Thursday, March 31, 2011

बच्चों ने सीखे मार्शल आर्ट के गुर

ओढां
    माता हरकी देवी सीनियर सैकंडरी स्कूल ओढ़ां में आयोजित पांच दिवसीय आवासीय मार्शल आर्ट कैंप का शुभारंभ हुआ। माता हरकी देवी संस्थान की निदेशक मनीषा गोदारा ने बताया कि इस प्रकार के कैंपों का आयोजन बच्चों के लिए आवश्यक है। उन्होंने बताया कि इस कैंप में माता हरकी देवी सीनियर सैकंडरी स्कूल ओढ़ां के 20 बच्चों के अलावा 80 के लगभग अन्य स्कूलों जैसे सिरसा सैंट्रल स्कूल, दी सिरसा स्कूल, गर्वनमेंट स्कूल और ऐलनाबाद, सिकंदरपुर तथा रानियां के स्कूलों के बच्चे भी ट्रेनिंग ले रहे हैं जो कि मार्शल आर्ट के गुर सीख सकेंगे
    कैंप के आरंभ में मार्शल आर्ट एसोसिएशन के जिला महासचिव राजकुमार वर्मा ने बच्चों को मार्शल आर्ट के इतिहास के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि मार्शल आर्ट एक प्रचीनतम युद्ध कला है जो बिना हथियारों के लड़ी जाती है। मार्शल आर्ट का एक उदाहरण देते हुए उन्होंने बताया कि जापान ने प्रथम विश्वयुद्ध में रुस जैसे शक्तिशाली देश को पराजित करके साबित कर दिया कि मार्शल आर्ट एक ऐसी कला है जिसमें एक व्यक्ति अनेक व्यक्तियों से अपना बचाव करते हुए उन्हें मात देकर आत्मरक्षा कर सकता है। वर्तमान समय में यह कला कई देशों जैसे भारत, चीन, जापान व कोरिया में चल रही है। प्रारंभ में मार्शल आर्ट को ब्रुसली ने उभारा तथा मार्शल आर्ट में एक नया खेल जीत कुंदो विकसित किया।
    मार्शल आर्ट का प्रशिक्षण लेते बच्चों ने बेहतर प्रदर्शन किया और इस युद्ध कला को जिज्ञासापूर्ण ढंग से सूक्ष्मतापूर्वक बारिकियों को सीखते हुए इसे आत्मसात करने की भावना प्रदर्शित की। इस प्रशिक्षण शिविर का निरीक्षण करने हेतु ताइक्वांडो एसोसिएशन के जिला प्रधान दलीप जैन एवं कराटे के जिला प्रधान ललित जैन स्कूल में पहुंचे। दलीप जैन ने बच्चों को संबोधित करते हुए कहा कि आप लोगों के लिए यह सुनहरा अवसर है अत: आप अपनी तथा दूसरों की रक्षा करने के गुर लगन के साथ सीखें। मार्शल आर्ट के बारे में  जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि हर व्यक्ति को आत्मरक्षा करना आना चाहिए। उन्होंने बच्चों को प्रोत्साहित करते हुए ज्यादा से ज्यादा कसरत करने और खानपान पर विशेष ध्यान देने को कहा।
    इस अवसर पर माता हरकी देवी शिक्षण संस्थान की निदेशक मनीषा गोदारा, कोषाध्यक्ष मंदर सिंह, खिलाड़ी छात्र व उनके अभिभावक उपस्थित थे।

छायाचित्र:  मार्शल आर्ट का प्रशिक्षण लेते बच्चे।

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