्च तक भव्य श्रीराम कथा का आयोजन

सिरसा, श्री माधोसिंघाना गौशाला परिसर में 15 मार्च से 21 मार्च तक भव्य श्रीराम कथा का आयोजन किया जा रहा है। इस संबंध में हरियाणा राज्य गौशाला संघ जिला सिरसा के पूर्व प्रधान बलबीर सिंह जांदू ने बताया कि कथावाचन स्वामी सदाशिव नित्यानंद गिरी करेंगे। उन्होंने बताया कि कथा का समय दोपहर एक बजे से सायं चार बजे तक रहेगा और शास्त्री संदीप भट्ट  कथा के दौरान अपने वाद्य यंत्रों के द्वारा कथा में संगीत रस बरसाएंगे।

Friday, March 11, 2011

प्रादेशिक समाचार-11.03.2011

मुख्य समाचारः

ऽ  हरियाणा विधानसभा ने एस वाई एल व हॉसी बुटाना नहर के बारे में सर्वसम्मति से दो प्रस्ताव पारित किए।
ऽ  सरकार खेदड़ संयंत्र के लिए भूमि देने वाले किसानों के पारिवारिक सदस्यों को योग्यता के अनुसार नौकरी देगी।
ऽ  विपक्ष के नेता ने बजट चर्चा के दौरान सरकार पर कुप्रबंध का आरोप लगाया।
ऽ  पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने मनोज बबली मामलें में दो आरोपियों को बरी
किया व चार की फांसी को उम्र कैद में बदला।


हरियाणा विधानसभा ने आज सदन में एस वाई एल व हांसी बुटाना नहर के विषय में दो प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित किए। वित्त एवं सिंचाई मंत्री कैप्टन अजय सिंह यादव द्वारा एस वाई एल नहर के बारे में पेश किए गए प्रस्ताव को तुरंत सर्वसम्मति से पारित कर दिया गया जबकि हॉसी बुटाना नहर पर लाया गया प्रस्ताव सत्तापक्ष व विपक्ष के बीच हुई बहस और प्रस्ताव के उन शब्दों जैसे घोषणा पत्र आदि को हटाने पर ही पारित हुआ जिन पर विपक्ष को आपत्ति थी। एस वाई एल नहर के मामले में पूरे सदन ने सहमति जताई है कि ये नहर प्रदेश की जीवन रेखा है और प्रदेश के एक बड़े क्षेत्र की सिंचाई से जुड़ी जरूरतों को पूरा करने के लिए और हरियाणा के हिस्से का पानी लाने के लिए भी महत्वपूर्ण है। इस बारे में पेश किए गए प्रस्ताव द्वारा पंजाब विधानसभा में 2004 में इस संबंधी समझौतों को रद्द करने के लिए पारित अधिनियम को गैरकानूनी बताया गया है। इस प्रस्ताव को पारित
करने का उद्देष्य केंद्र सरकार को सर्वाच्च न्यायालय में राष्ट्रपतीय संदर्भ के संबंध में शीघ्र निर्णय करने के लिए मामले को आगे बढ़ाने हेतु निवेदन करना है। सदन ने 22 जुलाई 2004 को पंजाब विधानसभा में पारित अधिनियम पर राष्ट्रपतीय संदर्भ को प्रस्तुत करने के लिए भारत सरकार का आभार भी व्यक्त किया। फिलहाल सर्वाेच्च न्यायालय में ये मामला सरकार द्वारा आगे बढ़ाया जा रहा है। दूसरे प्रस्ताव में सदन ने इस बात पर सहमति जताई है कि बी एम एल हॉसी बुटाना बहुउद्देशीय लिंक नहर राज्य के सूखे तथा बंजर क्षेत्रों तथा कुल 18 जिलों को पानी का समान वितरण सुनिष्चित करेगी। ये प्रस्ताव बहुउद्देशीय लिंक नहर को पारिणामिक तौर पर चालू करने के लिए सभी आवश्यक उपाय करने हेतु पारित किया गया।

सरकार ने खेदड़ संयंत्र के लिए भूमि अधिग्रहण से प्रभावित किसानों के हितों को ध्यान में रखते हुए उनके पारिवारिक सदस्यों को योग्यता के अनुसार इस संयंत्र या अन्य जगह नौकरी देने का निर्णय लिया है। बिजली मंत्री महेंद्र प्रताप सिंह ने विधानसभा में कांग्रेसी विधायक नरेश सेलवाल द्वारा पूछे प्रष्न का उत्तर देते हुए कहा कि वर्ष 2004 से पहले भूमि अधिग्रहण पुनर्वास नीति के तहत ऐसा कोई प्रावधान नहीं था और ये प्रावधान वर्तमान सरकार की देन है। उन्होंने कहा कि नौकरी के लिए 527 आवेदन आए है जिनकी जांच के बाद नौकरी प्रदान करने का काम किया जाएगा।

हरियाणा विधानसभा मे आज बजट पर चर्चा करते हुये विपक्ष के नेता ओम प्रकाश
चौटाला ने सरकार पर कुप्रबंध का आरोप लगाते हुए कहा कि प्रदेश का ऋण लगातार बढ़ रहा है और थर्मल बिजली परियोजनाओं को पर्याप्त कोयला उपलब्ध नहीं हो पा रहा है। श्री चौटाला ने कहा कि बजट को पिछली बार की तरह करमुक्त बजट के तौर पर प्रचारित किया जा रहा है लेकिन विपक्ष को शंका है कि बाद में सरकार पिछली बार की तरह बिजली परिवहन आदि पर कर न लगा दे।
श्री चौटाला ने कहा कि सरकारी आंकड़ों के अनुसार नए वित्त वर्ष में लोक ऋण 13 हजार पांच सौ 68 करोड़ नवासी लाख रूपये का है। उन्होंने चिंता जताई कि प्रदेश का ऋण बढ़ रहा है और इसका ब्याज देने के लिए भी ऋण लेना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार का प्रबंध ठीक नहीं है। श्री चौटाला ने कि राज्य के सभी बोर्डस व निगमों को कहा गया है कि उन्हें और ऋण नहीं मिलेगा तथा वे अपनी जरूरतें पूरी करने के लिए अपनी संपत्ति गिरवी रखे। उन्होंने कहा कि आज ऋण लेने के लिए संपत्ति गिरवी रखनी पड़ रही है ये सरकार का प्रबंध ठीक न होने का सबूत है। दीनबंधु सर छोटू राम ऊर्जा संयंत्र के बारे में उन्होंने कहा इस परियोजना का आगाज उनके कार्यकाल में हुआ और उस समय सरकार ने रिलायंस से समझौता कर निर्माण की समय सीमा भी तय की थी और रिलायंस द्वारा निर्माण कंपनी बदले जाने के आग्रह को ठुकरा दिया था बाद में कांग्रेस सरकार ने पहले तो उनका आग्रह ठुकरा दिया लेकिन दोबारा रिलायंस को इसकी अनुमति दे दी गई जिसका परिणाम अब संयंत्र में बार बार आ रही खराबी के रूप में भुगतना पड़ रहा है जिससे करोड़ों रूपये का नुकसान हो रहा है। विपक्ष के नेता ने आरोप लगाया कि थर्मल प्लांट्स को निम्नस्तरीय कोयले की आपूर्ति हो रही है और उन्होंने कहा कि जिले में पूर्णतया सौर ऊर्जा सुविधा दिए जाने के बारे में सदन में दी गई जानकारी गलत है। उन्होंने कहा कि देश के 21 बोडर््स व निगमों में से
सात घाटे में चल रहे है और बिजली नियामक आयोग के अनुसार दो बिजली निगम भी बंद होने के कगार पर है। उन्होंने ओटू बांध और बरसाती नदियों की खुदाई के बाद निकाली गई मिट्टी बेचने का आरोप लगाते हुए कहा कि ये मिट्टी किनारों पर न डाले जाने के कारण 34 गॉवों को बाढ़ का नुकसान झेलना पड़ा।
श्री चौटाला ने कहा कि किसानों को सिंचाई की पर्याप्त सुविधा नहीं मिल पा रही है तथा उन्हें बाढ़ का भी उचित मुआवजा नहीं मिला है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में गैरकानूनी खनन भी जारी है और रेत व बजरी के दाम भी बढ़ रहे हैं उन्होंने मनरेगा से जुड़े एक मामले में अधिकारियों के खिलाफ कोई कारवाई न करने का
भी आरोप लगाया। संत्तापक्ष ने इस पर स्पष्ट किया कि इस विषय में जांच के आदेश दे दिए गए है। श्री चौटाला ने कहा कि सरकार प्रदेश में अंतराष्ट्रीय स्तर की शिक्षा लाने में भी असफल रही हैं। प्रदेश में शिक्षा का स्तर गिरा है और सरकार ने दो लाख युवाओं को विदेशों में भेजने का वायदा भी पूरा नहीं किया है।
सरकार की सेज के तहत तीन लाख युवाओं को रोजगार देने की घोषणा भी पूरी नहीं की जा सकी है। बारह हजार सात सौ साठ आंगनवाड़ियों में पेयजल सुविधा और 9 हजार नौ सौ बाइस में शौचालय की सुविधा नहीं है।

करनाल कोर्ट द्वारा पिछले साल मनोज बबली आनर किल्लिंग के मामले में आरोपयिों को सुनवाई गयी सजा में राहत प्रदान करते हुए आज पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट से इन सभी अपराधियों को राहत मिल गयी है इनमें से दो को बरी कर दिया गया है और बाकि चार की फांसी की सजा को उम्र कैद में तब्दील कर दिया गया है।

हरियाणा के मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने एक प्रैस वार्ता में सदन द्वारा भाखड़ा मेन लाइन, हांसी-बुटाना नहर तथा सतलुज यमुना लिंक नहर के बारे में सर्वसम्मति से पारित प्रस्तावों पर विपक्ष का आभार व्यक्त किया है। उन्होंने उम्मीद जताई कि विपक्ष भविष्य में भी दलगत नीति से उपर उठ कर राज्य सरकार का समर्थन करेगा।

