सिरसा, 25 मार्च। हरियाणा अनुसूचित जाति वित्तीय एवं विकास निगम द्वारा जिला में चालू वित्त वर्ष के दौरान गत माह तक कुल 883 लोगों को विभिन्न प्रकार के व्यवसाय स्थापित करने हेतु 2 करोड़ 40 लाख 79 हजार रुपए के ऋण उपलब्ध करवाए गए जिनमें निगम द्वारा राज्य सरकार की योजना के तहत 53 लाख 92 हजार रुपए की सब्सिडी उपलब्ध करवाई गई।
यह जानकारी देते हुए उपायुक्त श्री युद्धबीर सिंह ख्यालिया ने बताया कि निगम द्वारा कृषि से जुड़े व्यवसाय डेयरी फार्मिंग के लिए 1 करोड़ 39 लाख 80 हजार रुपए की ऋण राशि उपलब्ध करवाई गई जिसके तहत 592 लोगों को दुधारु पशु खरीदने के लिए ऋण उपलब्ध करवाया गया। इसी योजना के तहत दूसरा दुधारु पशु खरीदने पर भी 12 लाख 67 हजार रुपए की राशि उपलब्ध करवाई गई। डेयरी योजना के तहत लाभार्थियों को 31 लाख 95 हजार रुपए की राशि की सब्सिडी भी दी गई।
उन्होंने बताया कि भेड़ पालन योजना के तहत कुल 157 लाभार्थियों को 67 लाख 51 हजार रुपए की राशि ऋण के रुप में विभिन्न बंैकों से उपलब्ध करवाई गई। इसमें से 15 लाख 24 हजार रुपए की सब्सिडी भी निगम द्वारा दी गई। इसी तरह से सुअर पालन योजना के तहत 3 लाभार्थियों को 75 हजार रुपए की राशि उपलब्ध करवाई गई। उन्होंने बताया कि झोटा-बुग्गी व्यवसाय के लिए 5 लाभार्थियों को 1 लाख 51 हजार रुपए की राशि का ऋण दिलवाया गया जिसमें से 50 हजार रुपए की सब्सिडी और 15 हजार रुपए की मार्जिन मनी निगम द्वारा लाभार्थियों को उपलब्ध करवाई गई।
उपायुक्त ने आगे बताया कि औद्योगिक एवं व्यापारिक गतिविधियों के लिए भी निगम द्वारा अनुसूचित जाति के 66 व्यक्तियों को 18 लाख 55 हजार रुपए की राशि ऋण के रुप में विभिन्न बैंकों के माध्यम से दिलवाई गई। इस योजना के तहत निगम द्वारा लाभार्थियों को 6 लाख 98 हजार रुपए की सब्सिडी और 1 लाख 82 हजार रुपए की राशि मार्जिन मनी के रुप में लाभार्थियों को दी गई। इस प्रकार से निगम द्वारा 2 लाख रुपए मार्जिन मनी के रुप में और 53 लाख 92 हजार रुपए की राशि सब्सिडी के रुप में पात्र लाभार्थियों को प्रदान की गई।
उन्होंने बताया कि हरियाणा अनुसूचित जाति वित्तीय विकास निगम द्वारा 1050 लोगों को विभिन्न योजनाओं के तहत ऋण सहायता उपलब्ध करवाने का लक्ष्य रखा गया था जिसमें से गत माह तक 882 लोगों को विभिन्न प्रकार के व्यवसाय स्थापित करने हेतु 2 करोड़ 40 लाख 79 हजार रुपए के ऋण उपलब्ध करवाए जा चुके है। चालू माह के अंत तक निगम द्वारा लक्ष्य से भी अधिक पात्र व्यक्तियों को ऋण सहायता उपलब्ध करवाई जाएगी।
उपायुक्त के अनुसार अनुसूचित जाति के लोगों को आर्थिक रुप से ऊपर उठाने और अपना व्यवसाय स्थापित करने के उद्देश्य से कृषि, औद्योगिक, व्यापारिक क्षेत्रों से जुड़ी गतिविधियों के लिए ऋण सहायता उपलब्ध करवाई जाती है। उन्होंने बताया कि डेयरी व्यवसाय में एक पशु खरीदने के लिए 23 हजार 650 रुपए और मुर्गी पालन के लिए 22 हजार रुपए, भेड़ पालन के लिए 47 हजार 700, सुअर पालन के लिए 34 हजार 100 रुपए, झोटा-बुग्गी तथा ऊंंट रेहड़े की एक यूनिट खरीद के लिए 20 हजार रुपए की राशि उपलब्ध करवाई जाती है। इसी प्रकार से लघु उद्योग लगाने के लिए 40 हजार रुपए प्रति व्यक्ति और दुकान आदि खोलने के लिए भी 40 हजार रुपए की राशि प्रति लाभार्थी प्रदान की जाती है। उन्होंने बताया कि निगम द्वारा कार, आटो रिक्शा, टैक्सी व अन्य वाणिज्यिक वाहन खरीदने हेतु भी आर्थिक सहायता उपलब्ध करवाई जाती है। उन्होंने अनुसूचित जाति के लोगों से अपील की कि वे सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं का अधिक से अधिक लाभ उठाए और निगम में ऋण एवं आर्थिक सहायता प्राप्त करने हेतु आवेदन करे।
