सिरसा, 10 मार्च। उपायुक्त श्री युद्धबीर सिंह ख्यालिया ने कहा कि जिला प्रशासन द्वारा शुरु की जा रही विभिन्न योजनाओं व कार्यक्रमों में महिलाओं को विशेष अधिमान दिया जाएगा ताकि महिलाएं और ज्यादा सशक्त हो सके। श्री ख्यालिया आज स्थानीय पंचायत भवन में महिला दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित जननी शक्ति सम्मान समारोह में महिलाओं को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर अतिरिक्त उपायुक्त श्रीमती पंकज चौधरी द्वारा जिले की 150 ऐसी महिलाओं को सम्मानित किया जिनके परिवार में औलाद के रुप में केवल लड़कियां ही है।
उन्होंने कहा कि महिलाओं के उत्थान और विकास को लेकर डीआरडीए व अन्य योजनाओं के माध्यम से जिला में कई कार्यक्रम शुरु किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि महिलाओं को घर की चारदीवारी से बाहर निकलकर कार्य करने का बहुत कम अवसर मिला है इसलिए वे अपनी प्रतिभा को निखार नहीं पाई। उन्होंने कहा कि महिलाएं पुरुषों से कही अधिक बुद्विमान होती है। जब-जब भी महिलाओं को अपने हुनर व बुद्विमता दर्शाने का अवसर मिला है तब-तब उन्होंने पुरुषों को पीछे छोड़ा है।
उन्होंने कहा कि महिलाओं के उत्थान और विकास को लेकर डीआरडीए व अन्य योजनाओं के माध्यम से जिला में कई कार्यक्रम शुरु किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि महिलाओं को घर की चारदीवारी से बाहर निकलकर कार्य करने का बहुत कम अवसर मिला है इसलिए वे अपनी प्रतिभा को निखार नहीं पाई। उन्होंने कहा कि महिलाएं पुरुषों से कही अधिक बुद्विमान होती है। जब-जब भी महिलाओं को अपने हुनर व बुद्विमता दर्शाने का अवसर मिला है तब-तब उन्होंने पुरुषों को पीछे छोड़ा है।
उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन द्वारा चार स का सिद्धांत तैयार किया गया है जिसके अनुरुप पूरे जिला में एक अभियान चलाया जाएगा जिसमें साक्षर, स्वच्छ, स्वस्थ व संपन्नता को शामिल किया गया है। इन्हीं बिंदुओं पर फोकस करते हुए जिला में महिला सशक्तिकरण का अभियान चलेगा। उन्होंने कहा कि एक सर्वे के अनुसार महिलाएं पुरुषों के मुकाबले अपने शरीर की ऊर्जा का अधिक इस्तेमाल करती है जिससे वे हर कार्य को गंभीरता से करती है जिसके सार्थक परिणाम भी मिलते है। उन्होंने महिलाओं का आह्वान किया कि कन्या भ्रूणहत्या जैसी सामाजिक कुरीति को जड़ से उखाड़ फेंकने में समाज व सरकार का पूरा सहयोग करे।
अतिरिक्त उपायुक्त श्रीमती पंकज चौधरी ने भी महिलाओं का आह्वान किया कि वे औलाद के रुप में लड़का-लड़की में किसी प्रकार का भेद न करे और लड़की को पराया धन बिल्कुल न माने। उन्होंने कहा कि लड़कियों को शिक्षा के बेहतर अवसर मुहैया करवाने चाहिए। सरकार द्वारा भी लड़कियों की शिक्षा के लिए कई योजनाएं शुरु की गई है। उन्होंने कहा कि विशेष रुप से हरियाणा में आज कोई भी यह नहीं कह सकता कि धन के अभाव में लड़कियों को शिक्षित करना मुश्किल है। अगर कोई यह कहता है तो वह गलत है क्योंकि राज्य सरकार द्वारा लड़कियों की शिक्षा पूर्ण करने के साथ-साथ वजीफा योजनाएं भी शुरु की गई है। उन्होंने अधिकारियों का भी आह्वान किया कि वे महिलाओं से जुड़ी योजनाओं का ज्यादा से ज्यादा प्रचार प्रसार करे।
उन्होंने कहा कि घर को संभालने व बनाकर रखने में महिला का शत् प्रतिशत योगदान होता है। उन्होंने महिलाओं से अपील की कि वे और ज्यादा जिम्मेवारी के साथ समाज उत्थान में अपना योगदान दे। उन्होंने कहा कि सभी महिलाओं को भ्रूणहत्या खत्म करने का प्रण लेना है और उन्हें चाहिए कि वे अपने आस पड़ोस में भी भ्रूणहत्या जैसी सामाजिक बुराई को रोकने हेतु जागरुकता पैदा करे। उन्होंने कहा कि आज महिलाओं को जागरुक करने की जरुरत है। कन्या भ्रूणहत्या बारे उन्होंने कहा कि यह बुराई केवल मात्र कानून की भाषा से नहीं दूर की जा सकती बल्कि भगवान की भाषा को भी साथ जोड़कर इस कुरीति पर रोक लगाई जा सकती है। उन्होंने सभी महिलाओं को कन्या भ्रूणहत्या न करने व न होने देने की शपथ दिलवाई। महिला सशक्तिकरण के संबंध में उन्होंने अपनी कविता भी पढ़ी। कविता का शीर्षक है तभी तो सिर उठेगा, जब हमारा अपना हाथ उठाएंगे।