खंड स्तरीय महिला प्रतियोगिताओं का आयोजन करवाया

 ओढां,
    महिला एवं बाल विकास परियोजना अधिकारी कार्यालय ओढ़ां में महिला दिवस सप्ताह के तहत खंड स्तरीय प्रतियोगिताओं का आयोजन करवाया गया। सीडीपीओ ओढ़ां हरमीत कौर की अध्यक्षता में आयोजित इस कार्यक्रम में सुपरवाइजर सुरेंद्रपाल कौर व चरणजीत कौर सहित खंड की सभी आंगनबाड़ी कार्यककर्ताओं व हैल्परों ने भाग लिया।
    इस अवसर
पर आंगनबाड़ी हैल्परों के लिए खिलौना बनाओ, आंगनबाड़ी वर्करों के लिए स्लोगन बनाओ तथा ग्रामीण महिलाओं के लिए मेहंदी रचाओ प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। प्रतियोगिताओं में निर्णायक मंडल की भूमिका राजकीय कन्या उच्च विद्यालय ओढ़ां की हिंदी अध्यापिका ललिता व पंजाबी अध्यापिका गुरचरण कौर ने निभाई। इस अवसर पर महिलाओं को संबोधित करते हुए सीडीपीओ हरमीत कौर ने कहा कि महिलाएं जब तक जागरूक नहीं होंगी तब तक उन्हें अधिकार नहीं मिलेंगे अत: अपने अधिकारों के लिए महिलाओं को संघर्ष करना ही होगा।
    आंगनबाड़ी हैल्परों के लिए आयोजित खिलौने बनाओ प्रतियोगिता में पन्नीवाला मोटा की शकुतला देवी ने प्रथम, किंगरा की बगो देवी ने द्वितीय एवं जंडवाला जाटान की मलकीत कौर ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। इसी प्रकार आंगनबाड़ी वर्करों के लिए आयोजित स्लोगन बनाओ प्रतियोगिता में जगमालवाली की सुखपाल कौर ने प्रथम, चकेरियां की परमजीत कौर ने द्वितीय एवं ओढ़ां की कमलेश रानी ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। ग्रामीण महिलाओं के लिए आयोजित मेहंदी रचाओ प्रतियोगिता में चोरमार की कर्मजीत कौर ने प्रथम, ओढ़ां की अमनदीप ने द्वितीय एवं ओढ़ां की पूजा ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। अंत में सीडीपीओ हरमीत कौर ने विजेता प्रतिभागियों को पुरस्कार प्रदान करके सम्मानित किया।

छायाचित्र: 11 ओडीएन 1.जेपीजी—ओढ़ां। विजेताओं को पुरस्कार प्रदान करते हुए सीडीपीओ हरमीत कौर।

भारत सरकार के माध्यम से बचाव कार्य व राहत कार्यां के लिए मदद की पेशकश

सिरसा। जापान में भूकंप व सुनामी से हुए भयंकर विनाश पर डेरा सच्चा सौदा के पूजनीय गुरू संत गुरमीत राम रहीम सिंह जी ने गहरा दुख व्यक्त किया है और भारत सरकार के माध्यम से वहां पर बचाव कार्य व राहत कार्यां के लिए मदद की पेशकश की है। डेरा सच्चा सौदा की 32000 सदस्यों वाली शाह सतनाम जी ग्रीन एस वेलफेयर फोर्स विंग हर प्राकृतिक विपदा में बचाव व राहत कार्यों के लिए पूर्ण रूप से प्रशिक्षित है। देश में जब भी कहीं कोई प्राकृतिक आपदा आई तो पूजनीय गुरू जी की प्रेरणा व मार्गदर्शन में विंग के सेवादारों ने हर संभव मदद की है। वर्ष 2004 में भारत में अंडेमान निकोबार, तमिलनाडू व केरल में आई सुनामी के दौरान भी डेरा सच्चा सौदा के सेवादारों ने राहत कार्यां को सफलतापूर्वक अंजाम दिया था। 

तीन दिवसीय स्किल एनहैसमैंट पर कार्यशाला का सम्मापन

हिसार
    गुरू जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, हिसार के दूरवर्ती शिक्षा निदेशालय में कार्यरत गैर शिक्षक कर्मचारियों के लिए आज तीन दिवसीय स्किल एनहैसमैंट पर कार्यशाला का सम्मापन हुआ। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलपति डा एम एल रंगा मुख्य अतिथि थे। इस अवसर पर कुलसचिव प्रो आर एस जागलान,  दीन बंधु विज्ञान एवं प्रोद्यौगिकी विश्वविद्यालय, मुरथल, सोनीपत के कुलसचिव श्री आर के अरोड़ा व दूरवर्ती निदेशालय के निर्देशक प्रो एम एस तुरान उपस्थित थे।
कुलपति डा एम एल रंगा ने कर्मचारियों से आवहान किया कि वे प्रशिक्षण में सीखी गई नवीनतम तकनीकों का इस्तेमाल करके अपने कार्य में सुधार लाए क्योकि इससे विद्यार्थियों को लाभ पहुंचेगा और कार्य भी कम समय में सम्पन होगा।
डा रंगा ने कहा कि कर्मचारी किसी भी संस्थान की ख्याति बनाने में विशेष भूमिका रखते है।
कुलसचिव प्रो आर एस जागलान ने कहा कि  प्रशिक्षण व्यक्ति की कार्यकुशलता को बढाता है और जो व्यक्ति प्रशिक्षण समय-समय पर लेता है वो अपने कार्यक्षेत्र में उचाईंयो को छूता है।
प्रो एम एस तुरान ने कहा कि प्रशिक्षण गुणवता सुधार के लिए आवश्यक है और समय आ गया है कि हमें नवीनतम तकनीकों का अपने कार्यक्षेत्र में भरपूर इस्तेमाल करना चाहिए। प्रो तुरान ने बताया कि दीन बंधु विज्ञान एवं प्रोद्यौगिकी विश्वविद्यालय, मुरथल, सोनीपत के कुलसचिव श्री आर के अरोड़ा, कुरूक्षेत्र विश्वविद्यालय, कुरूक्षेत्र के परीक्षा नियंत्रक श्री वाई पी गोस्वामी, विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक श्री आर के यादव, जन सूचना अधिकारी श्री संजय सिंह, उप-कुलसचिव श्री बी एस कुण्डू, उप-कुलसचिव श्री प्रकाश अरोड़ा, उप कुलसचिव श्री बी एस वर्मा, संयुक्त निदेशक आडिट, श्री ए एस वर्मा, सहायक कुलसचिव श्री नफे सिंह, सहायक कुलसचिव श्री हरनाम,  व सहायक कुलसचिव श्री एस के शर्मा ने विभिन्न सत्रों में विशेष भाषण दिए।       
विश्वविद्यालय के दूरवर्ती शिक्षा निदेशालय के उप कुलसचिव श्री बी एस वर्मा ने बताया कि इस कार्यशाला में 35 कर्मचारियों ने भाग लिया।
फोटो कैप्शन :
फोटो-1
गुरू जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, हिसार के दूरवर्ती शिक्षा निदेशालय में कार्यरत गैर शिक्षक कर्मचारियों के लिए तीन दिवसीय स्किल एनहैसमैंट पर कार्यशाला के सम्मापन अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलपति डा एम एल रंगा प्रतिभागी को सर्टिफिकेट प्रदान करते हुए। साथ में है कुलसचिव प्रो आर एस जागलान, दूरवर्ती शिक्षा निदेशालय के निर्देशक प्रो एम एस तुरान, दीन बंधु विज्ञान एवं प्रोद्यौगिकी विश्वविद्यालय, मुरथल, सोनीपत के कुलसचिव श्री आर के अरोड़ा व अन्य।

