Friday, March 18, 2011

डिस्टैंस एजूकेशन एण्ड डिवपलमैंट आफ सैल्फ लर्निंग मैटिरियल विषय पर तीन दिवसीय कार्यशाला का उदघाटन

हिसार
    गुरू जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, हिसार के दूरवर्ती शिक्षा निदेशालय में आज डिस्टैंस एजूकेशन एण्ड डिवपलमैंट आफ सैल्फ लर्निंग मैटिरियल विषय पर तीन दिवसीय कार्यशाला का उदघाटन स्ट्राईड इंदिरा गांधी नैश्नल मुक्त विश्वविद्यालय, नई दिल्ली के प्रो संतोष पांडा व कार्यक्रम की अध्यक्षता दूरवर्ती शिक्षा निदेशालय के निर्देशक प्रो एम एस तुरान ने की। इगनू के प्रो प्रबीर के बिसवास, डा एम आर पात्रा, श्री बी एस वर्मा व विभिन्न विभागों के शिक्षक इस कार्यशाला में उपस्थित थे। यह कार्यशाला डिस्टैंस एजूकेशन काउँसिल नई दिल्ली के सौजन्य से आयोजित की जा रही है।
    प्रो संतोष पांडा ने बताया कि डिस्टैंस एजूकेशन काउँसिल को आटोनामस बाडी बनाने के लिए कार्य शुरू हो गया है और देश के सभी दूरवर्ती शिक्षा प्रदान करने वाली संस्थओं के स्टैंडर्स को तय करेगी और यह सुनिश्चित करेगी कि देश के छात्रों को उच्च कोटि की शिक्षा उपलब्ध हो। प्रो पांडा ने बताया कि आज जमाना गुणवत्ता का है और जो शिक्षण संस्थाएं दूरवर्ती शिक्षा में राष्ट्रीय स्तर पर गुणवत्ता को ध्यान में रखकर शिक्षा उपलब्ध करवाएगी उन्ही का भविष्य उज्ज्वल है। निजि विश्वविद्यालय दूरवर्ती शिक्षा के क्षेत्र में बड़े पैमाने में आ रहे है। प्रो पांडा ने बताया कि दूरवर्ती शिक्षा में मल्टीमिडिया का प्रयोग किया जा रहा है और विद्यार्थी बड़े पैमाने पर इस पद्घति से शिक्षा प्राप्त करने के इच्छुक है।
    प्रो एम एस तुरान ने इस अवसर पर कहा कि दूरवर्ती शिक्षा में पाठ्यक्रमों की सामग्री को तैयार करते समय यह ध्यान रखना चाहिए कि विद्यार्थी या तो रोजगार में है या बड़ी उम्र के है और ऐसे विद्यार्थियों के लिए सिखने की प्रक्रिया कालेज और स्कूल के विद्यार्थियों से भिन्न होती है और पाठ्यक्रम की सामग्री उसी हिसाब से तैयार करनी चाहिए। प्रो तुरान ने कहा कि आज का युग भागदौड़ का युग है और कामकाजी लोग अपनी शिक्षा की जरूरत रोजगार के साथ-साथ दूरवर्ती शिक्षा के माध्यम से करना चाहते है ऐसे विद्यार्थियों के लिए व समय की मांग के अनुसार नए पाठ्यक्रमों का विस्तार करना चाहिए। प्रो तुरान ने कहा कि दूरवर्ती शिक्षा देश में उच्च कोटि की शिक्षा उपलब्ध करवाने में सक्षम है। उन्होने कहा कि शीघ्र ही विश्वविद्यालय का दूरवर्ती शिक्षा विभाग अपनी वैबसाईट लांच करेगा।
    आग्रेनाईजिंग सैकरेट्री डा एम आर पात्रा ने बताया कि तीन दिनों में 18 तकनीकी सत्र होंगे और दूरवर्ती शिक्षा विभाग के  विभिन्न पहलूओं पर विशेष व्याख्यान दिए जाएंगे।
    उपकुलसचिव श्री बी एस वर्मा ने बताया कि प्रो नरसी राम बिश्नोई, डा कर्मपाल, डा राजेश कुमार, श्री आरोहित, डा ज्योतसना, डा आशा गुप्ता, डा सुश्मिता भास्कर, डा मनोज कुमार, डा रमेश कुमार, डा एस के सिंह, डा भास्कर, डा अंजू, डा सविता, डा खजान सिंह, डा सुरेश मित्तल, श्री संजय सिंह, डा उदयवीर, डा राजीव कुमार, डा एम आर पात्रा, डा राजेश लोहचब, डा किश्ना राम बिश्नोई, डा पंकज कुमार व डा अमरीश पांडे उपस्थित थे। 
फोटो कैप्शन :
फोटो-1 व 2
गुरू जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, हिसार के दूरवर्ती शिक्षा निदेशालय में डिस्टैंसएजूकेशन एण्ड डिवपलमैंट आफ सैल्फ लर्निंग मैटिरियल विषय पर तीन दिवसीय कार्यशाला के उदघाटन अवसर पर स्ट्राईड इंदिरा गांधी नैश्नल मुक्त विश्वविद्यालय, नई दिल्ली के प्रो संतोष पांडा उपस्थित जनो को संबोधित करते हुए। साथ में है इगनू के प्रो प्रबीर के बिसवास, दूरवर्ती शिक्षा निदेशालय के निर्देशक प्रो एम एस तुरान ने की व अन्य।

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