Wednesday, April 6, 2011

मां शक्ति की आराधना का पर्व वासंतिक नवरात्रे शुरु

सिरसा, 05 अप्रैल । चैत्र शुक्ल प्रतिपदा के शुभारंभ के साथ ही मां शक्ति की आराधना का पर्व वासंतिक नवरात्रे शुरु हो गए हैं। नवरात्रों के दूसरे दिन आज श्रद्धालुओं ने माता जी के गुनगान किए।  सी.एम.के. कालेज रोड स्थित श्री दुर्गा मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखी गई। मां दुर्गा के जयकारों से मंदिर का परिसर गूंजने लगे। महिलाएं हाथों में पूजा की थाली सजाए कतारबद्ध मंदिरों में नजर आईं। वहीं पुरुष भी मां की वंदना करने में पीछे नहीं रहे। आज दूसरे दिन श्री दुर्गा मंदिर में मनोहर सचदेवा व बबली सचदेवा ने पूजन करके श्री मद्भगवत कथा को आरंभ करवाया और आचार्य बापू सरकार (गुजरात) का आर्शिवाद लिया। वहीं मंदिर के भीतरी परिसर की फूलों से मनमोहक सजावट की गई तथा मां भगवती की प्रतिमाओं को सजीले परिधानों से सजाया गया। भगवत कथा में आचार्य जी न भागवत कथा का प्रथम महत्व बताया कि भक्ति माता का दु:ख नारद जी द्वारा मिटाया गया है। भागवत कथा में मनुष्य के जन्म-मरन काल के बारे में विस्तार से बताया गया। उन्होंने छन्दकारी का उदाहरण देते हुए कहा कि उनके पापों को और मरनें के उपरान्त उन्हें भूत-प्रैत योनी से उनके भाई गोकरण महाराज ने भागवत कथा सुना कर मुक्ति दिलाई।  आचार्य जी ने भजन क्या भरोसा इस जिन्दगीका .. साथ देगी या नहीं.. के माध्यम से बताया कि जिन्दगी का कोई भरोसा नहीं है कि कब साथ छोड़ । उन्होंने कहा कि भगवान के ध्यान से ही मुक्ति सम्भव है।मात के दर्शन करने के लिए दूसरे दिन भी कांग्रेस महिला जिला प्रधान शिल्पा वर्मा, नेहा सचदेवा, खेमचंद मेहता, बिटू और राज सहित अनेक माता के भक्त माता के मंदिर पहुंचे और भागवत कथा सुन माता का गुनगान किया।

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