'बिजनेस एंड मेनेजमैंट विषय पर आयोजित दो दिवसीय वार्षिक कान्फ्रैंस का आज समापन

हिसार
    हरियाणा स्कूल ऑफ बिजनेस, गुरू जम्भेश्वर विज्ञान तथा प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, हिसार द्वारा ''बिजनेस एंड मेनेजमैंट विषय पर आयोजित दो दिवसीय वार्षिक कान्फ्रैंस का आज समापन हुआ।  डायरेक्टर, हरियाणा स्कूल आफ बिजनेस प्रो एस सी कुण्डू ने बताया कि इस सेमिनार में 281 शोध पत्र प्राप्त हुए जिनमें से बिजनेस एण्ड मैनेजमैंट कंटपरेरी रिसर्च इश्यूज नामक पुस्तिका में अकाउंट एण्ड फाईनेंस में 23, मार्केटिंग, ह्यूमन रिसोर्स मैनेजमैंट व बैंकिंग एण्ड एंशोरैंस में 14-14, इकोनोमिक में 10, अन्य 7 शोध पत्र व 30 एबस्ट्रेक्ट पेपर छपे है। प्रो कुण्डू ने बताया कि बिजनेस एंड मैनेजमैंट विषय पर चौथी वार्षिक दो दिवसीय कान्फ्रैंस 9 व 10 फरवरी 2012 को आयोजित की जाएगी व डा कर्मपाल इस सेमिनार के लिए कनवीनर नियुक्त किए गए है।
     प्रो कुण्डू ने युवा शोधकर्ताओं से आह्वान किया कि वह जीवन के विभिन्न पहलुओं पर होने वाली समस्याओं का विषय चुन कर शोध करें ताकि शोध के परिणाम समाज व देश के हित में लाभकारी हों।  उन्होंने कहा कि भारत में विश्व स्तर का शोध कार्य हो रहा है। 
डीन, हरियाणा स्कूल आफ बिजनेस, प्रो बी के पूनिया व रेखा रानी ने अपने शोध पत्र ईमोशनल इंटेलीजैंस ए की इनग्रिडियंट आफ आग्रेनाईजेशन में बताया कि गांव की पृष्ठïभूमि वाले छात्रों में भावनात्मक बुद्घिमता शहरों से तालुक रखने वाले छात्रों में अधिक पाई गई है।
उन्होने बताया कि गांव का छात्र अधिक परिश्रम और संघर्ष पूर्ण जिंदगी व्यतीत करता है जिससे उसमें भावनात्मक बुद्घिमता अधिक होती है। उन्होने बताया कि मैट्रो व बड़े शहरो में शहरी परिवेश में पले बड़े युवा अपने आप को जल्दी व आसानी से ढाल लेते है जबकि ग्रामीण परिवेश के युवाओं को समय लगता है।
    डीन, फैकल्टी आफ मैनेजमैंट, चौ देवी लाल विश्वविद्यालय, सिरसा के प्रो सुल्तान सिंह ने कहा कि यह बड़ा हर्ष का विषय है कि युवा पीढ़ी शोध के कार्यों में अपनी दिलचस्पी दिखा रही है और नई से नई तकनीकों का इस्तेमाल करके निष्कर्ष निकालने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने आगे कहा कि जो फैसले शोध के आंकड़ों के आधार पर लिया जाते हैं उनके परिणाम साइंटिफिक व समय सीमा के अन्दर होते हैं। प्रो सुल्तान ने शोधकर्ताओं को सचेत करते हुए कहा कि शोध को सच्चे मन से करना चाहिए और कभी भी किसी ओर के शोधकार्य की नकल नही करनी चाहिए।
    डा दलबीर सिंह व डा टीका राम ने अपने शोध एनवायरमैंटल प्रोसपैक्टिवस इन यूजेज आफ प्लास्टिक बैगस इन ग्रीन मार्केट अपरोच में पाया कि उद्योग जगत पर्यावरण के प्रति चिंतित है और पालीथीन व प्लास्टिक का कम से कम प्रयोग करना चाहते है। उन्होने बताया कि समाज के एक बहुत बड़े वर्ग को बढते हुए प्लास्टिक के इस्तेमाल पर चिंता है और वह वैकल्पिक उत्पाद की उद्योग जगत से उमीद करता है। उन्होने बताया कि वैकल्पिक उत्पाद ऐसे होने चाहिए जो पर्यावरण, जीव-जंतुओं को बिना हानि पहुंचाए इस्तेमाल में लाए जा सके।   
    प्रो उषा अरोड़ा, डा राजीव कुमार व अनामिका चौपड़ा ने बताया कि पब्लिक सैक्टर बैंक व निजि क्षेत्र के बैकों की सेवाएं एक जैसी है ग्राहक दोनो क्षेत्रों के बैंकों से एक जैसी सेवाएं प्राप्त कर रहे है। उन्होने बताया कि ग्राहक बैंको की सेवाए अपने घरों व दफ्तरों के नजदीक चाहते है। इसके मद्देनजर भारत में बैंको  के फैलाव की संभावना है। इन्होने अपने शोध मे पाया कि दोनो क्षेत्रों के बैंको के ग्राहको की शिकायतों का शीघ्रता से निपटारा होना चाहिए ताकि बैकिंग सेवाओं में विश्वाश बढाया जा सके।
डा महेश गर्ग ने बताया कि कान्फ्रैंस में पहले दिन 66 व दूसरे दिन 63 शोध पत्र प्रस्तुत किए गए।  उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय के शिक्षण खण्ड-4 के सेमीनार हाल व हरियाणा स्कूल ऑफ बिजनेस में शोधकर्ताओं ने 11 विभिन्न तकनीकी सत्रों में भाग लिया। उन्होने बताया कि अकाउंटिंग एव फाईनेंस में 28, मार्केटिंग में 25, ह्यूमन रिसोर्स मैनेजमैंट में 26, इकोनोमिक एंड बिजनेस एनालेटिक्स में 11, इम्रजिंग इश्यूज में 7, बैकिंग व इन्श्योरेंस में 22 व विद्यार्थियों ने 10 शोध पत्र विभिन्न तकनीकी सत्रों में पढ़े
    इस अवसर पर विभिन्न संस्थाओं से आए हुए शोधकर्ता, शिक्षक, विद्यार्थी, विभाग के प्रो एचएल वर्मा, प्रो एमएस तुरान, प्रो हरभजन बंसल, प्रो ऊषा अरोड़ा, प्रो बीके पुनिया, डा कर्मपाल, डा प्रदीप गुप्ता, डा विनोद कुमार बिश्नोई, डा एन के बिश्नोई, डा वेदपाल, डा अनिल कुमार, डा शबनम सक्सेना, डा संजीव कुमार, डा तिलक सेठी, डा खजान सिंह, डा अंजु वर्मा, डा टीका राम, डा सविता ऊभा, डा दलबीर सिंह, डा सुरेश मित्तल, डा राजीव कुमार व डा श्वेता उपस्थित थे।   
फोटो कैप्शन :
फोटो-1
हरियाणा स्कूल ऑफ बिजनेस, गुरू जम्भेश्वर विज्ञान तथा प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, हिसार द्वारा ''बिजनेस एंड मेनेजमैंट विषय पर आयोजित दो दिवसीय वार्षिक कान्फ्रैंस में विश्वविद्यालय के डीन अकेडमिक अफेयरस प्रो एच एल वर्मा तकनीकी सत्र की अध्यक्षता व डा कर्मपाल अपना शोध पत्र प्रस्तुत करते हुए।
फोटो-2
हरियाणा स्कूल ऑफ बिजनेस, गुरू जम्भेश्वर विज्ञान तथा प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, हिसार द्वारा ''बिजनेस एंड मेनेजमैंट विषय पर आयोजित दो दिवसीय वार्षिक कान्फ्रैंस में उपस्थित शोधकर्ता। 

14 मार्च 2011 को एक दिवसीय कैमिस्ट्री इन आवर लाईफ विषय पर कार्यशाला

हिसार 
गुरू जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, हिसार का रसायन विभाग 14 मार्च 2011 को एक दिवसीय कैमिस्ट्री इन आवर लाईफ विषय पर कार्यशाला आयोजित करेगा। विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रो आर एस जागलान ने बताया कि इस कार्यशाला में कुरूक्षेत्र विश्वविद्यालय, कुरूक्षेत्र व हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय, हिसार के पूर्व कुलपति डा एस आर्या मुख्य अतिथि होंगे जबकि विश्वविद्यालय के कुलपति डा एम एल रंगा कार्यक्रम की अध्यक्षता करेंगे। 
प्रो जे के शर्मा, विभागध्यक्ष, रसायन विभाग ने बताया कि कार्यशाला में तीन तकनीकी सत्र होंगे जिसमें पहले सत्र में दिल्ली विश्वविद्यालय के रसायन विभाग के प्रो ऐ के बख्शी कैमिस्ट्री एजूकेशन इन 21वी सेंचुरी, आई आई टी, नई दिल्ली के प्रो एच एन चावला कैमिस्ट्री फार लाईफ एण्ड लाईवलीहुड व तीसरे सत्र में पंजाब विश्वविद्यालय, चढीगढ के प्रो एस एस बारी कैमिस्ट्री एण्ड मैडिसन विषय पर विशेष व्याखान देंगे।
कनवीनर डा दिवेन्द्र कुमार ने बताया कि वर्ष 2011 को अंतर्राष्ट्रीय रसायन वर्ष घोषित किया गया है। इस उपलक्ष में इस कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है और इसमें देश के विभिन्न विश्वविद्यालयों व महाविद्यालयों से शोध कर्ता आऐंगे और रसायन विषयों के विभिन्न पहलूओं पर चर्चा करेंगे। उन्होने बताया कि इस कार्यशाला को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग नई दिल्ली के सहयोग से किया जा रहा है।

पुलिस समाचार

सिरसा। जिला बाल विवाह निषेध अधिकारी की तत्परता से जिला में 3 अलग अलग स्थानों पर होने वाली नाबालिग लड़कियों की शादियां रूकवाई गई। बाल विवाह निषेध अधिकारी व पुलिस ने मौके पर पहुंचकर लड़कियों के परिजनों को बाल विवाह के दुष्परिणामों से अवगत करवाया, जिस पर परिजनों ने शादियां टालने का लिखित में आश्वासन दिया।
जानकारी मुताबिक शुक्रवार को जिला बाल विवाह निषेध अधिकारी साधना मित्तल एडवोकेट को सूचना मिली कि रानियां क्षेत्र के गांव कुस्सर में अंजूबाला(15 वर्ष) पुत्री भूरा राम निवासी भूसेवाला जिला श्रीगंगानगर की शादी होनी थी तथा राजस्थान के टिब्बी गांव से पवन पुत्र औमप्रकाश बारात लेकर आने वाला था। दसवीं कक्षा तक पढ़ी अंजूबाला की शादी उसका ननिहाल में उसका नाना सहीराम करवा रहा था। इस बारे में सूचना मिलने पर जिला बाल विवाह निषेध अधिकारी साधना मित्तल, महिला सहायक उपनिरीक्षक सुनीता तथा रानियां पुलिस ने मौके पर पहुंचकर लड़की की उम्र के संबंध में जांच पड़ताल की, जिस पर लड़की अंजू ने बताया कि उसका जन्मतिथि 24 जून 1996 है। नाबालिग लड़की की शादी किए जाने के दुष्परिणाम जानने तथा कानूनन अपराध होने की जानकारी मिलने पर लड़की के नाना सहीराम, पूर्व सरपंच राजेंद्र मैहता, पंच बृजलाल ने शादी को टालने का लिखित में आश्वासन दिया।
एक अन्य घटना में शुक्रवार को ही भडोल्यांवाली गांव निवासी ज्योति(15-16 साल) पुत्री स्व. बहादूर राम की शादी गांव बणी निवासी शलेंद्र पुत्र जगदीश के साथ होनी तय थी तथा शुक्रवार को बारात आनी थी। ज्योति नौवी कक्षा में पढ़ रही है तथा उसके पिता बहादूर राम की वर्ष 2000 में मौत हो गई थी। ज्योति की शादी उसकी मां रानी देवी कर रही थी। इस बारे में सूचना मिलने पर  जिला बाल विवाह निषेध अधिकारी  साधना मित्तल एडवोकेट, एएसआई सुनीता, रानियां पुलिस को लेकर मौके पर पहुंची तथा लड़की की उम्र के संबंध में कागजात मांगे। ज्योति की उम्र नाबालिग पाए जाने पर गांव के गणमान्य लोगों व लड़की की मां रानी ने लिखित में शादी टालने का आश्वासन दिया।
वहीं एक अन्य घटना में जिला बाल विवाह निषेध अधिकारी साधना मित्तल ने बड़ागुढा थाना क्षेत्र के गांव बप्पां में बृहस्पतिवार को नाबालिगा लड़की सोनू (साढे 17 साल) पुत्री गुरचरण के परिजनों से मिलकर उसकी 13 मार्च को होने वाली प्रस्तावित शादी को टाल  का लिखित में आश्वासन लिया। लड़की सोनू की शादी रानियां निवासी वीरभान पुत्र देसराज के साथ होनी थी। बाल विवाह निषेध अधिकारी व बड़ागुढा पुलिस पार्टी के मौके पर पहुंचने पर लड़की के पिता गुरचरण ने स्वीकारा की उसकी बेटी नाबालिग है। बाल विवाह निषेध अधिकारी द्वारा समझाने पर गांव के पूर्व सरपंच रांझाराम, रामचंद्र व अन्य गणमान्य लोगों ने पुलिस को विवाह टालने का लिखित में आश्वासन दिया।

