Tuesday, March 8, 2011

प्रदेश की तरक्की के साथ-साथ हरियाणा सरकार ने महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में देश में प्रदेश को एक नई पहचान दी है


सिरसा, 8 मार्च। प्रदेश की तरक्की के साथ-साथ हरियाणा सरकार ने महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में  देश में प्रदेश को एक नई पहचान दी है। महिला कल्याण की विभिन्न योजनाएं प्रदेश में संचालित की जा रही है जिनका करोड़ों महिलाओं को प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रुप से लाभ प्राप्त हो रहा है। सरकार के सहयोग से अब महिलाओं ने चूल्हे चौके से निकलकर खेल, शिक्षा, साहित्य तथा अन्य क्षेत्रों में पहचान बनाई है। सरकार की अगर बात की जाए तो समाज कल्याण विभाग के माध्यम से एक दर्जन से भी अधिक योजनाएं महिला कल्याण के लिए चलाई गई है जो विभिन्न सरकारी विभागों से समन्वय स्थापित कर महिलाओं को सीधा लाभ पहुंचा रही है जिससे महिलाओं की आर्थिक स्थिति सुदृढ हुई है और महिला जगत को समाज में एक नई पहचान मिली है। सिरसा जिला की बात की जाए तो समाज कल्याण की विभिन्न योजनाओं के तहत जिला में 51 करोड़ 96 लाख 60 हजार 433 रुपए की राशि महिला कल्याण पर खर्च की गई है। इसके साथ-साथ जिला ग्रामीण विकास अभिकरण तथा अन्य विभागों द्वारा भी विभिन्न योजनाएं शुरु कर महिलाओं को लाभांवित किया गया है।
    जिला की अतिरिक्त उपायुक्त श्रीमती पंकज चौधरी के अनुसार वृद्धावस्था पैंशन योजना के तहत जिला में चालू वित्त वर्ष के दौरान अब तक 39 हजार 729 महिलाओं को 23 करोड़ 60 लाख 5 हजार 65 रुपए की राशि प्रदान कर लाभांवित किया गया है। इसके साथ-साथ समाज कल्याण की ही विधवा पैंशन योजना के तहत 24 करोड़ 9 लाख 45 हजार 750 रुपए की राशि वितरित कर 29 हजार 708 महिलाओं को लाभांवित किया गया है। उन्होंने बताया कि विकलांग पैंशन योजना के तहत 2 करोड़ 72 लाख 58 हजार 525 रुपए की राशि 4240 विकलांगों को वितरित की गई है। इसी प्रकार से राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही लाडली योजना के तहत चालू वित्त वर्ष के दौरान 1261 परिवारों को लाभांवित किया गया है। कन्या भू्रण हत्या व घटते लिंगानुपात की समस्या से निपटने के लिए राज्य सरकार द्वारा प्रोत्साहन आधारित लाडली योजना आरंभ की गई है। इस योजना के अंतर्गत दूसरी लड़की के पैदा होने पर लड़की के नाम पर पांच वर्ष की अवधि तक 5 हजार रुपए प्रति वर्ष जीवन बीमा निगम के माध्यम से निवेश किए जा रहे है। राज्य सरकार द्वारा इस योजना की अवधि पांच साल के लिए और बढ़ाई गई है। प्रदेश भर में अब तक इस योजना के तहत 1 लाख 7 हजार 45 लड़कियां लाभांवित हो चुकी है।
    उन्होंने बताया कि सरकार द्वारा महिला सशक्तिकरण और घटते लिंगानुपात में सुधार लाने के उद्देश्य से राज्य स्तर पर प्रथम, द्वितीय व तृतीय पुरस्कार भी शुरु किए गए है। इस पुरस्कार योजना के तहत विभिन्न क्षेत्रों में श्रेष्ठ व अनुकरणीय साहस दिखाने वाली राज्य की महिलाओं को इंदिरा गांधी महिला शक्ति पुरस्कार, कल्पना चावला पुरस्कार, बहन शन्नो देवी पंचायती राज पुरस्कार दिए जाते है। इसके साथ-साथ प्रदेश में महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा सर्वातम माता पुरस्कार भी दिया जाता है। उन्होंने बताया कि महिलाओं को खेल जगत से जोडऩे के लिए विभाग द्वारा खंड एवं जिला स्तर पर महिला खेल प्रतियोगिताएं भी करवाई जाती है। इसी प्रकार से साक्षर महिला समूह के माध्यम से भी महिलाओं को रोजगार से जोड़ा जा रहा है।  प्रदेश में महिलाओं की उच्च  शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए आसान शिक्षा ऋण की योजना शुरु की गई है जिसके अंतर्गत 5 प्रतिशत ब्याज सब्सिडी देने का प्रावधान किया गया है।      प्रदेश में महिला शक्ति सदन के नाम से गांव में चरणबद्ध तरीके से महिला चौपाले भी बनाई जा रही है जहां गांव की महिलाएं इकठी बैठकर अपनी समस्याओं व कल्याण के लिए चर्चा कर सकेंगी।

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