सिरसा,11 अप्रैल : सिरसा जिला में पिछड़ा क्षेत्र अनुदान निधि योजना के तहत चालू वित्त वर्ष के दौरान 24 करोड़ 18 लाख 42 हजार रुपए की राशि खर्च की जाएगी। यह जानकारी उपायुक्त श्री युद्धवीर सिंह ख्यालिया ने आज स्थानीय डीआरडीए सेमिनार हाल में जिला आयोजना कमेटी में दी। उन्होंने उक्त योजना के तहत विभिन्न क्षेत्रों में किए जाने वाले विकास कार्यो पर भी चर्चा की और जिला आयोजना कमेटी के सदस्यों ने इन कार्यो पर चर्चा की।
उन्होंने बताया कि जिला में कृषि क्षेत्र के विकास के लिए तीन करोड़ 46 लाख रुपए की राशि खर्च करने का प्रावधान रखा गया है। उन्होंने बताया कि कृषि क्षेत्र में सिंचाई के लिए फव्वारा सिस्टम, दूर से पानी लाने के लिए भूमिगत पाईप लाईन और सिंचाई हेतू खालों का निर्माण करवाया जाएगा। इसके साथ-साथ पंचायती व सरकारी जमीन पर सब्जियां व फल आदि उगाने के लिए सिंचाई पानी की व्यवस्था की जाएगी। इसके साथ-साथ पशुधन को स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध करवाने हेतू वैटनरी पॉलीक्लीनिक व नए पशु अस्पतालों का निर्माण करवाया जाएगा। पॉलीक्लीनिक पर 87 लाख तथा नए अस्पताल भवनों पर 63 लाख रुपए की राशि खर्च किए जाने का प्रावधान रखा गया है।
श्री ख्यालिया ने बताया कि पूरे जिला के ग्रामीण क्षेत्रों से सम्बन्धित लड़कियों को कालेज व स्कूलों तक पहुंचाने के लिए यातायात की व्यवस्था भी की जाएगी जिसके लिए पिछड़ा क्षेत्र अनुदान योजना के तहत शुरूआती दौर में पांच बसें खरीदी जाएगी। यातायात व्यवस्था पर दो करोड़ रुपए की राशि खर्च की जाएगी। इसके अलावा, जिला में अनुसूचित जाति और पिछड़ा वर्ग के छात्रों के लिए छात्रावास की सुविधा पर भी एक करोड़ रुपए की राशि खर्च की जाएगी। उन्होंने बताया कि जिला में चयनित दस बड़े गांवों में राजीव गांधी सेवा केन्द्रों का भी निर्माण करवाया जाएगा। प्रत्येक सेवा केन्द्र के निर्माण पर दस लाख रुपए की राशि खर्च की जाएगी।
उपायुक्त ने बताया कि शिक्षा के क्षेत्र में भी छात्रों को शिक्षा सम्बन्धी सुविधाएं देने पर एक करोड़ रुपए की राशि खर्च की जाएगी जिससे जिला में गुणवत्ता की शिक्षा उपलब्ध करवाने के लिए कार्य किया जाएगा। जिला में पडऩे वाले सभी सरकारी उच्च विद्यालयों के 6वीं से 9वीं तक की तथा महाविद्यालयों की कक्षाओं में प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान पाने वाले विद्यार्थियों को डिक्शनरी (शब्दकोष)दिए जाएगें। इसके अलावा, सभी स्कूलों व महाविद्यालयों के पुस्तकालयों में डिक्शनरी उपलब्ध करवाई जाएगी।
