हिसार
हरियाणा स्कूल ऑफ बिजनेस, गुरू जम्भेश्वर विज्ञान तथा प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, हिसार द्वारा ''बिजनेस एंड मेनेजमैंट विषय पर आयोजित दो दिवसीय वार्षिक कान्फ्रैंस का आज समापन हुआ। डायरेक्टर, हरियाणा स्कूल आफ बिजनेस प्रो एस सी कुण्डू ने बताया कि इस सेमिनार में 281 शोध पत्र प्राप्त हुए जिनमें से बिजनेस एण्ड मैनेजमैंट कंटपरेरी रिसर्च इश्यूज नामक पुस्तिका में अकाउंट एण्ड फाईनेंस में 23, मार्केटिंग, ह्यूमन रिसोर्स मैनेजमैंट व बैंकिंग एण्ड एंशोरैंस में 14-14, इकोनोमिक में 10, अन्य 7 शोध पत्र व 30 एबस्ट्रेक्ट पेपर छपे है। प्रो कुण्डू ने बताया कि बिजनेस एंड मैनेजमैंट विषय पर चौथी वार्षिक दो दिवसीय कान्फ्रैंस 9 व 10 फरवरी 2012 को आयोजित की जाएगी व डा कर्मपाल इस सेमिनार के लिए कनवीनर नियुक्त किए गए है।
प्रो कुण्डू ने युवा शोधकर्ताओं से आह्वान किया कि वह जीवन के विभिन्न पहलुओं पर होने वाली समस्याओं का विषय चुन कर शोध करें ताकि शोध के परिणाम समाज व देश के हित में लाभकारी हों। उन्होंने कहा कि भारत में विश्व स्तर का शोध कार्य हो रहा है।
डीन, हरियाणा स्कूल आफ बिजनेस, प्रो बी के पूनिया व रेखा रानी ने अपने शोध पत्र ईमोशनल इंटेलीजैंस ए की इनग्रिडियंट आफ आग्रेनाईजेशन में बताया कि गांव की पृष्ठïभूमि वाले छात्रों में भावनात्मक बुद्घिमता शहरों से तालुक रखने वाले छात्रों में अधिक पाई गई है। उन्होने बताया कि गांव का छात्र अधिक परिश्रम और संघर्ष पूर्ण जिंदगी व्यतीत करता है जिससे उसमें भावनात्मक बुद्घिमता अधिक होती है। उन्होने बताया कि मैट्रो व बड़े शहरो में शहरी परिवेश में पले बड़े युवा अपने आप को जल्दी व आसानी से ढाल लेते है जबकि ग्रामीण परिवेश के युवाओं को समय लगता है।
डीन, फैकल्टी आफ मैनेजमैंट, चौ देवी लाल विश्वविद्यालय, सिरसा के प्रो सुल्तान सिंह ने कहा कि यह बड़ा हर्ष का विषय है कि युवा पीढ़ी शोध के कार्यों में अपनी दिलचस्पी दिखा रही है और नई से नई तकनीकों का इस्तेमाल करके निष्कर्ष निकालने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने आगे कहा कि जो फैसले शोध के आंकड़ों के आधार पर लिया जाते हैं उनके परिणाम साइंटिफिक व समय सीमा के अन्दर होते हैं। प्रो सुल्तान ने शोधकर्ताओं को सचेत करते हुए कहा कि शोध को सच्चे मन से करना चाहिए और कभी भी किसी ओर के शोधकार्य की नकल नही करनी चाहिए।
डा दलबीर सिंह व डा टीका राम ने अपने शोध एनवायरमैंटल प्रोसपैक्टिवस इन यूजेज आफ प्लास्टिक बैगस इन ग्रीन मार्केट अपरोच में पाया कि उद्योग जगत पर्यावरण के प्रति चिंतित है और पालीथीन व प्लास्टिक का कम से कम प्रयोग करना चाहते है। उन्होने बताया कि समाज के एक बहुत बड़े वर्ग को बढते हुए प्लास्टिक के इस्तेमाल पर चिंता है और वह वैकल्पिक उत्पाद की उद्योग जगत से उमीद करता है। उन्होने बताया कि वैकल्पिक उत्पाद ऐसे होने चाहिए जो पर्यावरण, जीव-जंतुओं को बिना हानि पहुंचाए इस्तेमाल में लाए जा सके।
