सब रिश्ते टूटकर चूर चूर हो गए,
धीरे धीरे वो हमसे दूर हो गए,
हमारी खामोशी हमारे लिए गुनाह बन गई,
वो गुनाह करके भी बेकसूर हो गए।
विक्रमजीत सहारण नुहियांवाली
आपकी पसंद आपकी चाहत बन जाए,
मुस्कुराहट दिल की राहत बन जाए,
खुदा खुशियों से इतना खुश करदे आपको कि,
आपको खुश देखना हमारी आदत बन जाए।
जग्गी सोनी, ओढ़ां
मुस्कुराहट दिल की राहत बन जाए,
खुदा खुशियों से इतना खुश करदे आपको कि,
आपको खुश देखना हमारी आदत बन जाए।
जग्गी सोनी, ओढ़ां
हाथों में होती हैं लकीरें हजार,
किसी में गम तो किसी में खुशियों की बहार,
ना जाने वो कौनसी लकीर है यार,
जिसमें खुदा ने लिखा आप जैसे दोस्त का प्यार।
सुनील राजपुत, नुहियांवाली
किसी में गम तो किसी में खुशियों की बहार,
ना जाने वो कौनसी लकीर है यार,
जिसमें खुदा ने लिखा आप जैसे दोस्त का प्यार।
सुनील राजपुत, नुहियांवाली
हम वो नहीं जो मतलब से याद करते हैं,
हम तो वो हैं जो दिल से याद करते हैं,
आपको चाहे हमारी याद आए या ना आए,
पर हम तो आपको हर पल याद करते हैं।
मंगल, पन्नीवाला मोटा
जिंदगी च यारो असीं वी एश कीती आ,
ठेकेयां दे उते ही जवानी रोल दिती आ,
कोई दस्से ओहनू जाके जेहड़ी रोकदी हुंदी सी कदे,
अज असीं फेर यारो ओहदी याद विच पीती आ।
प्रगट ढिल्लों, घुकांवाली
ठेकेयां दे उते ही जवानी रोल दिती आ,
कोई दस्से ओहनू जाके जेहड़ी रोकदी हुंदी सी कदे,
अज असीं फेर यारो ओहदी याद विच पीती आ।
प्रगट ढिल्लों, घुकांवाली
साथ देन दा वादा कीता सी,
शिकवा सहन दा वादा कीता सी,
ओह सानू छडके खुश ने तां कोई दुख नहीं,
क्योंके असी तां ओहना नूं खुश रखन दा वादा कीता सी।
सुखमंद्र ढिल्लों, घुकांवाली
शिकवा सहन दा वादा कीता सी,
ओह सानू छडके खुश ने तां कोई दुख नहीं,
क्योंके असी तां ओहना नूं खुश रखन दा वादा कीता सी।
सुखमंद्र ढिल्लों, घुकांवाली
लैला को मंजनू का एसएमएस नहीं आया,
लैला ने तीन दिन खाना नहीं खाया,
लैला मर रही थी मंजनू के प्यार में,
मंजनू बैठा था एसएमएस फ्री होने के इंतजार में।
सतबीर, ओढ़ां
पहलां वरगा लगदा एह संसार नहीं,
तेरे वरगा मिलदा हुण दिलदार नहीं,
रिश्ते नाते हो रहे सारे गरजां दे,
दिल दे विच किसे दे सच्चा प्यार नहीं,
जद वी धोखा खादा, खादा मितरां तों,
क्योंके दुश्मन तां एैने हुशियार नहीं,
जख्मी तेरी याद सहारे ज्यौंदे हां,
वैसे तां हुण जिंदगी ते एतबार नहीं,
कुलवंत सिंह, ओढ़ां
तेरे वरगा मिलदा हुण दिलदार नहीं,
रिश्ते नाते हो रहे सारे गरजां दे,
दिल दे विच किसे दे सच्चा प्यार नहीं,
जद वी धोखा खादा, खादा मितरां तों,
क्योंके दुश्मन तां एैने हुशियार नहीं,
जख्मी तेरी याद सहारे ज्यौंदे हां,
वैसे तां हुण जिंदगी ते एतबार नहीं,
कुलवंत सिंह, ओढ़ां
उसकी याद में हम बरसों रोते रहे,
बेवफा वो निकले बदनाम हम होते रहे,
प्यार में मदहोशी का आलम तो देखिए,
धूल चेहरे पर थी और हम आईना धोते रहे।
मुकेश चौधरी, ओढ़ां
