ओढां,
गांव बनवाला में स्थित श्रीगीता भवन में समस्त गांववासियों के सहयोग से आयोजित श्रीमद्भागवत कथा का शुभारंभ श्रीगीता भवन के संचालक महात्मा रविप्रकाश द्वारा किया गया। हरदोई उत्तरप्रदेश से आमंत्रित शास्त्री मनीराम ने कथा वांचते हुए राजा परीक्षित को श्रंगी ऋषि का श्राप, गौकर्ण कथा, नारद की भक्ति से भेंट तथा दुख से पीडि़त धरती का गौरूप धारण करना आदि प्रसंगों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि श्रीमद्भागवत कथा आयु, आरोग्य और पुष्टि प्रदान करने वाला है। उन्होंने कहा कि इस पवित्र कथा का एक बार श्रवण करने वाला पापी भी पापों से मुक्त हो जाता है। श्रीमद्भागवत कथा सुनने से पितृगण तृप्त हो जाते हैं और मोक्ष की प्राप्ति होती है। उन्होंने कहा कि जब जब धरती पर पापों का पहरा होता है तब तब भगवान इस धरती पर किसी न किसी रूप में अवतरित होते हैं और पापियों का नाश और विश्व का कल्याण करते हैं तथा इस प्रकार प्रभुकृपा से यह सृष्टि चलती रहती है। इस अवसर पर चंदुराम जाखड़, महावीर सिंह, भोजा राम जाखड़, सुरेंद्र कुमार और रामकुमार सहित काफी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित थे।
गांव बनवाला में स्थित श्रीगीता भवन में समस्त गांववासियों के सहयोग से आयोजित श्रीमद्भागवत कथा का शुभारंभ श्रीगीता भवन के संचालक महात्मा रविप्रकाश द्वारा किया गया। हरदोई उत्तरप्रदेश से आमंत्रित शास्त्री मनीराम ने कथा वांचते हुए राजा परीक्षित को श्रंगी ऋषि का श्राप, गौकर्ण कथा, नारद की भक्ति से भेंट तथा दुख से पीडि़त धरती का गौरूप धारण करना आदि प्रसंगों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि श्रीमद्भागवत कथा आयु, आरोग्य और पुष्टि प्रदान करने वाला है। उन्होंने कहा कि इस पवित्र कथा का एक बार श्रवण करने वाला पापी भी पापों से मुक्त हो जाता है। श्रीमद्भागवत कथा सुनने से पितृगण तृप्त हो जाते हैं और मोक्ष की प्राप्ति होती है। उन्होंने कहा कि जब जब धरती पर पापों का पहरा होता है तब तब भगवान इस धरती पर किसी न किसी रूप में अवतरित होते हैं और पापियों का नाश और विश्व का कल्याण करते हैं तथा इस प्रकार प्रभुकृपा से यह सृष्टि चलती रहती है। इस अवसर पर चंदुराम जाखड़, महावीर सिंह, भोजा राम जाखड़, सुरेंद्र कुमार और रामकुमार सहित काफी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित थे।
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