हिसार
गुरू जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के दूरवर्ती शिक्षा निदेशालय द्वारा आयोजित तीन दिवसीय कार्यशाला का आज समापन हो गया। यह प्रशिक्षण कार्यक्रम दूरवर्ती शिक्षा परिषद, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय, नई दिल्ली द्वारा प्रायोजित की गई थी। कार्यशाला में रिर्सोस पर्सनस के रूप में इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय के प्रो संतोष पांडा तथा प्रो प्रवीर विश्वास ने प्रतिभागियों को दूरवर्ती शिक्षा के लिए कंटेट डवल्पमेंट बारे विस्तार से जानकारी दी। इस मौके पर मुख्य अतिथि विश्वविद्यालय के कुलपति डा. एमएल रंगा ने कहा कि कोई भी व्यक्ति अपने आप में परिपूर्ण नहीं है। वह जिंदगी भर कुछ न कुछ सीखता रहता है। इसलिए शिक्षकों को ऐसी कार्यशालाओं में हिस्सा लेते रहना चाहिए। क्योंकि ऐसे प्रशिक्षण कार्यक्रम जहां जानकारी को अपडेट करते हैं वहीं नई स्किलस पैदा करने में सहयोग करते हैं। उन्होंने कहा कि एक अपडेटिड तथा कुशल शिक्षक ही दूरवर्ती शिक्षा ग्रहण कर रहे विद्यार्थियों के लिए बेहतर ढंग से पाठयक्रम सामग्री तैयार कर सकता है।
इस अवसर पर कुलसचिव प्रो आरएस जागलान ने निदेशालय के इस प्रशिक्षण कार्यक्रम की सराहना करते हुए कहा कि यह एक बेहतर प्रयास है तथा विभाग को समय-समय पर इस तरह के आयोजन करते रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि पाठयक्रय योजना अपने आप में एक कौशल है तथा जो शिक्षक इसमें पारंगत होता है वह निदेशालय के उद्देश्यों को आगे ले जाने में योगदान देता है।
दूरवर्ती शिक्षा निदेशालय के निदेशक प्रो एमएस तुरान ने कहा कि निदेशालय भविष्य में भी इस तरह के प्रशिक्षण कार्यक्रमों का आयोजन करता रहेगा। कार्यशाला के समन्वयक एमआर पातरा ने कहा कि तीन दिवसीय कार्यशाला में दूरवर्ती विभाग के कोर्डिनेटरों के अलावा हरियाणा स्कूल ऑफ बिजनेस, संचार प्रबंधन एवं तकनीकी विभाग, मनोविज्ञान विभाग, प्रिंटिंग टैक्रोलोजी, पर्यावरण विज्ञान एवं अभियांत्रिकी विभाग के 27 शिक्षकों ने हिस्सा लिया। समापन अवसर पर कुलपति ने रिर्साेस पसर्नस प्रो संतोष पांडा तथा प्रो प्रवीर विश्वास को शाल तथा स्मृति चिंह देकर सम्मानित किया।
उपकुलसचिव श्री बी एस वर्मा ने बताया कि तीन दिनों में 18 तकनीकी सत्र में प्रो संतोष पांडा तथा प्रो प्रवीर विश्वास ने विशेष व्याख्यान दिऐ।
फोटो 1- गुरू जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के दूरवर्ती शिक्षा निदेशालय द्वारा आयोजित कार्यशाला के समापन अवसर पर प्रतिभागियो को प्रमाण पत्र वितरित करते डा. एमएल रंगा व अन्य।
इस अवसर पर कुलसचिव प्रो आरएस जागलान ने निदेशालय के इस प्रशिक्षण कार्यक्रम की सराहना करते हुए कहा कि यह एक बेहतर प्रयास है तथा विभाग को समय-समय पर इस तरह के आयोजन करते रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि पाठयक्रय योजना अपने आप में एक कौशल है तथा जो शिक्षक इसमें पारंगत होता है वह निदेशालय के उद्देश्यों को आगे ले जाने में योगदान देता है।
दूरवर्ती शिक्षा निदेशालय के निदेशक प्रो एमएस तुरान ने कहा कि निदेशालय भविष्य में भी इस तरह के प्रशिक्षण कार्यक्रमों का आयोजन करता रहेगा। कार्यशाला के समन्वयक एमआर पातरा ने कहा कि तीन दिवसीय कार्यशाला में दूरवर्ती विभाग के कोर्डिनेटरों के अलावा हरियाणा स्कूल ऑफ बिजनेस, संचार प्रबंधन एवं तकनीकी विभाग, मनोविज्ञान विभाग, प्रिंटिंग टैक्रोलोजी, पर्यावरण विज्ञान एवं अभियांत्रिकी विभाग के 27 शिक्षकों ने हिस्सा लिया। समापन अवसर पर कुलपति ने रिर्साेस पसर्नस प्रो संतोष पांडा तथा प्रो प्रवीर विश्वास को शाल तथा स्मृति चिंह देकर सम्मानित किया।
उपकुलसचिव श्री बी एस वर्मा ने बताया कि तीन दिनों में 18 तकनीकी सत्र में प्रो संतोष पांडा तथा प्रो प्रवीर विश्वास ने विशेष व्याख्यान दिऐ।
फोटो 1- गुरू जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के दूरवर्ती शिक्षा निदेशालय द्वारा आयोजित कार्यशाला के समापन अवसर पर प्रतिभागियो को प्रमाण पत्र वितरित करते डा. एमएल रंगा व अन्य।
No comments:
Post a Comment