1 दिवसीय सत्संग एवं प्रश्रोतर शिविर का आयोजन 3 मार्च रविवार को

सिरसा
अध्यात्मिक संस्था द सोल द्वारा जनता भवन रोड पर स्थित जनता भवन ग्राऊंड में 13 मार्च रविवार को 1 दिवसीय सत्संग एवं प्रश्रोतर शिविर का आयोजन संबुद्ध रहस्यदर्शी स्वामी आलोक के पावन सान्निध्य में आयोजित होगा। इस संबंध में जानकारी देते हुए कार्यक्रम संयोजक सुनील ढींगड़ा ने बताया कि 1 दिवसीय सत्संग व प्रश्रोतर शिविर के दौरान साधकों को जन्म से पहले हम कहां थे, मृत्यु के पश्चात हम कहां जाएंगे,मनुष्य का जन्म क्या है, मृत्यु क्या है, जीवन क्या हैं, परमात्मा क्या है ओर जन्म से पहले हम कहा थे ओर मृत्यु के पश्चात कहा जाएंगे, क्या हमें जीवन में किसी विशेष परियोजन के लिए भेजा गया है हम दु:खी, तनाव ग्रस्त, अशांत क्यों है आदि विषयों पर सवालों का जवाब संबुद्ध स्वामी आलोक अपने प्रवचनों द्वारा देंगे। कार्यक्रम संयोजक ने सुनील ढींगड़ा ने बताया कि अधात्मिक संस्थान द सोल द्वारा दिव्य सहज योग समाधि का पांच दिवसीय शिविर 27 मार्च से 31 मार्च तक आयोजित किया जाएगा।

पुलिस समाचार

सिरसा। जिला की चोरी निरोधक सैल पुलिस ने ऐलनाबाद के वार्ड न. 12 में बीती 7 मार्च को दिन के समय हुई चोरी की घटना की गुत्थी को सुलझा लिया है। पुलिस ने घटना के आरोपी को रानियां रोड़ सिरसा क्षेत्र से काबू कर लिया है। आरोपी के कब्जे से 243 ग्राम सोने के जेवरात बरामद कर लिए है। आरोपी चोरीशुदा सोने के जेवरात बेचने की फिराक में था। आरोपी को कल सिरसा अदालत में पेश कर रिमांड हासिल किया जाएगा, ताकि चोरीशुदा 700 ग्राम चांदी के जेवरात व चोरीशुदा घड़ी भी बरामद की जा सके।
विस्तृत जानकारी देते हुए सैल के प्रभारी उपनिरीक्षक औमप्रकाश ने बताया कि बीती 7 मार्च को कस्बा ऐलनाबाद में वार्ड न. 12 निवासी शकुंतला पत्नी ताराचंद के घर में चोरी हुई थी, जिसमें अज्ञात चोर 243 ग्राम सोने के जेवरात, 700 ग्राम चांदी के जेवरात व एक टाईटन घडी चोरी करके ले गया। घटना के दिन घर के सदस्य बाहर गए हुए थे और आरोपी दीवार फांद कर घर में घुसकर मकान में रखी अलमारी के लॉकर में से सोने व चांदी के लाखों रूपए के जेवरात चुरा ले गया।
उन्होने बताया कि इस संबंध में शकुंतला देवी की शिकायत पर ऐलनाबाद थाने में अभियोग दर्ज कर जांच शुरू की। सैल प्रभारी ने बताया कि घटना की गुत्थी को सुलझाने के लिए महत्वपूर्ण सुराग जुटाए गए, तथा सुरागों के आधार पर आरोपी को रानियां रोड क्षेत्र से काबू किया गया। पकड़े गए आरोपी की पहचान रवि पुत्र मदनलाल निवासी वार्ड न.11 ऐलनाबाद के रूप में हुई है।  सैल प्रभारी ने बताया कि आरोपी नशीली दवाओं के सेवन करने का आदि है तथा पूछताछ में उसने स्वीकारा कि नशे की पूर्ति के लिए वह चोरी की वारदातों को अंजाम देता है।

सिरसा। जिला की सीआईए सिरसा पुलिस ने हवेली प्रकरण मामले में चार आरोपियों को काबू किया है। पकड़े गए आरोपियों की पहचान पूर्ण चंद पुत्र देवीदयाल, मिठू पुत्र रामरत्न, रामरत्न पुत्र कृष्णलाल व मनोज पुत्र हंसराज निवासी इंद्रपुरी मोहल्ला सिरसा के रूप में हुई है। सीआईए सिरसा के निरीक्षक किशोरीलाल ने बताया कि भादरा बाजार की गली सांखू वाली स्थित एक पुराने मकान में खुदाई के दौरान मिले चांदी के सिक्के प्रकरण में मकान मालिक मेघराज नाहटा निवासी कलकता की शिकायत पर आरोपियों के खिलाफ भादंसं की धारा 379 व 406 के तहत थाना शहर सिरसा में अभियोग दर्ज किया गया था। इस मामले की जांच करते हुए पुलिस ने 612 चांदी के सिक्के बरामद कर लिए है। सीआईए प्रभारी ने बताया कि पुलिस जांच के दौरान पकड़े गए आरोपियों को आज सिरसा अदालत में पेश किया जाएगा।

सिरसा। कालांवाली पुलिस ने सार्वजनिक स्थल पर हुडदंग मचाकर शांति भंग करने के आरोप में दो लोगों को काबू किया है। पकड़े गए आरोपियों की पहचान विक्की पुत्र औमप्रकाश तथा कृष्ण पुत्र बनवारी निवासियान मंडी कालांवाली के रूप में हुई है। आरोपियों को मंडी कालांवाली में सार्वजनिक स्थल पर हुडदंगबाजी करते हुए काबू किया गया। आरोपियों के खिलाफ  थाना कालांवाली में भादंसं की धारा 160 के तहत अभियोग दर्ज किया गया है। वहीं रोड़ी पुलिस ने अंग्रज सिंह पुत्र गुजर सिंह निवासी रोड़ी को 8 बोतल शराब के साथ काबू किया है। सदर डबवाली पुलिस ने सट्टाखाईवाली करने के आरोप में अशोक पुत्र रूपचंद निवासी खुइया मलकाना को 485 रूपए की सट्टाराशि के साथ काबू किया है। शहर सिरसा पुलिस ने रमेश पुत्र प्रभूदयाल निवासी रानियां रोड़ सिरसा को 7 बोतल शराब के साथ काबू किया है।

Haryana map



Fairs & Festivals Festivals

Lohri (January)

marks the culmination of winter, and is celebrated on the 13 Jan a day before Makar Sankranti. For Punjabis, this is an important festival. Lohri celebrates fertility and the spark of life. People gather round the bonfires, throw sweets, puffed rice and popcorn into the flames, sing songs and exchange greetings. The prasad comprises of things like til, gazak, gur, moongphali, phuliya and popcorn. There is puja, involving parikrama around the fire and distribution of prasad. This symbolizes a prayer to Agni, the spark of life, for abundant crops and prosperity. The first Lohri of a bride is extremely important. The first Lohri of a newborn baby, whether a girl or a boy, is also equally important. Children go from door to door singing and asking for the Lohri prasad.

Basant Panchami (Feb-Mar)


This festival is celebrated in Haryana, Delhi and Punjab to welcome spring season. The main attraction of this festival is Kite flying.

Holi (March)

Holi is celebrated with considerable zest, particularly in the area bordering Uttar Pradesh. Four days before the festival, married women play Holi with their men folk by throwing coloured water on them. The day following Holi, Dhulandi (Phag), men folk throw water on women who retaliate by a mock beating with sticks or kolras (twisted cloth strips). The men act as if they are powerless and they pretended attempts at shielding themselves lead to much fun and amusement.

Gangore (Mar-Apr)

It is celebrated on Chet Sudi-3. Idols of Ishar and Gangore are taken out in procession and songs in their praise are sung till they are immersed into water. This spring festival is held in honor of Gauri, the goddess of abundance. Girls dress up in their finest clothes and pray for a spouse of their choice, while married ladies do the same for the happiness of their husbands. Girls worship the goddess throughout the preceding fortnight. Colorful images of Gauri, beautifully dressed and bejeweled, are taken out in procession with the town band. Thousands of people take part in the procession of the Gangore image from village to village.

Baisakhi (April)

This is the New Year's Day for Panjabis is celebrated with joyous music and dancing . It falls on April 13, though once in 36 years it occurs on 14th April. It was on this day that the tenth Sikh Guru, Guru Gobind Singh, founded the Khalsa in 1699. Sikhs visits Gurdwaras and listen to kirtans. After the prayer, kada prasad (sweetened semolina) is served to the congregation. The function ends with langar, the community lunch. Processions are taken out, at the head of which are the panj piaras. Mock duels and bands playing religious tunes are part of the processions. School children also enthusiastically take part in them. For people in villages this festival is a last opportunity for relaxing before they start harvesting of corn. Processions and feasting follow readings of the holy scripture of the Sikhs, Guru Granth Sahib.

