सिरसा, 23 अप्रैल उपायुक्त श्री युद्घबीर सिंह ख्यालिया ने रक्तदान प्रेरकों का आहृवान किया कि वे जिला के प्रत्येक व्यक्ति तक रक्तदान का प्रभावी संदेश पहुचाएं ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग स्वैच्छिक रक्तदान मुहिम से जुड़े और सिरसा जिला इस क्षेत्र में और आगे बढ़े। श्री ख्यालिया आज स्थानीय डी0आर0डी0ए0 हाल में इन्डियन सोसाईटी ऑफ ब्लड ट्रांसफयूजन एण्ड इम्यिनोहोमाटोलोजी के तत्वाधान में पिछड़ा क्षेत्र अनुदान योजना के तह्त आयोजित प्रशिक्षण शिविर में बोल रहे थे । उन्होंने कहा कि रक्तदान के मामले में अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर जिला सिरसा की पहचान बन चुकी है। जिला में सवा लाख से भी अधिक स्वैच्छिक रक्तदाताआें की सूचि तैयार कर वैबसाईट पर डाली जा चुकी है । इस सूचि में दौ सौ से भी अधिक रक्तदान प्रेरकों का भी विवरण दिया गया है। आज इस प्रशिक्षण शिविर में पचास रक्तदान प्रैरकों को प्रशिक्षण दिया गया।
उन्होंने रक्तदान प्रेरकों से कहा कि वे गांव-गांव में जाकर आमजन में प्रशिक्षक की भूमिका भी अदा करे और लोगों को रक्तदान के महत्व की जानकारी प्रदान करे । उन्होंने कहा कि वे इन्डियन सोसाईटी ऑफ ब्लड ट्रांसफयूजन एण्ड इम्यिूनो होमाटयूलोजी के राष्ट्रीय अध्यक्ष है। इस हैसियत से वे कह सकते है कि आने वाले दो साल में रक्तदान के मामले में भारतवर्ष दूनिया का अग्रणी देश होगा । उन्होंने रक्तदान में बरती जाने वाली सावधानिया और रक्तदान के महता के बारे में भी जानकारी दी । उन्होंने प्रेरकों से कहा कि वे रक्तदान के लिए जिस भी व्यक्ति से सम्पर्क करे उसे बताए कि रक्तदान सामाजिक सेवा के साथ-साथ स्वंय सेवा और देशभक्ति है। जिसमें मानव कल्याण निहित है।
डॉ0 ख्यालिया ने कहा कि रक्तदान प्रैरक सभी व्यक्तियों को बताएं कि नब्बे दिन के बाद रक्तदाता दोबारा रक्तदान कर सकता है। उन्होंने इस शिविर में रक्तदान से जुड़े सामाजिक एवं वैज्ञानिक पहलुआें की जानकारी दी । उन्होंने एक घटना का जिक्र करते हुए कहा कि सिरसा जिला के किसी रोगी को यदि रक्त की आवश्यक्ता पड़े तो उसे रक्त लेने के लिए बदले में रक्त देने की आवश्यक्ता नहीं होगी । घटना चण्डीगढ़ के पी0जी0आई0 की थी, जहां सिरसा जिला के एक रोगी को छ: युनिट रक्त की जरूरत पड़ी। जब वहां के रक्तदान केन्द्र इन्चार्ज को पता चला कि उक्त रोगी सिरसा जिला से संबंध रखता है तो रक्तदान केन्द्र इन्चार्ज ने तुरन्त कहा कि आपको रक्त के बदले रक्त दिलवाने की जरूरत नहीं है क्योंकि आप एक एेसे जिला से संबंध रखते है जो रक्तदान का प्राय बन चुका है। इस परिक्षण शिविर में इन्डियन सोसाईटी ऑफ ब्लड ट्रांसफयूजन एण्ड इम्यिूनो होमाटयूलोजी, हरियाणा के सचिव डॉ0 आर0एम0 अरोड़ा, डॉ0 वैद बैनिवाल, श्री भागीरथ , अनिल जैन, अश्विनी तथा सोसाईटी से जुड़े श्री संजय गुप्ता ने रक्तदान प्रेरकों को प्रशिक्षण दिया ।
उन्होंने रक्तदान प्रेरकों से कहा कि वे गांव-गांव में जाकर आमजन में प्रशिक्षक की भूमिका भी अदा करे और लोगों को रक्तदान के महत्व की जानकारी प्रदान करे । उन्होंने कहा कि वे इन्डियन सोसाईटी ऑफ ब्लड ट्रांसफयूजन एण्ड इम्यिूनो होमाटयूलोजी के राष्ट्रीय अध्यक्ष है। इस हैसियत से वे कह सकते है कि आने वाले दो साल में रक्तदान के मामले में भारतवर्ष दूनिया का अग्रणी देश होगा । उन्होंने रक्तदान में बरती जाने वाली सावधानिया और रक्तदान के महता के बारे में भी जानकारी दी । उन्होंने प्रेरकों से कहा कि वे रक्तदान के लिए जिस भी व्यक्ति से सम्पर्क करे उसे बताए कि रक्तदान सामाजिक सेवा के साथ-साथ स्वंय सेवा और देशभक्ति है। जिसमें मानव कल्याण निहित है।
डॉ0 ख्यालिया ने कहा कि रक्तदान प्रैरक सभी व्यक्तियों को बताएं कि नब्बे दिन के बाद रक्तदाता दोबारा रक्तदान कर सकता है। उन्होंने इस शिविर में रक्तदान से जुड़े सामाजिक एवं वैज्ञानिक पहलुआें की जानकारी दी । उन्होंने एक घटना का जिक्र करते हुए कहा कि सिरसा जिला के किसी रोगी को यदि रक्त की आवश्यक्ता पड़े तो उसे रक्त लेने के लिए बदले में रक्त देने की आवश्यक्ता नहीं होगी । घटना चण्डीगढ़ के पी0जी0आई0 की थी, जहां सिरसा जिला के एक रोगी को छ: युनिट रक्त की जरूरत पड़ी। जब वहां के रक्तदान केन्द्र इन्चार्ज को पता चला कि उक्त रोगी सिरसा जिला से संबंध रखता है तो रक्तदान केन्द्र इन्चार्ज ने तुरन्त कहा कि आपको रक्त के बदले रक्त दिलवाने की जरूरत नहीं है क्योंकि आप एक एेसे जिला से संबंध रखते है जो रक्तदान का प्राय बन चुका है। इस परिक्षण शिविर में इन्डियन सोसाईटी ऑफ ब्लड ट्रांसफयूजन एण्ड इम्यिूनो होमाटयूलोजी, हरियाणा के सचिव डॉ0 आर0एम0 अरोड़ा, डॉ0 वैद बैनिवाल, श्री भागीरथ , अनिल जैन, अश्विनी तथा सोसाईटी से जुड़े श्री संजय गुप्ता ने रक्तदान प्रेरकों को प्रशिक्षण दिया ।
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