उपायुक्त के अनुसार उक्त योजना के तहत जिला के 20 गांवों में आंगनवाड़ी केन्द्र भवनों का निर्माण करवाया जाएगा। इसके साथ-साथ पहले से निर्मित आंगनवाड़ी भवनों में बच्चों के लिए और सुविधाएं जुटाई जाएंगी जिन पर एक करोड़ रुपए की राशि खर्च की जाएगी। इसके साथ-साथ जिला में महिलाओं को सशक्त करने और उन्हेंं विभिन्न क्षेत्रों में दक्ष करने के उद्द्ेश्य से ड्राइविंग, कम्प्यूटर, कटिंग-टेलरिंग, ब्यूटी पार्लर में प्रशिक्षण दिया जाएगा। बीआरजीएफ योजना के तहत ही एमएसडीपी कार्यक्रम में जिला के तीन दर्जन से भी अधिक गांवों में सोलर स्ट्रीट लाईटों की स्थापना की जाएगी जिन पर लगभग एक करोड़ रुपए की राशि खर्च होगी। उन्होंने बताया कि जिला के राजकीय स्कूलों और आयुष केन्द्रों में वाटर हारवेस्टिंग सिस्टम की स्थापना की जाएगी। इसके साथ-साथ स्वास्थ्य के क्षेत्र में रक्ताल्वता दूर करने व बच्चों में पोषण तत्व की कमी को दूर करने के लिए भी अभियान चलाया जाएगा जिस पर दो करोड़ रुपए की राशि खर्च किए जाने का प्रावधान रखा गया है। इसी प्रकार से ग्रामीण क्षेत्रों में खेल तथा पेयजल सम्बन्धी सुविधाएं बढ़ाने के लिए भी धनराशि का प्रावधान किया गया है।
उन्होंने जिला आयोजना कमेटी के सभी सदस्यों से अपील की कि वे जिला में सरकार की विभिन्न योजनाओं के तहत चल रहे कार्यो की निगरानी रखें और किसी प्रकार की गुणवत्ता में कमी पाए जाने पर बिना कोई विलम्ब किए प्रशासनिक अधिकारियों को सूचित करें। उन्होंने सभी सदस्यों का आह्वान किया कि वे जिला के विकास के लिए विभिन्न योजनाओं के बारे में अपने सुझाव किसी भी समय दे सक ते हैं। इस बैठक में अतिरिक्त उपायुक्त श्रीमती पंकज चौधरी ने गत वर्ष 2010-11 का लेखा जोखा भी रखा और बताया कि उक्त योजना के तहत जिला में 10 करोड़ 18 लाख रुपए की राशि प्राप्त हुई, जो विभिन्न विकास कार्यो पर खर्च की जा चुकी है। उन्होंने वर्ष 2011-12 में किए जाने वाले विकास कार्यो के बारे में विस्तार से बताया। इस बैठक में जिला परिषद अध्यक्ष डा0 सीताराम व जिला आयोजना कमेटी के सदस्यों ने भाग लिया।
उन्होंने बताया कि जिला में कृषि क्षेत्र के विकास के लिए तीन करोड़ 46 लाख रुपए की राशि खर्च करने का प्रावधान रखा गया है। उन्होंने बताया कि कृषि क्षेत्र में सिंचाई के लिए फव्वारा सिस्टम, दूर से पानी लाने के लिए भूमिगत पाईप लाईन और सिंचाई हेतू खालों का निर्माण करवाया जाएगा। इसके साथ-साथ पंचायती व सरकारी जमीन पर सब्जियां व फल आदि उगाने के लिए सिंचाई पानी की व्यवस्था की जाएगी। इसके साथ-साथ पशुधन को स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध करवाने हेतू वैटनरी पॉलीक्लीनिक व नए पशु अस्पतालों का निर्माण करवाया जाएगा। पॉलीक्लीनिक पर 87 लाख तथा नए अस्पताल भवनों पर 63 लाख रुपए की राशि खर्च किए जाने का प्रावधान रखा गया है।
श्री ख्यालिया ने बताया कि पूरे जिला के ग्रामीण क्षेत्रों से सम्बन्धित लड़कियों को कालेज व स्कूलों तक पहुंचाने के लिए यातायात की व्यवस्था भी की जाएगी जिसके लिए पिछड़ा क्षेत्र अनुदान योजना के तहत शुरूआती दौर में पांच बसें खरीदी जाएगी। यातायात व्यवस्था पर दो करोड़ रुपए की राशि खर्च की जाएगी। इसके अलावा, जिला में अनुसूचित जाति और पिछड़ा वर्ग के छात्रों के लिए छात्रावास की सुविधा पर भी एक करोड़ रुपए की राशि खर्च की जाएगी। उन्होंने बताया कि जिला में चयनित दस बड़े गांवों में राजीव गांधी सेवा केन्द्रों का भी निर्माण करवाया जाएगा। प्रत्येक सेवा केन्द्र के निर्माण पर दस लाख रुपए की राशि खर्च की जाएगी।