Nirjala Akadshi (June)

It falls in the month of Jaishth. The women keep fast and abstain from water.

Teej (Jul-Aug)

It is celebrated on Sawan Sudi - 3. It is celebrated to welcome 'Sawan' or the rainy season. After first showers of Sawan, a small red insect called Teej in Haryana comes out from earth's soil. Swings are set up in the open courtyards and Teej gets the first swing of the season. Girls apply henna on their hands and feet and are excused from household chores on this day. On Teej girls receive new clothes from their parents and the mother sends a baya or gift. Puja is performed in the morning. The baya which consists of a variety of foodstuff, is placed on a thali at the place of worship where a chowk (square) has been decorated, an idol or a picture of Parvati is installed. The evenings are set aside for singing and dancing.

Janamashtami (August)

It is celebrated as the birth anniversary of Krishna, the incarnation of Lord Vishnu. The temples witness an extravagant and colorful celebration on this occasion. Raslila is performed to recreate incidents from the life of Krishna and to commemorate his love for Radha. The image of the infant Krishna is bathed at midnight and is placed in a cradle. Devotional songs and dances mark the celebration of this festive occasion all over Northern India. This festival is celebrated with a special fervor by people of 'Brij Bhoomi' area of Faridabad district.

Gugga Naumi (Aug-Sep)

This is a religious festival, celebrated all over Haryana. It is connected with snake-worship and observed in August-September. A number of legends have clustered around Gugga Pir or Zahir Pir (the saint). He is also referred to as Baggar wala because of his grave near Dadrewa near Ganga nagar, a tract over which he is said to have ruled. He was reputed to have the power of curing people of snake-bite. Monday is his day, the date being 9th. The shrine is distinguished by its square shape with minarets and domed roof. It is called 'Mari'.

Dusshera (Oct-Nov)

Dussera is probably the chief Hindu festival, being associated with the great Epic Ramayana and its renowned hero, Rama. The celebrations last nearly a month. First come the Shradas, early in September and lasts over a fortnight. The Brahmins are fed on these days in memory of the deceased elders of the family. The Shradas are followed by Nauratas, which as the name implies are nine in number. Oats sown in the field or deposited in big utensils, are watered on each of these days. On the Dussera day, pudding (halwa) is eaten with rice and cured. The Brahmins are also fed. All the members of the family except woman put stalks of green oats on their head. Ram Leela is enacted in various places. On the last day the effigies of the demon king Ravana and his supporters are burned, which forms the concluding event.

Diwali (Oct-Nov)

Deepawali is a festival of lights symbolizing the victory of righteousness and the lifting of spiritual darkness. The word 'Deepawali' literally means rows of 'deepaks' or 'diyas' (clay lamps). It is celebrated 20 days after Dusshera on the 13th day of the dark fortnight of the month of Asvin (Oct-Nov). Continuing the story of Ram, this festival commemorates Lord Ram's return to his kingdom Ayodhya after completing his 14-year exile. Twinkling diyas and candles light up every home and firework displays are common all across the country. The goddess Lakshmi, who is the symbol of wealth and prosperity, is also worshipped on this day. Lord Ganesh, the symbol of auspiciousness and wisdom, is also worshipped in most Hindu homes on this day. The occasion of Diwali sees the spring-cleaning and white-washing of houses; decorative designs or rangolis are painted on floors and walls. New clothes are bought and family members and relatives gather together to offer prayers, distribute sweets and to light up their homes.

Fairs

Gopal-Mochan Fair

In Ambala, the most famous fair is held at Gopal-Mochan near Bilaspur in Jagadhari tehsil. There is a sacred tank of the same name in the place. The legend is that once Lord Shiva while rescuing Saraswati, who was being pursued by Brahma, struck off the latter's head. A lock of hair was left in Shiva's hand and his body was blackened. For a long time Shiva was unable to cleanse himself. One night, when he was resting at a cow shed he overheard the conversation between a cow and her calf. The calf said he was going to kill his master, a Brahmin, to avoid being castrated. The cow tried to dissuade the calf from the sin, but the calf said, it knew of a tank where it could cleanse itself from the sin of killing a Brahmin. Shiva followed the calf the next day and saw it kill its master. The bodies of the cow and the calf where then blackened until they cleansed themselves by bathing in Gopal Mochan tank. Shiva followed their example and was like wise cleansed. Since then the water of Gopal-Mochan have retained their virtue. It is considered by many to be more efficacious than the waters of the Ganges at Hardwar. The Rin Mochan is another water tank situated close to the Gopal-Mochan. A big fair is held in the village in the month of Kartik.

Masani Fair

Haryana's most famous fair is held in honour of the goddess of small-pox, Masani whose temple is in Gurgaon village. There is a legend about this temple. There was a shrine, sacred to the goddess Devi, locally known as Masani at the village of Kesopur in the Delhi district. Some two hundred and fifty years ago according to tradition, the Goddess appeared in a dream to one Singha, a Jat of some influence and a resident at the village of Gurgaon. The Devi communicated to Singha that she wished to leave Kesopur and directed him to construct a shrine for her in his village. At the same time, she authorised the fortunate Singha to appropriate all the offerings at her shrine. The orders of the goddess were promptly carried out. The shrine was built and flourished, its fame spreading far and wide. A visit to the shrine is an antidote for small-pox and women from great distances flock to it with their children to obtain this benefit. The greatest crowd is in April-May but all the year around steady stream of people flows, Monday being the favourite day. Singha and his heirs enjoyed the offerings for two hundred years.

Basdoda Fair

At the village of Basdoda in Rewari tehsil there is an ancient temple of Bhaironji. A fair is held on Chatsudi 11th, and the two following days. For this, people come from as far as Delhi and Agra.

Melas

Mela Devi is held at Beri in Jhajjar of Rohtak district, twice a year. According to a Legend, the image of goddess Bhumeshwari Devi was brought from the hills and installed at Beri. Newly married couples blessed with a son come here to pay homage. Mela Baba Mast Nath is held in February-march each year at the Samadhi of the saint at Bohar near Rohtak. It is also held at Khera Sadh and the people worship both at the Samadhi and the temple. Sat kumbh fair is a religious celebration and is held at Kheri Gujar (Sonepat) twice a year. At the village of Khori-Shah-Choka in the Firozpur-Jherka tehsil of the Gurgaon. Meos gather in large numbers on the 5th to 7th Jama-di-Ul-awal, the object of their pilgrimage being the tomb of Saint Shah Choka. Hindus also attend the Mela. This fair used to be a great occasion for elopements. Mansa Devi Mela is held in Bilaspur village near of Mani Majra (Chandigarh). There are two temples dedicated to the goddess here. The fairs are held twice a year in March-April (Chat shudiashtami) and September-October (asoj shudi ashtami). Chetar Chaudas Mela is annually held in Pehowa, which has the holy Saraswati tank also called 'Saraswati Teertha' or 'Prithudak Teertha'. This Teertha also finds mention in the ancient Hindu texts. Here in this place the Chetar Chaudas Fair is held in the spring season. Pilgrims, both Sikhs and Hindus, flock to this place to offer 'pinds' for their ancestors. It is claimed that here in this holy spot, Yudhister had offered 'pinds' in memory of all their relatives killed in the Mahabharat war. Pilgrims take bath in the Saraswati tank during this fair.

Surajkund

It is a village which lies 20 Kms from Delhi between the villages of Baharpur and Lakkarpur. It is famous for the crafts fair held between the 1st and 15th February every year. The Surajkund Crafts is an annual event that highlight some of the finest handloom and handicraft traditions of the country. The objectives is to create a rural ambience for the foreign and domestic tourist to see, to educate patrons both from abroad, urban centres and educational institutes about the fascinating technique and skills involved in craft creation, to introduce crafts and craftspersons directly to the buyers and help them find their patrons, to Identify, nurture and preserve languishing crafts of the country and save it for posterity. Suraj Kund is a beautiful tourist location of Haryana Tourism and in its lovely setting, folk painters, metal workers, stone and wood carvers, tie dye craftspersons, embroiders, lace makers, textiles printers, carpet and loom weavers, producers of silk fabrics, jewellers and sculptors- execute and display their skills. The fortnight long celebrations also come as a food festival where popular foods of different states are available. Popular Chinese and snack foods also arrive for the event along with a special stall where patrons are introduced to the traditional foods and sweet meats of the selected theme State. Food is served in Banana leaves and claypots here. The Surajkund Crafts Mela has grown equally famous for the rhythms of folk theatre: It resonates with the formal notes of the classical genre: The heady rhythms of percussion instruments: The ballads of singing minstrels: The clebration of the simple joys of rural life and reverence of epic traditions all mingle well. All these colourful events are also presented before the audience in the open-air-theatre named Natyashala. Surajkund is well connected to Delhi, Gurgaon and Faridabad district head quarter towns by mettalled road Approachable by tour coaches, tourist taxis, own conveyance. The nearest Airport is at Delhi. The complex is a 35 minute drive from the Indira Gandhi International Airport. 25 km from Palam Airport. Delhi is the nearest Railway junction. Faridabad and Gurgaon are both linked to Delhi via Railway lines. From each of these stations travel to Surajkund has to be done by car/cab/tourist coach.

The Kartik Fair

The Kartik Cultural Festival of Haryana is the result of the consolidated effort of Haryana Tourism working with a number of allied agencies. The Kartik Cultural Festival was planned with the express view of promoting fort ambience, martial arts and the rich repertoire of both classical Indian music and dance, matching it with an equally rich variety of folk theatre. The festival had given new life to dying folk arts, martial arts and worked to bring traditional folk dances and music to the national stage. The Kartik Cultural Festival was held at the Nahar Singh Mahal that lies in Ballabgarh town. The fort, the venue of the festival was built by the forefathers of Raja Nahar Singh around 1739 A.D. Raja Nahar Singh after whom the palace is named ascended the throne in 1829 A.D. The Raja was a young king of the empire of the last Mughal Emperor Bahadur Shah Zaffar. He gave up his life fighting for the cause of the ruler in the country's First War of Independence in 1847. The Palace of Nahar Singh was identified for beautification by the Government of Haryana and restored to its original glory by a well known team of experts of Francis Nacziarg and Aman Nath who worked on many such restoration projects. The Mahal is an out-standing specimen of architectural design. The Palace was decorated with an elaborate cupola and minars. In pattern, the palace carries a reflection of the finesse of the mahals of Bharatpur.

