ओढां
बनवाला के श्रीगीता भवन में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा का सोमवार को समापन हो गया। समापन के अवसर पर हवन यज्ञ व भंडारे का आयोजन किया गया। इस अवसर पर मनीराम शास्त्री, पंडित नानूराम गिंदडखेड़ा और पंडित अजय त्रिवेदी आदि ने श्रीगीता भवन के स्वामी रविप्रकाश के हाथों विधिवत पूजा अर्चना करवाई और हवन यज्ञ में गांव के गणमान्य लोगों ने आहुति डाली तथा भंडारे में हलवा और बूंदी का प्रसाद वितरित किया गया। इस अवसर पर साध्वी अमरो देवी भगत नानकराम, अमर सिंह, साहिब राम नंबरदार, भोजाराम, सुरेंद्र कुमार और सूरजाराम सहित काफी संख्या में गांववासी उपस्थित थे। पंडित नानूराम ने बताया कि हवन में आहुति डालने से वातावरण शुद्ध होता है और इससे देवता प्रसन्न होते हैं तथा इंद्रदेव वर्षा करते हैं। उन्होंने कहा कि हवन करना और गायों को दान देना मनुष्य के लिए अति लाभकारी होता है। जब हवन में आहुति डाली जाती है तो कई जन्मों के पाप मिट जाते हैं। उन्होंने कहा कि अच्छे मनुष्य को ही हवन का पुण्य प्राप्त होता है। इसलिए मनुष्य को हवन में आहुति डालने का पुण्य प्राप्त करना चाहिए तथा श्रीमद्भागवत कथा का श्रवण करना चाहिए।
बनवाला के श्रीगीता भवन में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा का सोमवार को समापन हो गया। समापन के अवसर पर हवन यज्ञ व भंडारे का आयोजन किया गया। इस अवसर पर मनीराम शास्त्री, पंडित नानूराम गिंदडखेड़ा और पंडित अजय त्रिवेदी आदि ने श्रीगीता भवन के स्वामी रविप्रकाश के हाथों विधिवत पूजा अर्चना करवाई और हवन यज्ञ में गांव के गणमान्य लोगों ने आहुति डाली तथा भंडारे में हलवा और बूंदी का प्रसाद वितरित किया गया। इस अवसर पर साध्वी अमरो देवी भगत नानकराम, अमर सिंह, साहिब राम नंबरदार, भोजाराम, सुरेंद्र कुमार और सूरजाराम सहित काफी संख्या में गांववासी उपस्थित थे। पंडित नानूराम ने बताया कि हवन में आहुति डालने से वातावरण शुद्ध होता है और इससे देवता प्रसन्न होते हैं तथा इंद्रदेव वर्षा करते हैं। उन्होंने कहा कि हवन करना और गायों को दान देना मनुष्य के लिए अति लाभकारी होता है। जब हवन में आहुति डाली जाती है तो कई जन्मों के पाप मिट जाते हैं। उन्होंने कहा कि अच्छे मनुष्य को ही हवन का पुण्य प्राप्त होता है। इसलिए मनुष्य को हवन में आहुति डालने का पुण्य प्राप्त करना चाहिए तथा श्रीमद्भागवत कथा का श्रवण करना चाहिए।
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