हिसार 15 मार्च 2011
फैकल्टी ऑफ इंजीनियरिंग एंड टैक्रॉलोजी, गुरू जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, हिसार द्वारा आज रिसेंट ट्रेण्डस इन इंजीनियरिंग एंड टैक्रॉलोजी विषय पर एक दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला का उद्घाटन आल इंडिया फैडरेशन आफ मास्टर प्रिंटर्स के प्रेजिडेंट श्री मनोज बी मेहता ने किया जबकि कार्यक्रम की अध्यक्षता विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रो आर एस जागलान ने की। इस अवसर पर कुलसचिव प्रो आर एस जागलान व डीन प्रो धर्मेन्द्र कुमार ने भारत में प्रिंटिग के क्षेत्र में सराहनीय कार्यो के लिए आल इंडिया फैडरेशन आफ मास्टर प्रिंटर्स के प्रेजिडेंट श्री मनोज बी मेहता को जोन गटनबर्ग 2010 पुरस्कार से व सॉफ्टवेयर प्रिंट मीडिया एकेडमी हैडलबर्ग के प्रो राजेन्द्र कुमार को प्रिंट जैंम 2010 पुरस्कार से सम्मानित किया। श्री रतन के दत्ता, पूर्व प्रधान, कम्पयूटर सोसायटी आफ इंडिया, श्री कमल चोपड़ा, मैनेजिंग डायरेक्टर फोयल प्रिंटर्स लिमिटेड, श्री अमिताभ चक्रवर्ती, श्री एम के मोदगील व प्रो के एस यादव ने विभिन्न सत्रों में अपने विशेष व्याख्यान दिए। इस अवसर पर प्रो एच एल वर्मा, प्रो जे के शर्मा, प्रो मिलंद पारले, प्रो डी मोहन, डा दिनेश कुमार, डा एस सी गर्ग, डा संदीप आर्या, श्री रविश गर्ग, डा आर के गुप्ता, डा प्रदीप के भाटिया, श्री अंजन कुमार बराल, श्री अमबरीश पांडे, विभिन्न विभागों के अधिष्ठाता, विभागाध्यक्ष, अधिकारीगण, शिक्षकगण, शोधकर्ता व विद्यार्थी उपस्थित थे।
श्री मनोज बी मेहता ने कहा कि भारत में अंतर्राष्ट्रीय स्तर की छपाई का कार्य हो रहा है और विश्व की जानी मानी बहुराष्ट्रीय कंपनिया भारत से अपने उत्पादों पर छपाई का कार्य करवा रही है। उन्होने कहा कि नवीनतम तकनीकों का इस्तेमाल कर भारत विश्व में प्रिंटिंग व पैकिजिंग के अंतर्राष्ट्रीय बाजार में अपनी हिस्सेदारी मजबूत कर सकता है। श्री मेहता ने बताया कि प्रिंटिंग टैक्रालाजी 13 प्रतिशत व पैकिजिंग उद्योग 15 प्रतिशत हर साल की दर से भारत में बढ रहा है। उन्होने बताया कि पैकिजिंग उद्योग बहुत बड़ी मात्रा में रिसाईकल टैक्रालाजी का इस्तेमाल कर रहा है और विश्व भर में उत्पाद बनाकर बेच रहा है। श्री मेहता ने कहा कि प्रिंटिंग व पैकिजिंग उद्योगों में आधुनिक प्रबधन की आवश्यकता है। उन्होने बताया कि देश में प्रिंटिंग व पैकिजिंग उद्योगों में 90 प्रतिशत हिस्सा छोटे कारखानों का है 7 प्रतिशत मध्यम दर्जे की कंपनिया है व 3 प्रतिशत बड़े स्तर पर कार्य कर रही है।
कुलसचिव प्रो आर एस जागलान ने बताया कि टैक्रालाजी बहुत तेजी से बदल रही है और विश्व अब एक लघु ग्राम बन गया है और विश्वभर की कोई भी सूचना किसी भी जगह पाई जा सकती है। 21वी शताब्दी टैक्रालाजी की शताब्दी है। अब टैक्रॉलोजी इतनी समृद्घ हो चुकी है कि मुश्किल से मुश्किल काम भी बड़ी आसानी व सटीकता से किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि अगर तरक्की की राह पर चलना है तो विद्यार्थियों को विषय विशेष के बारे में नवीनतम जानकारी होनी चाहिए।
श्री रतन के दत्ता ने कहा कि पैरलल व कवानटम कम्पयूटिंग भविष्य की तकनीक है और विद्यार्थियों को इस पर कार्य व शोध करना चाहिए। श्री दत्ता ने कहा कि भारत साफ्टवेयर सर्विस में विश्वभर में अव्वल है और अब समय आ गया है कि भारत को हार्डवेयर में भी अपना लोहा मनवाना चाहिए। उन्होने कहा कि एक इंजीनियर वो होता है जो नई तकनीक लगाकर एक ऐसी वस्तु को तैयार करे जो मानव जीवन के हित में और समाज का भला हो सके। उन्होने कहा कि एक विद्यार्थी को अपने विषय की आधुनिक जानकारी होना, सॉफ्टस्किल का ज्ञान होना व सही एटीच्यूट का होना अनिवार्य है अगर वह अपने कार्यक्षेत्र में ऊंचाईयां छूना चाहता है।
डीन प्रो धर्मेन्द्र कुमार ने कहा कि आज के बच्चे बहुत छोटी उम्र में टैक्रालाजी का इस्तेमाल कर रहे है और टैक्रालाजी जीवन के हर पहलू के साथ जुड़ गई है उन्होने कहा कि ब्लूटूथ 3 व ब्लूटूथ 4 भविष्य की तकनीके है। प्रो कुमार ने बताया कि इस कार्यशाला में डा प्रदीप के भाटिया व श्री अंजन के बराल आरग्नाईजिंग सैक्रेटरी व श्री अबरीश पांडे ज्वाईंट आरगनाईजिंग सैक्रेटरी थे।
