Wednesday, March 30, 2011

प्रशिक्षणार्थी महिलाओं को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक किया गया

सिरसा, 30 मार्च।  उपायुक्त श्री युद्धबीर सिंह ख्यालिया ने जिला में हरियाणा स्कूल शिक्षा बोर्ड की परीक्षाओं को मद्देनजर रखते हुए तथा परीक्षाएं शांतिपूर्वक तरीके से संपन्न करवाने के लिए जिला के परीक्षा केंद्रों की 200 मीटर की अवधि में धारा 144 की शक्तियों का प्रयोग करते हुए निषेधाज्ञा लागू कर दी है।
    आदेशों में कहा गया है कि कोई भी व्यक्ति परीक्षा केंद्रों के आसपास 200 मीटर की परिधि में दो या इससे अधिक व्यक्ति इकठा नहीं हो सकते और न ही कोई अस्त्र शस्त्र लेकर चल सकते है। इसके अलावा इन केंद्रों के नजदीक फोटो स्टेट मशीन की दुकाने भी बंद रहेगी तथा आदेशों की अवेहलना करने वाले के विरुद्ध कार्यवाही अमल में लाई जाएगी। यह आदेश  आगामी 18 अप्रैल तक लागू रहेंगे।
  

सिरसा, 30 मार्च। कल दिनांक 31 मार्च 2011 चालू वित्त वर्ष की समाप्ति को मद्देनजर रखते हुए जिलाधीश  श्री युद्धवीर सिंह ख्यालिया ने आदेश जारी किए है कि जिला के सभी खजाना कार्यालय, भारतीय स्टेट बैंक एवं उनकी शाखाएं व पोस्ट ऑफिस 31 मार्च को रात्रि 8 बजे तक खुले रहेंगे।
    उन्होंने सभी जारी विभागाध्यक्षों को निर्देश दिए कि वे अपना वर्ष 2010-11 के सभी प्रकार के बजट का लेन-देन रात्रि 8 बजे तक कर सकते है। उन्होंने सभी अधिकारियों को निर्देश दिए है कि वे अपने कार्यालय से संबंधित लेन-देन का कार्य बैंक एवं खजाना कार्यालयों में प्रस्तुत कर निश्चित समय पर निपटवाएं।

सिरसा, 30 मार्च।  जिला कल्याण अधिकारी श्रीमती सुमित्रा मैहता ने बताया कि गांव ढुकड़ा में विभाग द्वारा चलाए जा रहे सिलाई प्रशिक्षण स्कीम के तहत प्रशिक्षणार्थी महिलाओं को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक किया गया।
    उन्होंने बताया कि इस अवसर पर एडवोकेट सुनीता गुप्ता तथा समाज सेविका द्वारा संयुक्त रूप से महिलाओं को सूचना का अधिकार, मनरेगा, दहेज प्रथा, निवारण नियम, बाल धर्म, भ्रूण हत्या, गृह क्लेश, बाल विवाह रोकने व नारी सशक्तिकरण सम्बन्धी जानकारी दी गई। उन्होंने बताया कि विभाग द्वारा चलाए जा रहे सिलाई प्रशिक्षण केन्द्रों में महिलाओं को समय समय पर उनके अधिकारों के प्रति जानकारी दी जाती है।
सिरसा, 30 मार्च   बच्चों एवं माताओं के बेहतर स्वास्थ्य के लिए उनके परिवारों को जागरूक और शिक्षित करना बेहद जरूरी है। ये विचार उपायुक्त श्री युद्धवीर सिंह ख्यालिया ने आज स्थानीय लघु सचिवालय परिसर स्थित महिला एवं समेंकित बाल विकास कार्यालय में विश्व स्वास्थ्य संगठन के बाल विकास मानक नामक विषय पर आयोजित कार्यशाला में बोलते हुए कहे। कार्यशाला में प्रशिक्षकों द्वारा सीडीपीओज, सुपरवाईजर तथा अन्य अधिकारियों एवं कर्मचारियों को प्रशिक्षित किया गया, जो जिला भर में एक अभियान चलाकर आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और महिला एवं बाल विकास से जुड़े अन्य व्यक्तियों को बाल स्वास्थ्य से सम्बन्धित प्रशिक्षण देंगे।
    उपायुक्त ने कहा कि माता एवं बच्चे को स्वस्थ रखने के लिए आमजन में जागरूकता पैदा करने की जरूरत है। उन्होंने विभागीय अधिकारियों से कहा कि जागरूकता बारे परियोजना तैयार करें और उसके तहत पूरे जिला में कार्य करें। इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए धन सम्बन्धी कमी को आड़े नहीं आने दिया जाएगा। इस तरह की परियोजना पर बीआरजीएफ और एमएसडीपी योजना के तहत भी धनराशि उपलब्ध करवाई जा सकेगी। उन्होंने कहा कि जिला में विशेषकर लड़कियों में रक्त की कमी है, इसे दूर करने के लिए भी जिला प्रशासन द्वारा कार्यक्रम शुरू किया जाएगा। उन्होंने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा जारी मानदण्डों के आधार पर आमजन को जानकारी देंं।
    उन्होंने कहा कि बच्चों को घर में अच्छा वातावरण, उनके साथ हंसने-बोलने व उचित आहार देने से समुचित वृद्धि का और विकास होता है। बच्चों के मस्तिष्क का विकास पहले दो साल में सबसे तेजी से होता है। इसलिए छोटे बच्चों को उतेजित करने हेतू दूसरों के साथ खेलने, इधर उधर चलने देखने सुनने व खेलने के लिए आवश्यक चीजे दी जानी चाहिएं। बच्चों के विकास में माता के साथ-साथ पिता एक अहम भूमिका निभाते हैं इसलिए बच्चों के लालन पालन में उन्हें भी पूरा हाथ बंटाना चाहिए।
    कार्यक्रम अधिकारी सुश्री अनीता हुड्डा ने प्रशिक्षण से जुड़ी गतिविधियों को विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि बच्चों के विकास के लिए पूरक पोषाहार, वातावरण और स्वास्थ्य सेवाएं जैसे टीकाकरण आदि का नियमित होना अति आवश्यक है। उन्होंने पूरक पोषाहार एवं टीकाकरण की विधियों बारे विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि मा द्वारा बच्चे को जन्म के एक घंटे के अंदर स्तनपान शुरू करवाना चाहिए। नवजात शिशु को सबसे पहले निकलने वाला पीला दूध- कालोस्टम पिलाना चाहिए क्योंकि संक्रमण रोधी गुण और पोषक तत्व होते हैं। पहले 6 माह तक बच्चे को केवल स्तनपान ही करवाना चाहिए। उसे कोई आहार या पेय पदार्थ, जहां तक की पानी भी न दें। उन्होंने बताया कि 6 माह के बाद ही उपरी आहार बच्चे को देना चाहिए। बीमारियों से बचाने के लिए बच्चों  व उनके परिवारों में स्वच्छता सम्बन्धी आदतें विकसित करें और भोजन व पानी साफ रखें।
    इस कार्यशाला में जिला स्वास्थ्य अधिकारी डा पी एल वर्मा ने भी माता व बच्चों के स्वास्थ्य सम्बन्धी जानकारी दी। इस कार्यक्रम में जिला बाल कल्याण अधिकारी श्रीमती कमलेश चाहर व अन्य विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।

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