Friday, April 29, 2011

बी टी कॉटन में ज़हर होने की बात को सरकार जनता तक पहुंचाये - डॉ0 कौड़ा

    बी टी कॉटन में जानलेवा हाईड्रोजन सायनाईड होने की बात को सरकार छुपा रही है - किसान बचाओ आंदोलन बी टी कॉटन के जानलेवा प्रभावों पर पिछले दस वर्षों से भी अधिक समय से अनुसंधान कार्य कर रहे कृ षि वैज्ञानिक डॉ0 सुधीर कुमार कौड़ा ने सरकार से अपील की है कि वह देश के करोड़ों लोगों को बी टी कॉटन में जान लेवा ज़हर हाईड्रोजन सायनाईड होने की बात को जल्द से जल्द बताकर उनको बेवजह मौत के मुंह में जाने से रोके। डॉ0 कौड़ा ने आंध्र प्रदेश के पशु पालन विभाग की वर्ष 2006 और 2007 की प्रयोगशाला रिपोर्टों और मीडिया रिलीज़ भी पत्रकारों को दिखाये जिनके द्वारा बी टी कॉटन में हाईड्रोजन सायनाईड नामक घातक ज़हर और उससे हज़ारों पशुओं की मौतों की पुष्टि पांच वर्ष पहले ही की जा चुकी है।
    डॉ0 कौड़ा ने बताया कि लाखों जानवरों की जान ले चुकी और सरकार की वैज्ञानिक रिपोर्टों के आधार पर जानलेवा और ज़हरीली घोषित की जा चुकी बी टी कॉटन के बारे में भारत सरकार और हरियाणा सरकार ही नहीं देश के अन्य राज्यों के मुख्यमंत्रियों को भी कई बार लिखित में अवगत करवाया जा चुका है लेकिन किसी भी सरकार ने इस मामले में कोई कार्यवाही नहीं की।
    डॉ0 कौड़ा के अनुसार दूसरी ओर पंजाब के लुधियाना स्थित गुरु अंगद देव पशु चिकित्सा विश्वविद्यालय ने अपने 2 वर्षों के अध्ययन में बी टी कॉटन के चारे को पशुओं के लिए हानिकारक, रोग प्रतिरोधक शक्ति कम करने वाला, बांझपन लाने वाला और दस्त लगाने वाला पाया है। अध्ययन में यह भी पता चला है कि बी टी कॉटन के चारे से पशुओं के दूध में विटामिन ए और सी तथा आयरन की कमी होती है।
    डॉ0 कौड़ा ने बताया कि बी टी कॉटन में पौधे में मिले हाईड्रोजन सायनाईड नामक ज़हर से मनुष्य या जानवर कुछ सेकेन्ड में मर सकता है। उन्होंने अपील की है कि सरकार देश के हर पशुपालक और किसानों को जागरूक करें कि वे पशुओं को बी टी कॉटन किसी भी रूप में ना खिलाएं ताकि पशुओं और इंसानों को मरने से और बीमारियों से बचाया जा सके। उन्होंने देश के कृषि वैज्ञानिकों और कृषि अधिकारियों से भी हाथ जोड़ कर अपील की है कि वो सरकार से ना डरे और जनहित में बी टी कॉटन के जानलेवा प्रभावों पर जन सूचना जारी करे और जन जागरण करे। डॉ0 कौड़ा ने पिछले वर्ष जुलाई में बी टी कॉटन के जानलेवा बी टी कॉटन के विरोध में एक महीने का मौन व्रत और भूख हड़ताल भी की थी।
    आंध्र प्रदेश के पशु पालन विभाग की वर्ष 2006 और 2007 की प्रयोगशाला रिपोर्टों में बी टी कॉटन में हाईडोजन सायनाईड नामक घातक ज़हर की पुष्टि होती है। बी टी कॉटन में पौधे में मिले हाईड्रोजन सायनाईड नामक ज़हर से मनुष्य या जानवर कुछ सेकेन्ड में मर सकता है। बी टी कॉटन से पशुओं केे मरने की पुष्टि करती आन्ध्र प्रदेश सरकार की मीडिया घोषणा।

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