फोटो कैप्शन :
फोटो-1 :
फैकल्टी ऑफ इंजीनियरिंग एंड टैक्रॉलोजी, गुरू जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, हिसार द्वारा आयोजित रिसेंट ट्रेण्डस इन इंजीनियरिंग एंड टैक्रॉलोजी विषय पर एक दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला के उद्घाटन अवसर पर आल इंडिया फैडरेशन आफ मास्टर प्रिंटर्स के प्रेजिडेंट श्री मनोज बी मेहता को प्रिंटिग के क्षेत्र में सराहनीय कार्यो के लिए जोन गटनबर्ग 2010 पुरस्कार से सम्मानित करते विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रो आर एस जागलान। साथ में है डीन प्रो धर्मेन्द्र कुमार।
फोटो-2 :
फैकल्टी ऑफ इंजीनियरिंग एंड टैक्रॉलोजी, गुरू जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, हिसार द्वारा आयोजित रिसेंट ट्रेण्डस इन इंजीनियरिंग एंड टैक्रॉलोजी विषय पर एक दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला के उद्घाटन अवसर पर उपस्थित विभिन्न विभागों के अधिष्ठाता, विभागाध्यक्ष, अधिकारीगण, शिक्षकगण, शोधकर्ता व विद्यार्थीगण।
कुलसचिव प्रो आर एस जागलान ने बताया कि टैक्रालाजी बहुत तेजी से बदल रही है और विश्व अब एक लघु ग्राम बन गया है और विश्वभर की कोई भी सूचना किसी भी जगह पाई जा सकती है। 21वी शताब्दी टैक्रालाजी की शताब्दी है। अब टैक्रॉलोजी इतनी समृद्घ हो चुकी है कि मुश्किल से मुश्किल काम भी बड़ी आसानी व सटीकता से किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि अगर तरक्की की राह पर चलना है तो विद्यार्थियों को विषय विशेष के बारे में नवीनतम जानकारी होनी चाहिए।
श्री रतन के दत्ता ने कहा कि पैरलल व कवानटम कम्पयूटिंग भविष्य की तकनीक है और विद्यार्थियों को इस पर कार्य व शोध करना चाहिए। श्री दत्ता ने कहा कि भारत साफ्टवेयर सर्विस में विश्वभर में अव्वल है और अब समय आ गया है कि भारत को हार्डवेयर में भी अपना लोहा मनवाना चाहिए। उन्होने कहा कि एक इंजीनियर वो होता है जो नई तकनीक लगाकर एक ऐसी वस्तु को तैयार करे जो मानव जीवन के हित में और समाज का भला हो सके। उन्होने कहा कि एक विद्यार्थी को अपने विषय की आधुनिक जानकारी होना, सॉफ्टस्किल का ज्ञान होना व सही एटीच्यूट का होना अनिवार्य है अगर वह अपने कार्यक्षेत्र में ऊंचाईयां छूना चाहता है।
डीन प्रो धर्मेन्द्र कुमार ने कहा कि आज के बच्चे बहुत छोटी उम्र में टैक्रालाजी का इस्तेमाल कर रहे है और टैक्रालाजी जीवन के हर पहलू के साथ जुड़ गई है उन्होने कहा कि ब्लूटूथ 3 व ब्लूटूथ 4 भविष्य की तकनीके है। प्रो कुमार ने बताया कि इस कार्यशाला में डा प्रदीप के भाटिया व श्री अंजन के बराल आरग्नाईजिंग सैक्रेटरी व श्री अबरीश पांडे ज्वाईंट आरगनाईजिंग सैक्रेटरी थे।
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फोटो-1 :
फैकल्टी ऑफ इंजीनियरिंग एंड टैक्रॉलोजी, गुरू जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, हिसार द्वारा आयोजित रिसेंट ट्रेण्डस इन इंजीनियरिंग एंड टैक्रॉलोजी विषय पर एक दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला के उद्घाटन अवसर पर आल इंडिया फैडरेशन आफ मास्टर प्रिंटर्स के प्रेजिडेंट श्री मनोज बी मेहता को प्रिंटिग के क्षेत्र में सराहनीय कार्यो के लिए जोन गटनबर्ग 2010 पुरस्कार से सम्मानित करते विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रो आर एस जागलान। साथ में है डीन प्रो धर्मेन्द्र कुमार।
फोटो-2 :
फैकल्टी ऑफ इंजीनियरिंग एंड टैक्रॉलोजी, गुरू जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, हिसार द्वारा आयोजित रिसेंट ट्रेण्डस इन इंजीनियरिंग एंड टैक्रॉलोजी विषय पर एक दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला के उद्घाटन अवसर पर उपस्थित विभिन्न विभागों के अधिष्ठाता, विभागाध्यक्ष, अधिकारीगण, शिक्षकगण, शोधकर्ता व विद्यार्थीगण।
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