इससे पूर्व जननायक चौ. देवीलाल विद्यापीठ की निदेशिका डा. शमीम शर्मा ने नारी सशक्तिकरण पर अपने विचार प्रकट किए। उन्होंने कहा कि पुरुष प्रधान समाज में नारी ने अनेको प्रताडऩाएं सहन की है। जबकि हर क्षेत्र में महिलाएं पुरुषों से आगे रही है। उन्होंने कहा कि पूर्व में महिलाओं को शिक्षा से दूर रखा गया और समाज द्वारा दबाया गया जिसके कुपरिणाम महिलाएं वर्तमान में झेल रही है। उन्होंने कहा कि आज महिलाओं को समाज में उनके हक की जरुरत है जिससे वे सशक्त होकर पुरुषों से कंधे से कंधा मिलाकर कार्य करेंगी। उन्होंने महिलाओं से आह्वान किया कि वे अपने आप को कम न समझे बल्कि शिक्षित होने के साथ-साथ भ्रूणहत्या जैसी बुराई को दूर करने में आगे आए। इस कार्यक्रम में सुश्री कुमुद बंसल ने भी अपने विचार प्रकट किए और कहा कि नारी को केवल कानूनी सुरक्षा देकर सशक्त नहीं किया जा सकता बल्कि सामाजिक सम्मान देकर महिलाओं में जागृति लाई जा सकती है। इससे पूर्व आज इस कार्यक्रम में शामिल सभी महिलाओं ने मोमबत्ती जलाकर उन कन्याओं को श्रद्धांजलि दी जो भ्रूणहत्या के कारण इस संसार में जन्म नहीं ले सकी। मोमबत्ती जलाने की शुरुआत अतिरिक्त उपायुक्त श्रीमती पंकज चौधरी द्वारा की गई।
इस मौके पर बोस्टल जेल हिसार की सहायक अधीक्षक श्रीमती सोनाक्षी भारद्वाज, डा. शील कौशिक ने भी अपने विचार रखे। कार्यक्रम में छात्र-छात्राओं व युवाओं द्वारा रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए जिनका महिलाओं ने जमकर लुत्फ उठाया। इन सांस्कृतिक कार्यक्रम में प्रेरणादायक कार्यक्रम शामिल थे।
उन्होंने कहा कि घर को संभालने व बनाकर रखने में महिला का शत् प्रतिशत योगदान होता है। उन्होंने महिलाओं से अपील की कि वे और ज्यादा जिम्मेवारी के साथ समाज उत्थान में अपना योगदान दे। उन्होंने कहा कि सभी महिलाओं को भ्रूणहत्या खत्म करने का प्रण लेना है और उन्हें चाहिए कि वे अपने आस पड़ोस में भी भ्रूणहत्या जैसी सामाजिक बुराई को रोकने हेतु जागरुकता पैदा करे। उन्होंने कहा कि आज महिलाओं को जागरुक करने की जरुरत है। कन्या भ्रूणहत्या बारे उन्होंने कहा कि यह बुराई केवल मात्र कानून की भाषा से नहीं दूर की जा सकती बल्कि भगवान की भाषा को भी साथ जोड़कर इस कुरीति पर रोक लगाई जा सकती है। उन्होंने सभी महिलाओं को कन्या भ्रूणहत्या न करने व न होने देने की शपथ दिलवाई। महिला सशक्तिकरण के संबंध में उन्होंने अपनी कविता भी पढ़ी। कविता का शीर्षक है तभी तो सिर उठेगा, जब हमारा अपना हाथ उठाएंगे।
इससे पूर्व जननायक चौ. देवीलाल विद्यापीठ की निदेशिका डा. शमीम शर्मा ने नारी सशक्तिकरण पर अपने विचार प्रकट किए। उन्होंने कहा कि पुरुष प्रधान समाज में नारी ने अनेको प्रताडऩाएं सहन की है। जबकि हर क्षेत्र में महिलाएं पुरुषों से आगे रही है। उन्होंने कहा कि पूर्व में महिलाओं को शिक्षा से दूर रखा गया और समाज द्वारा दबाया गया जिसके कुपरिणाम महिलाएं वर्तमान में झेल रही है। उन्होंने कहा कि आज महिलाओं को समाज में उनके हक की जरुरत है जिससे वे सशक्त होकर पुरुषों से कंधे से कंधा मिलाकर कार्य करेंगी। उन्होंने महिलाओं से आह्वान किया कि वे अपने आप को कम न समझे बल्कि शिक्षित होने के साथ-साथ भ्रूणहत्या जैसी बुराई को दूर करने में आगे आए। इस कार्यक्रम में सुश्री कुमुद बंसल ने भी अपने विचार प्रकट किए और कहा कि नारी को केवल कानूनी सुरक्षा देकर सशक्त नहीं किया जा सकता बल्कि सामाजिक सम्मान देकर महिलाओं में जागृति लाई जा सकती है। इससे पूर्व आज इस कार्यक्रम में शामिल सभी महिलाओं ने मोमबत्ती जलाकर उन कन्याओं को श्रद्धांजलि दी जो भ्रूणहत्या के कारण इस संसार में जन्म नहीं ले सकी। मोमबत्ती जलाने की शुरुआत अतिरिक्त उपायुक्त श्रीमती पंकज चौधरी द्वारा की गई।
इस मौके पर बोस्टल जेल हिसार की सहायक अधीक्षक श्रीमती सोनाक्षी भारद्वाज, डा. शील कौशिक ने भी अपने विचार रखे। कार्यक्रम में छात्र-छात्राओं व युवाओं द्वारा रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए जिनका महिलाओं ने जमकर लुत्फ उठाया। इन सांस्कृतिक कार्यक्रम में प्रेरणादायक कार्यक्रम शामिल थे।
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