उन्होंने बताया कि भेड़ पालन योजना के तहत कुल 157 लाभार्थियों को 67 लाख 51 हजार रुपए की राशि ऋण के रुप में विभिन्न बंैकों से उपलब्ध करवाई गई। इसमें से 15 लाख 24 हजार रुपए की सब्सिडी भी निगम द्वारा दी गई। इसी तरह से सुअर पालन योजना के तहत 3 लाभार्थियों को 75 हजार रुपए की राशि उपलब्ध करवाई गई। उन्होंने बताया कि झोटा-बुग्गी व्यवसाय के लिए 5 लाभार्थियों को 1 लाख 51 हजार रुपए की राशि का ऋण दिलवाया गया जिसमें से 50 हजार रुपए की सब्सिडी और 15 हजार रुपए की मार्जिन मनी निगम द्वारा लाभार्थियों को उपलब्ध करवाई गई।
उपायुक्त ने आगे बताया कि औद्योगिक एवं व्यापारिक गतिविधियों के लिए भी निगम द्वारा अनुसूचित जाति के 66 व्यक्तियों को 18 लाख 55 हजार रुपए की राशि ऋण के रुप में विभिन्न बैंकों के माध्यम से दिलवाई गई। इस योजना के तहत निगम द्वारा लाभार्थियों को 6 लाख 98 हजार रुपए की सब्सिडी और 1 लाख 82 हजार रुपए की राशि मार्जिन मनी के रुप में लाभार्थियों को दी गई। इस प्रकार से निगम द्वारा 2 लाख रुपए मार्जिन मनी के रुप में और 53 लाख 92 हजार रुपए की राशि सब्सिडी के रुप में पात्र लाभार्थियों को प्रदान की गई।
उन्होंने बताया कि हरियाणा अनुसूचित जाति वित्तीय विकास निगम द्वारा 1050 लोगों को विभिन्न योजनाओं के तहत ऋण सहायता उपलब्ध करवाने का लक्ष्य रखा गया था जिसमें से गत माह तक 882 लोगों को विभिन्न प्रकार के व्यवसाय स्थापित करने हेतु 2 करोड़ 40 लाख 79 हजार रुपए के ऋण उपलब्ध करवाए जा चुके है। चालू माह के अंत तक निगम द्वारा लक्ष्य से भी अधिक पात्र व्यक्तियों को ऋण सहायता उपलब्ध करवाई जाएगी।
उपायुक्त के अनुसार अनुसूचित जाति के लोगों को आर्थिक रुप से ऊपर उठाने और अपना व्यवसाय स्थापित करने के उद्देश्य से कृषि, औद्योगिक, व्यापारिक क्षेत्रों से जुड़ी गतिविधियों के लिए ऋण सहायता उपलब्ध करवाई जाती है। उन्होंने बताया कि डेयरी व्यवसाय में एक पशु खरीदने के लिए 23 हजार 650 रुपए और मुर्गी पालन के लिए 22 हजार रुपए, भेड़ पालन के लिए 47 हजार 700, सुअर पालन के लिए 34 हजार 100 रुपए, झोटा-बुग्गी तथा ऊंंट रेहड़े की एक यूनिट खरीद के लिए 20 हजार रुपए की राशि उपलब्ध करवाई जाती है। इसी प्रकार से लघु उद्योग लगाने के लिए 40 हजार रुपए प्रति व्यक्ति और दुकान आदि खोलने के लिए भी 40 हजार रुपए की राशि प्रति लाभार्थी प्रदान की जाती है। उन्होंने बताया कि निगम द्वारा कार, आटो रिक्शा, टैक्सी व अन्य वाणिज्यिक वाहन खरीदने हेतु भी आर्थिक सहायता उपलब्ध करवाई जाती है। उन्होंने अनुसूचित जाति के लोगों से अपील की कि वे सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं का अधिक से अधिक लाभ उठाए और निगम में ऋण एवं आर्थिक सहायता प्राप्त करने हेतु आवेदन करे।
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