प्रो कुण्डू ने युवा शोधकर्ताओं से आह्वान किया कि वह जीवन के विभिन्न पहलुओं पर होने वाली समस्याओं का विषय चुन कर शोध करें ताकि शोध के परिणाम समाज व देश के हित में लाभकारी हों। उन्होंने कहा कि भारत में विश्व स्तर का शोध कार्य हो रहा है।
डीन, हरियाणा स्कूल आफ बिजनेस, प्रो बी के पूनिया व रेखा रानी ने अपने शोध पत्र ईमोशनल इंटेलीजैंस ए की इनग्रिडियंट आफ आग्रेनाईजेशन में बताया कि गांव की पृष्ठïभूमि वाले छात्रों में भावनात्मक बुद्घिमता शहरों से तालुक रखने वाले छात्रों में अधिक पाई गई है। उन्होने बताया कि गांव का छात्र अधिक परिश्रम और संघर्ष पूर्ण जिंदगी व्यतीत करता है जिससे उसमें भावनात्मक बुद्घिमता अधिक होती है। उन्होने बताया कि मैट्रो व बड़े शहरो में शहरी परिवेश में पले बड़े युवा अपने आप को जल्दी व आसानी से ढाल लेते है जबकि ग्रामीण परिवेश के युवाओं को समय लगता है।
डीन, फैकल्टी आफ मैनेजमैंट, चौ देवी लाल विश्वविद्यालय, सिरसा के प्रो सुल्तान सिंह ने कहा कि यह बड़ा हर्ष का विषय है कि युवा पीढ़ी शोध के कार्यों में अपनी दिलचस्पी दिखा रही है और नई से नई तकनीकों का इस्तेमाल करके निष्कर्ष निकालने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने आगे कहा कि जो फैसले शोध के आंकड़ों के आधार पर लिया जाते हैं उनके परिणाम साइंटिफिक व समय सीमा के अन्दर होते हैं। प्रो सुल्तान ने शोधकर्ताओं को सचेत करते हुए कहा कि शोध को सच्चे मन से करना चाहिए और कभी भी किसी ओर के शोधकार्य की नकल नही करनी चाहिए।
डा दलबीर सिंह व डा टीका राम ने अपने शोध एनवायरमैंटल प्रोसपैक्टिवस इन यूजेज आफ प्लास्टिक बैगस इन ग्रीन मार्केट अपरोच में पाया कि उद्योग जगत पर्यावरण के प्रति चिंतित है और पालीथीन व प्लास्टिक का कम से कम प्रयोग करना चाहते है। उन्होने बताया कि समाज के एक बहुत बड़े वर्ग को बढते हुए प्लास्टिक के इस्तेमाल पर चिंता है और वह वैकल्पिक उत्पाद की उद्योग जगत से उमीद करता है। उन्होने बताया कि वैकल्पिक उत्पाद ऐसे होने चाहिए जो पर्यावरण, जीव-जंतुओं को बिना हानि पहुंचाए इस्तेमाल में लाए जा सके।
प्रो उषा अरोड़ा, डा राजीव कुमार व अनामिका चौपड़ा ने बताया कि पब्लिक सैक्टर बैंक व निजि क्षेत्र के बैकों की सेवाएं एक जैसी है ग्राहक दोनो क्षेत्रों के बैंकों से एक जैसी सेवाएं प्राप्त कर रहे है। उन्होने बताया कि ग्राहक बैंको की सेवाए अपने घरों व दफ्तरों के नजदीक चाहते है। इसके मद्देनजर भारत में बैंको के फैलाव की संभावना है। इन्होने अपने शोध मे पाया कि दोनो क्षेत्रों के बैंको के ग्राहको की शिकायतों का शीघ्रता से निपटारा होना चाहिए ताकि बैकिंग सेवाओं में विश्वाश बढाया जा सके।