Bathing at Sohna

Sohna is famous for its hot springs, which have medicinal qualities, several thousand people assemble at Sohna on Somwati Amawas to bathe in sulphur springs. The crowd would be small if the festival happens to fall during harvest-time.

Sili Sate fair is held to worship Sitamata.

Madlia Naumi is celebrated at the beginning of the rainy season.

Sanjhi is celebrated for 10 days in the month of Asuj. Sarka Devi is mainly worshipped in these days.

The 'Mango Festival' and the 'Kurukshetra Festival' have also become popular annual events.

Places of Interest

Places :
Place (District) STD Code Distance Resort run by Haryana Tourism (Phone)
Pehowa (Kaithal) 01741 110 km from Chandigarh AN JAN (230150)
Faridabad (Faridabad) 0129 30 km from Delhi ARAVALLI GOLF COURSE
(2414810, 2418608 (FAX))
Faridabad (Faridabad) 0129 32 km from Delhi BADKHAL LAKE
(2416901-03, 2418731-33)
Sohna (Gurgaon ) 0124 56 km from Delhi BARBET (2362256)
Bhiwani (Bhiwani) 01664 110 km from Delhi BAYA (244040)
Sultanpur (Gurgaon) 0124 46 km from Delhi BIRD SANCTUARY (2375242)
Hansi 01663 Delhi-Fazilka Highway BLACK BIRD (256959)
Hisar (Hisar) 01662 160 km from Delhi BLUE BIRD (275131, 275568)
Samlakha (Panipat) 0180 70 km from Delhi BLUE JAY (2572110)
Jind (Jind) 01681 127 km from Delhi BULBUL (256087)
Ottu (Sirsa) 01698 17 km from Sirsa Cotton Teal (275303)
Hodel (Faridabad) 01275 92 km from Delhi DABCHICK (235555, 235626)
Rai (Sonepat) 0130 38 km from Delhi ETHNIC INDIA (2366651)
Hisar (Hisar) 01662 160 km from Delhi FLAMINGO (225702)
Bahadurgarh (Jhajjar) 01276 35 km from Delhi GAURIYYA (243855)


Places :
Places District & STD code Phone Distance
GREY PELICAN
(Yamuna Nagar)
Yamuna nagar (01732) 233922, 233942 106 km from Chandigarh
HERMITAGE HUTS
(Surajkund)
Faridabad (0129) 2252314-15 8 km from South Delhi
HOTEL RAJHANS
(SURAJKUND)
Faridabad (0129) 2512842 (FAX) 2512318, 2512054-57, 2512310-11 8 km from South Delhi
JUNGLE BABBLER
(Dharuhera)
Dharuhera (01274) 242225 70 km from Delhi
JATTAYU
(Mansa Devi)
Panchkula (0172) 2556894 2 km from Chandigarh
JYOTISAR
(Jyotisar)
Kurukshetra (01744) 239326 150 km from Delhi
KARNA LAKE
(Uchana)
Karnal (0184) 2267759, 2267264 ,2268909 124 km from Delhi
KING FISHER (Ambala) Ambala (0171) 2521570, 2521572-73 55 km from Chandigarh
KOEL (Kaithal) Kaithal (01746) 224270 123 km from Chandigarh
MAGPIE
(Faridabad)
Faridabad (0129) 2288083, 2290404, 2290505 30 km from Delhi
MOUNTAIN QUAIL
(Morni Hills)
Panchkula (01733) 250166 45 km from Chandigarh
MYNA (Rohtak) Rohtak (01262) 243120 74 km from Delhi
NEELKANTHI
(Kurukshetra)
Kurukshetra (01744) 221615 154 km from Delhi
OASIS
(Uchana)
Karnal (0184) 2388322 , 2388725 124 km from Delhi
PAPIHA
(Fatehabad)
Fatehabad(01667) 220443 210 km from Delhi
PARAKEET
(Pipli)
Kurukshetra(01744) 230250 160 km from Delhi
RAJA NAHAR SINGH PALACE
(Ballabgarh)
Faridabad (0129) 2249569 15 km from South Delhi
RED BISHOP
(Panchkula)
Panchkula(0172) 2572133, 2572140, 2567250-53 10 km from Chandigarh
SANDPIPER
(Rewari)
Rewari(01274) 224771 80 km from Delhi
SARAS (Damdama) Gurgaon(0124) 2362552 64 km from Delhi
SHAMA(Gurgaon) Gurgaon (0124) 2320683, 2310503, 2310504 32 km from Delhi
SHIKRA
(Asakhera)
Sirsa(01668) 289249 326 km from Delhi
SKYLARK
(Panipat)
Panipat(0180) 2641051, 2633925 92 km from South Delhi
SUNBIRD
(Surajkund)
Faridabad(0129) 2251357 8 km from South Delhi
SURKHAB (Sirsa) Sirsa (01666) 221996 259 km from Delhi
TILYAR
(Rohtak)
Rohtak (01262) 273119 70 km from Delhi
YADAVINDRA GARDENS
(Pinjore)
Panchkula (01733) 231877, 230177, 230759 22 km from Chandigarh.

Art and Craft Pottery

Art and Craft
Pottery

Haryana mainly has a rural economy and Pottery is one of the main occupation. While the potter works on the wheel, he has a helper (usually his son or a relative) mixing clay, while a woman (his wife or a sister) makes intricate designs into the finished vessel or toy. From utensils to toys to decorative pieces, clay forms the most essential ingredient on which the potter literally survives. Seasonal festivals call for the potter to get cracking he has to make hundreds of toys like miniature cows, horses, people, houses and sepoys which are then sold in brightly decorated stalls along dusty lanes.

Embroidery, Weaving and Handlooms


Haryana is quite famous for its woven work, be it shawls, durries, robes or lungis. The Haryana shawl is known as "Phulkari". It is an offshoot of the shawl from Kashmir. It is a spectacular piece of clothing, full of magnificent colors and intricate embroidery. Worn with a tight-fitting choli (blouse) and Ghagra (long skirt), it forms the basic winter wear for the women of Haryana. A deviation from the phulakri is the "bagh" (garden). In this case, the entire cloth is covered with embroidery. The phulkari is made by female members of a house, and takes a long time to make; sometimes even a few years. Traditionally, work on a phulkari commences from the time a daughter is born in the family and is given to her at her wedding. Against a red background, motifs of birds, flowers and human figures are stitched into the cloth. In Haryana, durrie making is concentrated in and around Panipat.

Folk Music

Haryana has a rich tradition of folk music. Even villages have been named after classical ragas. In Dadri tehsil, several villages have names related to well known ragas. These are Nandyam, Sarangpur, Bilawala, Brindabana, Todi, Asaveri, Jaishri, Malakoshna, Hindola, Bhairavi, Gopi Kalyana etc. Similarly in Jind district there are Jai Jai Vanti, Malavi etc.The folk music of Haryana generally falls in to two categories :

Classical form

The group song that is closely linked with the classical form of singing comes under this category. The themes of such songs are usually mythological. Allah, Jaimalphalla, Barahmas, some Teej songs, Phag and Holi songs belong to this group.

Country side music

This group includes legendary tales, such as Purana-Bhagata, ceremonial songs, seasonal songs, ballads etc. Its music survives in cross-cultural traits of social rapport. In such songs Jai Jai Vanti, Pahari, Bhairavi, Kafi, Jhinjhoti and Bhairav ragas are used. Raga Pilu is also used in some songs sung by the Ahirs, using a scale with twelve semi tones. The main credit for popularizing folk music in Haryana goes to Jogis, Bhats and Saangis. The Jogis use Sarangi as an accompaniment to their songs. They are proficient in using Allah, Jaimal-phatta and other heroic ballads with their rich melodies and resonant-appealing voice.

Theatre

Better known as sang in Haryana, theatre forms an integral part of the state's culture. Theatre here is usually performed in rural areas, complete with a touch of folklore, music and narration from the sidelines. The word sang is the corrupted form of swang, which literally translated means imitating or diguising. The sang is the rural folk drama which expresses the interplay of love, depicting mythological and modern tales of valour, sacrifice, humour and whatever else comes to mind. With a deep rooted tradition, the sang is based on the open theatre style, i.e., they do it in the open. As in other parts of India, Ramleela and Rasleela are the more popular dramas, both being based on mythology and religion. A number of musical instruments like the ektara, dholak, kharta, sarangi and harmonium put a little flavour into the dialogues. Sangs are also performed at night, and the female characters are often played by men dressed as women. No, this isn't cross dressing; its just tradition. In recent times women have replaced the men, and they have their own sangs in which women play men instead of the other way round.

Haryana

Haryana

Haryana is a state in northwest India between 27 deg 37' to 30 deg 35' latitude and between 74 deg 28' to 77 deg 36' longitude and with an altitude between 700 to 3600 ft above sea level. Haryana was carved out of the Indian state of Punjab on 1st November 1966. It is bounded by Uttar Pradesh in the east, Punjab in the west, Himachal Pradesh in the north and Rajasthan in the south. The river Yamuna acts as the eastern boundary between Haryana and the states of Uttaranchal & Uttar Pradesh. The state is divided into four divisions for administrative purpose - Ambala, Rohtak, Gurgaon and Hissar. There are 19 districts, 47 sub-divisions, 67 tehsils, 45 sub-tehsils and 116 blocks. Haryana has a total of 81 cities and towns. It has 6,759 villages. An area of 1,553 sq.km is covered by forest. Haryana has a network of 43 tourist complexes, named after birds. These have been set up along the national / state highways and at districts, towns and at places around Delhi. Haryana has a network of educational institutions. There were 10399 Primary Schools, 1792 Middle Schools and 3838 High and Senior Secondary Schools functioning during 1998-99 in the State. Presently, there are four Universities and 214 Colleges with 161 Colleges of general education and 53 institutions exclusively for women in the State. As compared to All India Average of literacy rate of 52.21 per cent Haryana's literacy rate is 55.85 per cent. With just 1.37% of the total geographical area and less than 2% of India's population, Haryana has carved a place of distinction for itself during the past three decades.

