Friday, March 11, 2011

पुलिस समाचार

सिरसा। जिला बाल विवाह निषेध अधिकारी की तत्परता से जिला में 3 अलग अलग स्थानों पर होने वाली नाबालिग लड़कियों की शादियां रूकवाई गई। बाल विवाह निषेध अधिकारी व पुलिस ने मौके पर पहुंचकर लड़कियों के परिजनों को बाल विवाह के दुष्परिणामों से अवगत करवाया, जिस पर परिजनों ने शादियां टालने का लिखित में आश्वासन दिया।
जानकारी मुताबिक शुक्रवार को जिला बाल विवाह निषेध अधिकारी साधना मित्तल एडवोकेट को सूचना मिली कि रानियां क्षेत्र के गांव कुस्सर में अंजूबाला(15 वर्ष) पुत्री भूरा राम निवासी भूसेवाला जिला श्रीगंगानगर की शादी होनी थी तथा राजस्थान के टिब्बी गांव से पवन पुत्र औमप्रकाश बारात लेकर आने वाला था। दसवीं कक्षा तक पढ़ी अंजूबाला की शादी उसका ननिहाल में उसका नाना सहीराम करवा रहा था। इस बारे में सूचना मिलने पर जिला बाल विवाह निषेध अधिकारी साधना मित्तल, महिला सहायक उपनिरीक्षक सुनीता तथा रानियां पुलिस ने मौके पर पहुंचकर लड़की की उम्र के संबंध में जांच पड़ताल की, जिस पर लड़की अंजू ने बताया कि उसका जन्मतिथि 24 जून 1996 है। नाबालिग लड़की की शादी किए जाने के दुष्परिणाम जानने तथा कानूनन अपराध होने की जानकारी मिलने पर लड़की के नाना सहीराम, पूर्व सरपंच राजेंद्र मैहता, पंच बृजलाल ने शादी को टालने का लिखित में आश्वासन दिया।
एक अन्य घटना में शुक्रवार को ही भडोल्यांवाली गांव निवासी ज्योति(15-16 साल) पुत्री स्व. बहादूर राम की शादी गांव बणी निवासी शलेंद्र पुत्र जगदीश के साथ होनी तय थी तथा शुक्रवार को बारात आनी थी। ज्योति नौवी कक्षा में पढ़ रही है तथा उसके पिता बहादूर राम की वर्ष 2000 में मौत हो गई थी। ज्योति की शादी उसकी मां रानी देवी कर रही थी। इस बारे में सूचना मिलने पर  जिला बाल विवाह निषेध अधिकारी  साधना मित्तल एडवोकेट, एएसआई सुनीता, रानियां पुलिस को लेकर मौके पर पहुंची तथा लड़की की उम्र के संबंध में कागजात मांगे। ज्योति की उम्र नाबालिग पाए जाने पर गांव के गणमान्य लोगों व लड़की की मां रानी ने लिखित में शादी टालने का आश्वासन दिया।
वहीं एक अन्य घटना में जिला बाल विवाह निषेध अधिकारी साधना मित्तल ने बड़ागुढा थाना क्षेत्र के गांव बप्पां में बृहस्पतिवार को नाबालिगा लड़की सोनू (साढे 17 साल) पुत्री गुरचरण के परिजनों से मिलकर उसकी 13 मार्च को होने वाली प्रस्तावित शादी को टाल  का लिखित में आश्वासन लिया। लड़की सोनू की शादी रानियां निवासी वीरभान पुत्र देसराज के साथ होनी थी। बाल विवाह निषेध अधिकारी व बड़ागुढा पुलिस पार्टी के मौके पर पहुंचने पर लड़की के पिता गुरचरण ने स्वीकारा की उसकी बेटी नाबालिग है। बाल विवाह निषेध अधिकारी द्वारा समझाने पर गांव के पूर्व सरपंच रांझाराम, रामचंद्र व अन्य गणमान्य लोगों ने पुलिस को विवाह टालने का लिखित में आश्वासन दिया।

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