डा महेश गर्ग ने बताया कि कान्फ्रैंस में पहले दिन 66 व दूसरे दिन 63 शोध पत्र प्रस्तुत किए गए। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय के शिक्षण खण्ड-4 के सेमीनार हाल व हरियाणा स्कूल ऑफ बिजनेस में शोधकर्ताओं ने 11 विभिन्न तकनीकी सत्रों में भाग लिया। उन्होने बताया कि अकाउंटिंग एव फाईनेंस में 28, मार्केटिंग में 25, ह्यूमन रिसोर्स मैनेजमैंट में 26, इकोनोमिक एंड बिजनेस एनालेटिक्स में 11, इम्रजिंग इश्यूज में 7, बैकिंग व इन्श्योरेंस में 22 व विद्यार्थियों ने 10 शोध पत्र विभिन्न तकनीकी सत्रों में पढ़े।
इस अवसर पर विभिन्न संस्थाओं से आए हुए शोधकर्ता, शिक्षक, विद्यार्थी, विभाग के प्रो एचएल वर्मा, प्रो एमएस तुरान, प्रो हरभजन बंसल, प्रो ऊषा अरोड़ा, प्रो बीके पुनिया, डा कर्मपाल, डा प्रदीप गुप्ता, डा विनोद कुमार बिश्नोई, डा एन के बिश्नोई, डा वेदपाल, डा अनिल कुमार, डा शबनम सक्सेना, डा संजीव कुमार, डा तिलक सेठी, डा खजान सिंह, डा अंजु वर्मा, डा टीका राम, डा सविता ऊभा, डा दलबीर सिंह, डा सुरेश मित्तल, डा राजीव कुमार व डा श्वेता उपस्थित थे।
फोटो कैप्शन :
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हरियाणा स्कूल ऑफ बिजनेस, गुरू जम्भेश्वर विज्ञान तथा प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, हिसार द्वारा ''बिजनेस एंड मेनेजमैंट विषय पर आयोजित दो दिवसीय वार्षिक कान्फ्रैंस में विश्वविद्यालय के डीन अकेडमिक अफेयरस प्रो एच एल वर्मा तकनीकी सत्र की अध्यक्षता व डा कर्मपाल अपना शोध पत्र प्रस्तुत करते हुए।
फोटो-2
हरियाणा स्कूल ऑफ बिजनेस, गुरू जम्भेश्वर विज्ञान तथा प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, हिसार द्वारा ''बिजनेस एंड मेनेजमैंट विषय पर आयोजित दो दिवसीय वार्षिक कान्फ्रैंस में उपस्थित शोधकर्ता।
इस अवसर पर विभिन्न संस्थाओं से आए हुए शोधकर्ता, शिक्षक, विद्यार्थी, विभाग के प्रो एचएल वर्मा, प्रो एमएस तुरान, प्रो हरभजन बंसल, प्रो ऊषा अरोड़ा, प्रो बीके पुनिया, डा कर्मपाल, डा प्रदीप गुप्ता, डा विनोद कुमार बिश्नोई, डा एन के बिश्नोई, डा वेदपाल, डा अनिल कुमार, डा शबनम सक्सेना, डा संजीव कुमार, डा तिलक सेठी, डा खजान सिंह, डा अंजु वर्मा, डा टीका राम, डा सविता ऊभा, डा दलबीर सिंह, डा सुरेश मित्तल, डा राजीव कुमार व डा श्वेता उपस्थित थे।
फोटो कैप्शन :
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हरियाणा स्कूल ऑफ बिजनेस, गुरू जम्भेश्वर विज्ञान तथा प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, हिसार द्वारा ''बिजनेस एंड मेनेजमैंट विषय पर आयोजित दो दिवसीय वार्षिक कान्फ्रैंस में विश्वविद्यालय के डीन अकेडमिक अफेयरस प्रो एच एल वर्मा तकनीकी सत्र की अध्यक्षता व डा कर्मपाल अपना शोध पत्र प्रस्तुत करते हुए।
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हरियाणा स्कूल ऑफ बिजनेस, गुरू जम्भेश्वर विज्ञान तथा प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, हिसार द्वारा ''बिजनेस एंड मेनेजमैंट विषय पर आयोजित दो दिवसीय वार्षिक कान्फ्रैंस में उपस्थित शोधकर्ता।
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