People


Haryana is a State which astonishingly combines both-antiquity and plenty. It has been a cradle of Indian culture and civilization. The people of Haryana are simple, straight-forward, enterprising and hard-working. They are still conservative and continue to follow old practices as a matter of routine and custom. They celebrate festivals with great enthusiasm and traditional fervour. The region has its popular folklores, folksongs and musical instruments. The popular folklore of this area reflects the beliefs and piety of the people. Their culture and popular art are expressed through mimes, dramas, ballads and songs in which they take great delight. Harayan's population, are divided into a number of castes (jatis). The main classes of people in Haryana are the Brahmins, the Rajputs, the Jats, the Ahirs and the allied agricultural communities. The women are devoted and diligent and assist their men-folk on the farms. The dress of the people is generally simple. It consists of a dhoti, shirt, turban and a pair of shoes. A blanket or chaddar serves as wrapper. A duppata or overcloth, kamiz or skirt, pajamas, salwar or ghagra with differences in make and colour is generally the female dress. Among the educated classes in the villages women are taking to saris of different colours. The dresses worn by women display more variety than male attires. People are very fond of ornaments here. The ornaments are usually made of gold and silver. The main items include haar (necklace), hansli (heavy bangles) made of silver, jhalra (long hanging string of gold mohars or silver rupees) Karanphul and bujni of gold and dandle of silver for the ears. Some new types of ornaments are tops (balian) for the ears, churis for the wrists and pandels for the neck. The people have simple food habits. They are known for their love for cattle and the abudance of milk and curd in their diet. Haryana has always remained a rendezvous for diverse races, cultures and faiths.

Industry

Durri (carpet) manufacturing is a very important industry of the state. Manufacturing of scientific and surgical instruments is an old and important industry in the state and it is mainly located in Ambala district. Industrial units here are engaged in manufacturing of electric appliances like electric presses, electric ovens, electric motors of various sizes, electric grinders and mixies and electronic goods like voltage stabilizers, electric metres and accessories of refrigerators. Medium scale units are engaged in producing motor cycles, scooters, wheel rims, magnets, pistons, engines and break equipments, mobile cranes, hand tools, auto tyres, industrial tuggers and tubes, fans, printed cloth, A.C sheets and moulded pipes, tractor equipments, air compressors and pneumatic tools, rubber foot wears, diesel engines, yarn etc. The small scale units consist the manufacture of metal products and parts, rubber, plastic, petroleum products, wood and wood products, furniture and fixtures, cotton textiles, engineering goods, electronic goods and food products.

Agriculture

About 80% population of the State is engaged in agriculture, directly or indirectly. Mainly the crops of Haryana are divided into Kharif and Rabi crops. The main Kharif crops are Sugarcane, ground nut, paddy and maize. Minor Kharif crops are chillies, bajra, jowar, pulses and vegetables. The Main Rabi crops are gram, wheat, barley and oil seeds. Minor Rabi crops are massar, barseen, methi, onion and winter vegetables. The western Yamuna canal and the Bhakra canal system brings benefits to the cultivators of Haryana in a big way. The state has extensive tube well system. This irrigation net work has made Haryana into one of the front line states of India interms of good grains production. The state is not only surplus in food grains but also makes large quantities available to the central pool to serve the needs of the deficit states and provides some for export. High yielding varieties of wheat, paddy, sugarcane, barley, gram and a variety of other crops as well as vegetables and fruits are produced. Against the all-India average 31.6% of net irrigated area to the next sown area Haryana has a high average of 79.8%. The state is noted in respect of cultivation of as much of the land as is available. In Haryana, out of 100 hectares as much as 3/4 is cultivated and nearly 30% of the area under crop is irrigated. The out put of food grains per hectare is much higher in Haryana than the rest of the country and the state is a kind of granary. The Basmati rice produced in Haryana finds an easy market abroad. The State has Asia's biggest agricultural University known as Chaudhry Charan Singh Haryana Agricultural University at Hisar, which has already made a significant contribution in ushering 'Green Revolution'. Electricity is supplied on subsidised rates to the agriculture sector. As a result of the various incentives being provided to the farmers, floriculture and horticulture are fast picking up. An ultra-modern fruit and vegetable market and food processing complex of international standard is being developed at Rai near Delhi to provide marketing and food processing facilities to the farmers and entrepreneurs of the northern region.

Animal Husbandry

Animal husbandry has been taken up as an integral component of diversified agriculture. Haryana has a livestock population of 98.97 lakh. Its 'Hariana' breed of cows and 'Murrah' breed of buffaloes are known throughout the world. Buffaloes constitute 45 % of the total livestock population and they contribute 80.5 % of the total milk production. About one lakh 'Murrah' buffaloes are exported every year to other States and abroad. The National Dairy Research Institute set up at Karnal and Central Institute for Research on Buffaloes at Hisar are constantly developing the breed of 'Hariana' cow and 'Murrah' buffaloe. There is a network of veterinary institutions to maintain the health of livestock. The State is regularly supplying eggs, layer-chicks and broilers to the neighbouring States of Delhi, Rajasthan and Uttar Pradesh. However, it also has its markets in the far away States of Assam and Bihar.

Weather

Geographically Haryana has four main features:

- Shivalik Hills in the north

- Yamuna in the east and Ghaggar (Saraswati) plain in the west

- Semi-desert sandy plain

- Aravalli Range in the south western part which run through southern Delhi and the Gurgaon district upto Alwar. There are some high ridges running from the north-west to south-east with numerous spurs branching out in all directions. These hills are known as the Morni and Tipra ranges. They belong to the outer ranges of the Himalayas. Haryana has no perennial rivers. The important rivers are Yamuna, the Saraswati and the Ghaggar. Several small streams flows through the state they are the Markanda, the Sahibi and Indori. Yamuna is the most important river in the state. It has its source in the hills at Kalesar and is the source of irrigation for large tracts in the districts of Ambala, Kurukshetra, Karnal, Hissar and Rohtak through the western Yamuna canals. The river Saraswati begins in the large depression at Kalawar in the north of the Mustafabad Pargana of Jagadhri. The Ghaggar rises in the outer Himalayan ranges between the Yamuna and the Sutlej. The climate of Haryana over most of the year is of a pronounced continental character. It is very hot in summer and markedly cold in winter. The rainfall in the region is low and erratic except in parts of the Karnal and Ambala districts. The rainfall is unevenly distributed during the year except for two well marked seasons. One is the monsoon period lasting from the middle of June to the end of September on which autumn crop and spring sowing depend and the other is the winter rains which occur from December to February, benefiting rabi crop. Rainfall is meager, particularly in the districts of Mahendragarh and Hissar. The hottest months are May and June and the coldest being December and January. Best time to visit is October to March.

How to reach

By Air

Nearest airport is in the capital Chandigarh. Indian Airlines connect Chandigarh with Delhi, Jammu, Shrinagar and Leh. Vayudoot Services connect Chandigarh with Delhi, Kulu and Gaggad.

By Train

Chandigarh, the terminus of Northern Railway, is connected with Bombay, Delhi, Kalka and other major cities in India.

By Road

Chandigarh is connected by good motorable roads to all the major destinations of the state.

Distance from Chandigarh to :
Amritsar 240 kms
Dehradun 230 kms
Delhi 248 kms
Shimla 117 kms
Kulu 279 kms
Bhakra 116 kms
Kasauli 77 kms
Jammu 380 kms
Districts of Haryana :
Ambala Bhiwani
Faridabad Fatehabad
Gurgaon Hisar
Jhajjar Jind
Kaithal Karnal
Kurukshetra Mahendragarh
Panchkula Panipat
Rewari Rohtak
Sirsa Sonipat
Yamunanagar
Haryana at a Glance :
Area 44212 Sq. Km
Capital Chandigarh
Districts 19
Language Hindi
Population 21,082,989
Males 11,327,658
Health institutions 3075
Number of Educational Institutions :
Colleges (all types)
214
High/Sr. Sec. Schools 3838
Middle Schools 1792
Primary Schools 10399
Vet Hospitals/dispensaries 1410
Reg. Working Factories 7813
Tubewells/Pumping sets 575513
Villages Electrified 88999

Thursday, March 10, 2011

प्रादेशिक समाचार-10.03.2011

मुख्य समाचारः
ऽ  हरियाणा सरकार अरावली और शिवालिक पहाड़ियों में चैंक डैम पानी इकट्ठा करके इन क्षेत्रों में पेयजल तथा सिंचाई सुविधाएं बढ़ाएगी।
ऽ  राज्य सरकार ने पलवल अलावलपुर तथा पलवल-पृथला, मोहना रोड पर 35-35 करोड़ रूपए लागत से दो रेल ओवर ब्रिज बनाने की स्वीकृति दी है।
ऽ  हरियाणा के बिजली मंत्री ने आरक्षण की मांग कर रहे आंदोलनकारियों से रेल मार्ग बाधित न करने का आग्रह किया है।
ऽ  अखिल भारतीय किसान खेत मजदूर कांग्रेस के अध्यक्ष ने सरकार से खालों रजबाहों रेल मार्गो के साथ खाली भूमि पर काश्त द्वारा अतिरिक्त उपज लेने का सुझाव दिया है।