बेवफा वो निकले बदनाम हम होते रहे,
प्यार में मदहोशी का आलम तो देखिए,
धूल चेहरे पर थी और हम आईना धोते रहे।
मुकेश चौधरी, ओढ़ां
आंसू न होते तो आंखें इतनी खूबसूरत न होती,
दर्द न होता तो खुशी की कीमत न होती,
अगर मिल जाता चाहने से कोई,
तो दुनियां में रब्ब की जरूरत न होती।
बिटू चहल, ओढ़ां
जिंदगी में कभी कभी ऐसा भी होता है,
चेहरा हंसता है और दिल किसी की याद में रोता है,
जिसे हम अपनी मंजिल समझते हैं,
वो हमसफर किसी और का होता है।
94672-56540
चेहरा हंसता है और दिल किसी की याद में रोता है,
जिसे हम अपनी मंजिल समझते हैं,
वो हमसफर किसी और का होता है।
94672-56540
हर सुबह तेरी जिंदगी में रोशनी करदे,
रब्ब तेरे गम को तेरी खुशी करदे,
जब भी टूटने लगें तेरी सांसें,
खुदा तुझमें शामिल मेरी जिंदगी करदे।
94682-36175
रब्ब तेरे गम को तेरी खुशी करदे,
जब भी टूटने लगें तेरी सांसें,
खुदा तुझमें शामिल मेरी जिंदगी करदे।
94682-36175
संता- मैं जिस लड़की को चाहता हूं उसने मुझसे शादी नहीं की।
बंता- तूने उसे बताया नहीं कि तेरा चाचा करोड़पति है?
संता- बताया था।
बंता- फिर क्या हुआ?
संता- अब वो मेरी चाची है।
95418-14555
पैरां दे विच जन्नत जिसदे, सिर ते ठंडियां छावां,
अखां दे विच नूर खुदा दा,मुख ते रहन दुआवां,
जिन्हां करके दुनिया देखी, रहन सलामत मावां।
98964-80020
अखां दे विच नूर खुदा दा,मुख ते रहन दुआवां,
जिन्हां करके दुनिया देखी, रहन सलामत मावां।
98964-80020
छात्र- सर सब लोग हिंदी, अंग्रेजी, उर्दू में बोलते हैं,
गणित में क्यों नहीं बोलते?
अध्यापक- ज्यादा 3,5 ना कर, 9,2,11 हो ले,
नहीं तो 4,5 धर दूंगा, तो 6 के 36 दिखने लगेंगे।
99961-98111
गणित में क्यों नहीं बोलते?
अध्यापक- ज्यादा 3,5 ना कर, 9,2,11 हो ले,
नहीं तो 4,5 धर दूंगा, तो 6 के 36 दिखने लगेंगे।
99961-98111
तेरियां यादा नाल जीन तों इंकार नहीं करदे,
लख औन मुसीबतां असीं परवाह नहीं करदे,
ऐवें ना नाराज होया करो जी,
कौन कहंदै के असीं तुहानु याद नहीं करदे।
89013-47349
हर आंख का काजल कालिमा नहीं होता है,
हर नदी का जल गंगाजल नहीं होता है,
मेरे दोस्त हर किसी को दिल की बात मत बताया करो,
क्योंकि हर कोई विश्वास के काबिल नहीं होता है।
90682-92218
हर नदी का जल गंगाजल नहीं होता है,
मेरे दोस्त हर किसी को दिल की बात मत बताया करो,
क्योंकि हर कोई विश्वास के काबिल नहीं होता है।
90682-92218
अपने एसएमएस 94160-95179 या 96716-63006 पर भेजें।
नोट—एसएमएस के साथ अपना पूरा नाम और गांव का नाम अवश्य
लिखें तथा एक सप्ताह में अपने एक या दो चुनींदा एसएमएस ही भेजें
अन्यथा आपके एसएमएस प्रकाशित नहीं हो पाएंगे। सतीश गर्ग
नोट—एसएमएस के साथ अपना पूरा नाम और गांव का नाम अवश्य
लिखें तथा एक सप्ताह में अपने एक या दो चुनींदा एसएमएस ही भेजें
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