उपायुक्त ने बताया कि शिक्षा के क्षेत्र में भी छात्रों को शिक्षा सम्बन्धी सुविधाएं देने पर एक करोड़ रुपए की राशि खर्च की जाएगी जिससे जिला में गुणवत्ता की शिक्षा उपलब्ध करवाने के लिए कार्य किया जाएगा। जिला में पडऩे वाले सभी सरकारी उच्च विद्यालयों के 6वीं से 9वीं तक की तथा महाविद्यालयों की कक्षाओं में प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान पाने वाले विद्यार्थियों को डिक्शनरी (शब्दकोष)दिए जाएगें। इसके अलावा, सभी स्कूलों व महाविद्यालयों के पुस्तकालयों में डिक्शनरी उपलब्ध करवाई जाएगी।
उपायुक्त के अनुसार उक्त योजना के तहत जिला के 20 गांवों में आंगनवाड़ी केन्द्र भवनों का निर्माण करवाया जाएगा। इसके साथ-साथ पहले से निर्मित आंगनवाड़ी भवनों में बच्चों के लिए और सुविधाएं जुटाई जाएंगी जिन पर एक करोड़ रुपए की राशि खर्च की जाएगी। इसके साथ-साथ जिला में महिलाओं को सशक्त करने और उन्हेंं विभिन्न क्षेत्रों में दक्ष करने के उद्द्ेश्य से ड्राइविंग, कम्प्यूटर, कटिंग-टेलरिंग, ब्यूटी पार्लर में प्रशिक्षण दिया जाएगा। बीआरजीएफ योजना के तहत ही एमएसडीपी कार्यक्रम में जिला के तीन दर्जन से भी अधिक गांवों में सोलर स्ट्रीट लाईटों की स्थापना की जाएगी जिन पर लगभग एक करोड़ रुपए की राशि खर्च होगी। उन्होंने बताया कि जिला के राजकीय स्कूलों और आयुष केन्द्रों में वाटर हारवेस्टिंग सिस्टम की स्थापना की जाएगी। इसके साथ-साथ स्वास्थ्य के क्षेत्र में रक्ताल्वता दूर करने व बच्चों में पोषण तत्व की कमी को दूर करने के लिए भी अभियान चलाया जाएगा जिस पर दो करोड़ रुपए की राशि खर्च किए जाने का प्रावधान रखा गया है। इसी प्रकार से ग्रामीण क्षेत्रों में खेल तथा पेयजल सम्बन्धी सुविधाएं बढ़ाने के लिए भी धनराशि का प्रावधान किया गया है।
उन्होंने जिला आयोजना कमेटी के सभी सदस्यों से अपील की कि वे जिला में सरकार की विभिन्न योजनाओं के तहत चल रहे कार्यो की निगरानी रखें और किसी प्रकार की गुणवत्ता में कमी पाए जाने पर बिना कोई विलम्ब किए प्रशासनिक अधिकारियों को सूचित करें। उन्होंने सभी सदस्यों का आह्वान किया कि वे जिला के विकास के लिए विभिन्न योजनाओं के बारे में अपने सुझाव किसी भी समय दे सक ते हैं। इस बैठक में अतिरिक्त उपायुक्त श्रीमती पंकज चौधरी ने गत वर्ष 2010-11 का लेखा जोखा भी रखा और बताया कि उक्त योजना के तहत जिला में 10 करोड़ 18 लाख रुपए की राशि प्राप्त हुई, जो विभिन्न विकास कार्यो पर खर्च की जा चुकी है। उन्होंने वर्ष 2011-12 में किए जाने वाले विकास कार्यो के बारे में विस्तार से बताया। इस बैठक में जिला परिषद अध्यक्ष डा0 सीताराम व जिला आयोजना कमेटी के सदस्यों ने भाग लिया।
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