    हरियाणा में अरावली और शिवालिक पहाड़ियों में चैंक डैम तथा अन्य बांध बनाए जाएगे ताकि बरसाती पानी को इकट्ठा करके इन क्षेत्रों में पेयजल तथा सिंचाई सुविधाएं बढ़ाई जा सकें। यह जानकारी सिंचाई और वन मंत्री कैप्टन अजय सिंह यादव ने आज हरियाणा विधानसभा में प्रश्न काल के दौरान दी है। भारतीय राष्ट्रीय लोकदल के प्रदीप चौधरी तथा कांग्रेस के विधायक आफताब अहमद के प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा कि दोनों पर्वतीय श्रंखलाओं में डेढ़़ सौ करोड़ रूपए से बांध निर्माण योजनाओं बनाई जाएगी तथा महेंद्रगढ़, रिवाड़ी, भिवानी, गुड़गांव, फरीदाबाद तथा मेवात के लिए चैक डैम और डेम निर्माण पर 50 करोड़ रूपए खर्च होंगे। सरकार बरसाती पानी इकट्ठा करने की चार सौ 18 परियोजनाएं चलाने पर विचार कर रही है।
    उन्होंने बताया कि कोटला झील के निर्माण पर 116 करोड़ रूपए खर्च किए जा रहे है जिससे मेवात में पेयजल समस्या का समाधान होगा। बीबीपूर और ओटू झीलों तथा मसानी बराज की जीर्णाद्वार किया गया है ताकि जल संचय करके इसका आवश्यक उपयोग हो सके और उन्होंने ओटू झील का पर्यटन एपल के रूप में विकास करने के इनैलों विधायक अजय चौटाला द्वारा दिए सुझाव को अच्छा बताया। चर्चा में भारतीय जनता पार्टी विधायक कविता जैन, इनैलों के मोहम्मद इलियास और जगदीश नय्यर ने भी भाग लिया। इनैलों के ही प्रदीप चौधरी के छामला गांव में बांध बनाने संबंधी प्रश्न का उत्तर देते हुए जन स्वास्थ्य अभियात्रिकी मंत्री किरण चौधरी ने बताया कि विभाग ने जल संग्रहण ढांचों की संभावना का अध्ययन करने के लिए साढ़े 5 लाख रूपए दिए थे। रिपोर्ट की प्रतीक्षा है। इसी प्रश्न पर कैप्टन यादव ने बताया कि शिवालिक क्षेत्र में तीन बांध बनेंगे। 200 करोड़ रूपए से कौशल्या बांध बन रहा है। घघराना तथा दीवान वाला में बांध बनाए जाने हैं नीलोंखेड़ी में सिरसा नहर तथा एसवाईएल नही से सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराने के इनैलों विधायक मामूराम के प्रश्न का उत्तर देते हुए कैप्टन यादव ने कहा कि ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं। श्री नसीम अहमद के एक प्रश्न को जवाब में श्रीमती किरण चौधरी ने कहा कि फिरोजपूर झिरका में 2009-10 में 12 नलकूप लगाए गए थे। जब श्रीमती सुमिता सिंह ने करनाल के सत्र न्यायालय तथा पुरानी जेल की जमीन हुड्डा को देने का उद्देश्य और उपयोग का प्रश्न पूछा वो राजस्व मंत्री सतपाल सांगवान ने बताया कि यह भूमि पुरानी पुलिस लाईन की है जो हुड्डा को निशुल्क दी गई है।
    हरियाणा में पलवल अलावलपुर तथा पलवल पृथला मोहना सड़क पर 35/35 करोड़ रूपए की लागत से दो रेलवे ओवर ब्रिज बनाने की स्वीकृति हुई हैं यह जानकारी लोक निर्माण मंत्री श्री रणदीप सिंह सुरजेवाला ने प्रश्न काल के दौरान पिरथी सिंह द्वारा नरवाना जींद रोहतक रेल वे लाईन पर ओवरब्रिज बनाने संबंधी प्रश्न के उत्तर में दी। राष्ट्रीय राजमार्ग पर समालखा में अंडर पास बनाने संबंधी धर्म सिंह होकर केे प्रश्न के उत्तर में सुरजेवाला ने कहा कि समस्या के समाधान के लिए वह स्वयं केंद्रीय भूतल परिवहन मंत्री श्री कमलनाथ के साथ मुलाकात करेंगे। इनैलों के हरी चंद झिड्डा के प्रश्न का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि जींद में सड़कों की मरम्मत का काम आगामी जून मास तक पूरा हों जाएगा। श्री अजय चौटाला ने सिरसा ऐलनाबाद सड़क मार्ग की मरम्मत का मुद्दा उठाया तो श्री सुरजेवाला ने बताया कि उच्चतम न्यायालय ने खनन पर रोक लगा दी है। जिससे दिक्कत आई है। अब 30 जुलाई तक अस्थाई अनुमति मिली है। अब सड़क की मरम्मत का काम पूरा कर लिया जाएगा।
    हरियाणा विधानसभा के नवनिर्वाचन अध्यक्ष कुलदीप शर्मा ने हरियाणा जनहित कांग्रेस के 5 विधायकों के विरूद्ध अयोग्य करार देने की याचिका पर सुनवाई पहली अप्रैल तक स्थगित कर दी हैं ये विधायक नवम्बर दो हजार 9 में विधानसभा चुनावों के पश्चात जनहित कांग्रेस छोड़ कर सत्ताधारी कांग्रेस पार्टी में शामिल हो गए थे। इन विधायकों ने हरियाणा जनहित कांग्रेस के अध्यक्ष कुलदीप बिश्नोई द्वारा दायर याचिका से कुछ पैसे निकालने के लिए आवेदन किया था और इस पर 8 मार्च को सुनवाई होनी थी लेकिन विधानसभा सत्र के चलते सुनवाई के लिए अब पहली अप्रैल बाद दोपहर का समय निर्धारित किया गया है।
    अखिल भारतीय किसान खेत मजदूर कांग्रेस अध्यक्ष श्री शमशेर सिंह सुरजेवाला ने सरकार को सुझाव दिया है कि नहरों, रेल लाईनों, रजवाहों आदि के साथ पड़ी भूमि में उत्पाद किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि फूलों, खम्बों, दलहन, तिलहन की खेती से फायदा होगा तथा उत्पादन संतुलन बेहतर हो सकेगा। उन्होंने कैथल में शिकायतें सुनते समय कहा है कि वह मुख्यमंत्री तथा रेल मंत्री के साथ इस संबंध में बात करेंगे। इस पर भी भूमि में केंचुआ खाद बन सकती है जो बागबानी के लिए अत्याधिक लाभप्रद है।
    हरियाणा के बिजली मंत्री श्री महेंद्र प्रताप सिंह ने आरक्षण को मांग करने वाले आंदोलनकारियों से अपील की है कि वे रेल मार्ग पर बाधा न डालें। उन्होंने कहा है कि कोयले की आपूर्ति न होने के कारण 1200 मैगावाट क्षमता के राजीव गांधी ताप बिजली घर खेदड़ की पहली इकाई कोयले की कमी के कारण बंद हो गई हैं इस से रेल यात्रियों को भी कठिनाईयों दरपेश है। चंडीगढ़ में जारी एक वक्तव्य में उन्होंने कहा है कि बिजली के बिना वार्षिक परिवाओं औद्योगिक उत्पादन कृषि उत्पादन और सामान्य जनजीवन पर प्रतिकुल प्रभाव पड़ेगा। उन्होंने कहा कि आरक्षण की मांग को पहले ही केंद्र के पास भेज दिया गया है। इसी बीच आज भी जाट समुदाय के सैकड़ों आंदोलनकारियों ने गाजूवाला गांव में रेल मार्ग रोके रखा। पिछले तीन दिनों से लुधियाना हिसार रेल मार्ग ठप होने से लोग परेशान है आदोंलनकारियों ने मांगे न मानने पर सारा हरियाणा जाम करने की धमकी दी है।
    हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा है कि वह केंद्रीत सेवाओं में जाटों के ओबीसी कोर्ट में आरक्षण के पक्षघर हैं आज विधानसभा की पै्रस वार्ता में संवाददाताओं से बातचीत में उन्होंने कहा है कि जाट आरक्षण समिति द्वारा हरियाणा सरकार को पहले दिया गया ज्ञापन प्रधानमंत्री को भेजा गया था और अब यह केंद्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग के विचारधीन है। उन्होंने कहा है कि जाट आरक्षण समिति शान्तिपूर्ण आंदोलन चला रही है। श्री हुड्डा ने कहा कि वह देश में उपलब्ध सभी जल स्त्रोंतों के राष्ट्रीयकरण के पक्ष में हैं उन्होंने यह भी कहा कि हरियाणा में शीघ्र ही मानवाधिकार आयोग का गठन किया जाएगा।
    पशु जीन को संवर्धित करने और पशु उत्पादन को बढ़ाने के लिए जल्द ही राष्ट्रीय स्तर पर एक सोफ्टवेयर तैयार किया जाएगा। जिसमें देशभर के संस्थानों का डाटा एकत्रित कर उसका विशलेषण किया जाएगा। केन्द्रीय भैंस अनुसंधान केन्द्र के निदेशक डॉ बीके सेठी ने कहा कि अनुसंधान क्षेत्र के विस्तार के चलते पशुओं से सम्बंधित सारा डाटा अब एक ही सॉफ्टवेयर में उपलब्ध कराने की जरूरत महसूस की जा रही है।
    सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब तथा हरियाणा उच्च न्यायालय के 6 जजों के स्थान्तरण की स्वीकृति दे दी है। इनमें वे न्यायाधीश शामिल है जिनके रिश्तेदार हाईकोर्ट में प्रैक्टिस करते है। सूत्रों के मुताबिक जिन जजों के नाम स्थानातरण सूची में शामिल है वो है जस्टिस एम एस सुल्लर, जस्टिस के एस अहलुवालिया, जस्टिस टी पी एस मान और जस्टिस स बीना स्वीकृति के लिए सूची केंद्रीय विधि मंत्रालय को और बाद में स्वीकृति हेतु राष्ट्रपति के पास भेजी जाएगी। इससे पंजाब हरियाणा उच्च न्यायालय में जजों की संख्या 42 से घटाकर 36 रह जाएगी जबकि स्वीकृत संख्या 68 है।