ओढां
गांव नुहियांवाली के पूर्व सरपंच रामकुमार नेहरा ने उपायुक्त सिरसा को एक शिकायत पत्र में लिखा है कि गत 23 मार्च को रात को वो अपनी भतीजी माया देवी को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ओढ़ां में डिलीवरी करवाने हेतु लाया तो ड्युटी पर मौजूद स्टाफ नर्स गुरमेल कौर ने अपनी ड्युटी के प्रति लापरवाही बरतते हुए उसकी भतीजी को दाखिल करने से साफ मना कर दिया जिस कारण जच्चा बच्चा का जानी नुकसान हो सकता था। उसके बाद उन्होंने अपनी भतीजी माया देवी को सिरसा एक निजी नर्सिंग होम में दाखिल करवाकर डिलीवरी करवाई।
रामकुमार नेहरा ने बताया कि स्टाफ नर्स गुरमेल कौर ने उसकी भतीजी को एडमिट करने हेतु राशन कार्ड, खून व पेशाव की जांच रिपोर्ट व अल्ट्रासाऊंड की रिपोर्ट मांगी जिस पर उन्होंने कहा कि उन्होंने कोई टेस्ट नहीं करवाया और यदि आवश्यक है तो अब करवा देते हैं। लेकिन स्टाफ नर्स ने कहा कि वो उसका इलाज नहीं कर सकती और आप इसे सिरसा ले जाएं जबकि माया देवी की हालत ज्यादा नाजुक थी और उसे चिकित्सा की अति आवश्यकता थी। उन्होंने लिखा है कि उस समय स्टाफ नर्स के अलावा अन्य कोई कर्मचारी या डाक्टर ड्युटी पर मौजूद नहीं था। पूर्व सरपंच ने मांग की है कि गुरमेल कौर स्टाफ नर्स व अनुपस्थित स्टाफ के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए।
इस संबंध में स्टाफ नर्स गुरमेल कौर से बात किए जाने पर उन्होंने बताया कि दाखिल करने हेतु जच्चा की अल्ट्रा साऊंड, खून व पेशाब की जांच रिपोर्ट होना जरूरी है ताकि किसी प्रकार की अनहोनी न हो। उक्त मरीज के पास ये रिपोर्टें न होने के कारण उन्होंने उसे सिरसा रैफर करने हेतु नाम व पता पूछा तो उन्होंने अभद्र व्यवहार किया और बिना सूचना दिए जच्चा को लेकर चले गए।
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में कार्यरत डाक्टर जसकीरत सिंह ने कहा कि उस समय वे ड्युटी पर थे लेकिन जच्चा को लेकर आए लोगों ने कोई भी जानकारी या रिपोर्ट देने से मना करते हुए उल्टा स्टाफ नर्स के साथ बदसलूकी की।
सीएचसी ओढ़ां इंचार्ज डॉ. सुमित जैन से पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि 23 मार्च को पूरा स्टाफ ड्युटी पर था और स्टाफ ने किसी प्रकार की कोताही नहीं बरती है तथा पूर्व सरपंच रामकुमार नेहरा का आरोप निराधार है।
रामकुमार नेहरा ने बताया कि स्टाफ नर्स गुरमेल कौर ने उसकी भतीजी को एडमिट करने हेतु राशन कार्ड, खून व पेशाव की जांच रिपोर्ट व अल्ट्रासाऊंड की रिपोर्ट मांगी जिस पर उन्होंने कहा कि उन्होंने कोई टेस्ट नहीं करवाया और यदि आवश्यक है तो अब करवा देते हैं। लेकिन स्टाफ नर्स ने कहा कि वो उसका इलाज नहीं कर सकती और आप इसे सिरसा ले जाएं जबकि माया देवी की हालत ज्यादा नाजुक थी और उसे चिकित्सा की अति आवश्यकता थी। उन्होंने लिखा है कि उस समय स्टाफ नर्स के अलावा अन्य कोई कर्मचारी या डाक्टर ड्युटी पर मौजूद नहीं था। पूर्व सरपंच ने मांग की है कि गुरमेल कौर स्टाफ नर्स व अनुपस्थित स्टाफ के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए।
इस संबंध में स्टाफ नर्स गुरमेल कौर से बात किए जाने पर उन्होंने बताया कि दाखिल करने हेतु जच्चा की अल्ट्रा साऊंड, खून व पेशाब की जांच रिपोर्ट होना जरूरी है ताकि किसी प्रकार की अनहोनी न हो। उक्त मरीज के पास ये रिपोर्टें न होने के कारण उन्होंने उसे सिरसा रैफर करने हेतु नाम व पता पूछा तो उन्होंने अभद्र व्यवहार किया और बिना सूचना दिए जच्चा को लेकर चले गए।
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में कार्यरत डाक्टर जसकीरत सिंह ने कहा कि उस समय वे ड्युटी पर थे लेकिन जच्चा को लेकर आए लोगों ने कोई भी जानकारी या रिपोर्ट देने से मना करते हुए उल्टा स्टाफ नर्स के साथ बदसलूकी की।
सीएचसी ओढ़ां इंचार्ज डॉ. सुमित जैन से पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि 23 मार्च को पूरा स्टाफ ड्युटी पर था और स्टाफ ने किसी प्रकार की कोताही नहीं बरती है तथा पूर्व सरपंच रामकुमार नेहरा का आरोप निराधार है।
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