सिरसा। निकटवर्ती गांव बाजेकां में आज सिरसा ब्लाक की साध संगत द्वारा नामचर्चा का आयोजन किया गया, जिसमें आसपास के गांवों से सैंकड़ों की संख्या में डेरा प्रेमियों ने शिरकत की। इस अवसर पर कविराज भाइयों ने मधुर वाणी में सतगुरू की महिमा का गुणगान किया। नामचर्चा कार्यक्रम के दौरान पूज्य गुरू जी के आह्वान पर एक विधवा युवती की शादी भी करवाई गई। शादी करने वाले युवक 'भक्तयोद्धा ने विधवा युवती की 6 माह की अबोध बच्ची को भी अपनी पुत्री के रूप में स्वीकार किया तथा उसके जीवन को खुशियों से भर दिया।
गांव बाजेकां में आयोजित नामचर्चा में मंच संचालन ब्लाक भंगीदास कस्तूर इन्सां ने किया। नामचर्चा में कविराज भाइयों ने 'प्रेम पाके जो सतगुरू का जिया करते है, 'गुरू के प्रेम के मारों का हाल क्या होगा 'सत्संग नाम ध्याने से जी तकदीर बदलती है, 'सतगुरू जी मैं हूं प्यासा तेरे ही दीदार का, 'ओखी प्रीत लगानी है, सच्ची तोड़ निभानी है इत्यादि भजन शब्द सुनाए, जिन पर साध संगत झूम उठी।
नामचर्चा के समापन अवसर पर साध संगत ने एक विधवा युवती सुखप्रीत इन्सां पुत्री श्रीराम निवासी रंगड़ी का विवाह भक्तयोद्धा रामदास पुत्र शीशपाल निवासी मेलाग्राउंड सिरसा के साथ करवाकर उसके जीवन को फिर से खुशियों से भर दिया। भक्तयोद्धा रामदास ने सैंकड़ों लोगों के समक्ष युवती सुखप्रीत इन्सां को दिलजोड़ माला पहनाकर अपना जीवनसाथी स्वीकार किया। रामदास ने सुखप्रीत की छह माह की अबोध बच्ची अमनप्रीत को भी अपनी बेटी के रूप में स्वीकारकर एक अविस्मरणीय उदाहरण प्रस्तुत किया। वर्णनीय है कि पूज्य गुरू जी के आह्वान पर डेरा सच्चा सौदा की साध संगत 62 मानवता भलाई कार्यों में जूटी हुई है, इन कार्यों में विधवा युवतियों का पुर्नविवाह भी शामिल है। पूज्य गुरू जी के आह्वान पर सैंकड़ों युवाओं ने वेश्यावृति त्याग कर समाज की मुख्य धारा में शामिल होने वाली युवतियों को अपना जीवन साथी बनाने का संकल्प लिया है जिन्हे गुरू जी ने 'भक्तयोद्धा की उपाधि दी है। ऐसे ही भक्तयोद्धा रामदास ने विधवा युवती को अपना जीवनसाथी बनाने तथा उसकी बेटी को अपनी बेटी के रूप में स्वीकार करने की अनुमति मांगी थी, जिसपर पूज्यगुरू जी ने भक्तयोद्धा को अपने आशीर्वाद से नवाजा तथा उसके परिवार को धन्य धन्य कहा। उल्लेखनीय है कि युवती सुखप्रीत पहले गांव मत्तड़ में विवाहित थी, तथा उसके पति का करीब एक साल पूर्व करंट लगने से आकस्मिक निधन हो गया था।
नामचर्चा में इस अवसर पर 15 मैंबर मनोहर इन्सां, सात मैंबर राजकुमार इन्सां, भंगीदास हाउसिंग बोर्ड कालोनी मदन इन्सां, शाहपूर बेगू के रमेश इन्सां, रानियां चुंगी हरबंस इन्सां, बाजेकां पप्पू इन्सां, फूलकां से हरभजन इन्सां, मोडियाखेड़ा रमेश इन्सां सहित पवन, हरनाम, पालाराम, मा. राजकुमार, मोहनलाल, रामलाल सहित अनेक गणमान्य लोग उपस्थित थे।
गांव बाजेकां में आयोजित नामचर्चा में मंच संचालन ब्लाक भंगीदास कस्तूर इन्सां ने किया। नामचर्चा में कविराज भाइयों ने 'प्रेम पाके जो सतगुरू का जिया करते है, 'गुरू के प्रेम के मारों का हाल क्या होगा 'सत्संग नाम ध्याने से जी तकदीर बदलती है, 'सतगुरू जी मैं हूं प्यासा तेरे ही दीदार का, 'ओखी प्रीत लगानी है, सच्ची तोड़ निभानी है इत्यादि भजन शब्द सुनाए, जिन पर साध संगत झूम उठी।
नामचर्चा के समापन अवसर पर साध संगत ने एक विधवा युवती सुखप्रीत इन्सां पुत्री श्रीराम निवासी रंगड़ी का विवाह भक्तयोद्धा रामदास पुत्र शीशपाल निवासी मेलाग्राउंड सिरसा के साथ करवाकर उसके जीवन को फिर से खुशियों से भर दिया। भक्तयोद्धा रामदास ने सैंकड़ों लोगों के समक्ष युवती सुखप्रीत इन्सां को दिलजोड़ माला पहनाकर अपना जीवनसाथी स्वीकार किया। रामदास ने सुखप्रीत की छह माह की अबोध बच्ची अमनप्रीत को भी अपनी बेटी के रूप में स्वीकारकर एक अविस्मरणीय उदाहरण प्रस्तुत किया। वर्णनीय है कि पूज्य गुरू जी के आह्वान पर डेरा सच्चा सौदा की साध संगत 62 मानवता भलाई कार्यों में जूटी हुई है, इन कार्यों में विधवा युवतियों का पुर्नविवाह भी शामिल है। पूज्य गुरू जी के आह्वान पर सैंकड़ों युवाओं ने वेश्यावृति त्याग कर समाज की मुख्य धारा में शामिल होने वाली युवतियों को अपना जीवन साथी बनाने का संकल्प लिया है जिन्हे गुरू जी ने 'भक्तयोद्धा की उपाधि दी है। ऐसे ही भक्तयोद्धा रामदास ने विधवा युवती को अपना जीवनसाथी बनाने तथा उसकी बेटी को अपनी बेटी के रूप में स्वीकार करने की अनुमति मांगी थी, जिसपर पूज्यगुरू जी ने भक्तयोद्धा को अपने आशीर्वाद से नवाजा तथा उसके परिवार को धन्य धन्य कहा। उल्लेखनीय है कि युवती सुखप्रीत पहले गांव मत्तड़ में विवाहित थी, तथा उसके पति का करीब एक साल पूर्व करंट लगने से आकस्मिक निधन हो गया था।
नामचर्चा में इस अवसर पर 15 मैंबर मनोहर इन्सां, सात मैंबर राजकुमार इन्सां, भंगीदास हाउसिंग बोर्ड कालोनी मदन इन्सां, शाहपूर बेगू के रमेश इन्सां, रानियां चुंगी हरबंस इन्सां, बाजेकां पप्पू इन्सां, फूलकां से हरभजन इन्सां, मोडियाखेड़ा रमेश इन्सां सहित पवन, हरनाम, पालाराम, मा. राजकुमार, मोहनलाल, रामलाल सहित अनेक गणमान्य लोग उपस्थित थे।
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