Tuesday, March 8, 2011

महिला दिवस पर कार्यक्रम आयोजित

ओढ़ां
    माता हरकी देवी महिला महाविद्यालय ओढ़ां में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर महिला प्रकोष्ठ की ओर से एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें मुख्यवक्ता के रूप में पद्मश्री से विभूषित तथा हरियाणा गौरव से सम्मानित वरिष्ठ लेखिका व कवयित्री डॉ. सुनीता जैन दिल्ली से पधारी। कार्यक्रम का शुभारंभ डॉ. सुनीता जैन ने दीप प्रज्जवलित करके किया। इस अवसर पर महाविद्यालय की प्राचार्या व विद्यापीठ का निदेशक डॉ. शमीम शर्मा ने समाज में निरंतर हो रही कन्या भ्रूणहत्या पर खेद प्रकट करते हुए कहा कि भारत में महाभारत समेत सभी युद्धों को मिलाकर भी एक करोड़ लोग नहीं मारे गए जबकि 2007 के आंकड़ों के अनुसार एक करोड़ से अधिक कन्या भ्रूण मरवाए जा चुके हैं जो देश के लिए शर्मनाक तो है ही साथ ही असंतुलित होते लिंगानुपात के कारण घातक भी है। उन्होंने कहा कि महिला दिवस पर हमें विशेषकर महिलाओं व लड़कियों को यह संकल्प लेना चाहिए कि हम कन्या भ्रूणहत्या को अवश्य ही रोक देंगी।
    डॉ. सुनीता जैन ने कहा
कि हर लड़की को अपने अस्तित्व को जानना व समझना है और बाजरीकरण के षडय़ंत्र से स्वयं को बचाना है। नारी सशक्तिकरण की व्याख्या करते हुए उन्होंने कहा कि नारी का जन्म शक्ति के साथ हुआ है अत: नारी को शक्ति की नहीं चेतना की आवश्यकता है। भारतीय पारिवारिक सभ्यता की प्रबल पक्षधर डॉ. सुनीता ने कहा कि महिला का कर्तव्य है परिवार को बनाना व सबको साथ लेकर चलना तथा महिलाओं का सम्मान करना महिलाएं ही सिखाएंगी और शुरूआत अपने पुत्रों से करनी होगी। इस अवसर पर संस्था निदेशक व माता हरकी देवी पब्लिक स्कूल की प्राचार्या मनीषा गोदारा ने कहा कि आज अधिकारों के विषय में जानने की नहीं बल्कि कर्तव्यों के प्रति सजग होने की आवश्यकता है। एक स्त्री दीए की भांति स्वयं जलकर समाज को रोशन करने में सक्षम है। इस अवसर पर छात्राओं कुलबीर बीए तृतीय वर्ष व आंचल मेहता बीकॉम प्रथम वर्ष ने भी महिला दिवस पर अपनी कविताएं पढ़ी। हिंदी प्रवक्ता डॉ. मंजु दलाल ने कहा कि घर को बनाने वाली होती हैं लड़कियां फिर क्यूं दुनियां में आने से रोकी जाती हैं लड़किया। मंच का संचालन मोनिका गिल ने किया। इस अवसर पर डॉ. अनीता छाबड़ा, समस्त स्टाफ व बड़ी संख्या में छात्राएं उपस्थित थी।

छायाचित्र:  दीप प्रज्जवलित करती और छात्राओं को संबोधित करती डॉ. सुनीता जैन।

No comments:

Post a Comment