सिरसा, 21 अप्रैल : जिला में मुख्यमंत्री अनुसूचित जाति निर्मल बस्ती योजना के तहत अनुसूचित जाति की बस्तियों में गलियां-सड़कें पक्की करवाने व अन्य कार्यो पर 8 करोड़ 15 लाख रुपए की राशि खर्च करके दो दर्जन से भी अधिक विकास कार्य करवाए गए।
यह जानकारी देते हुए उपायुक्त डा0 युद्धवीर सिंह ख्यालिया ने बताया कि उक्त योजना के तहत पंचायत एवं विकास विभाग द्वारा दौलतपुर खेड़ा गांव में 25 लाख रुपए की राशि खर्च करके गली का निर्माण करवाया गया। सहारणी गांव में 50 लाख रुपए की राशि से आईपीबी तकनीक से गली का निर्माण करवाया गया। इसी प्रकार से बुढीमेडी गांव में भी 24 लाख रुपए की राशि खर्च करके आईपीबी तकनीक के तहत ही गली बनाई गई।
उन्होंने बताया कि रानियां खण्ड के भड़ोलांवाली गांव में 40 लाख रुपए की लागत से मुख्यमंत्री अनुसूचित जाति निर्मल बस्ती योजना के तहत सीमेंट-कंकरीट की गली बनवाई गई। इसी प्रकार से भड़ोलांवाली गांव में ही उक्त योजना के तहत पंचायतघर की मरम्मत का कार्य करवाया गया। खाजाखेड़ा गांव में 48 लाख रुपए की लागत से सीमेंट-कंकरीट की सड़क बनवाई गई। मंगालिया गांव में भी 41 लाख रुपए की लागत से पंचायतघर का निर्माण करवाया गया। सूचान गांव में 41 लाख रुपए की लागत से वर्तमान सरकार के कार्यकाल के दौरान गली का निर्माण, मसीतां गांव में 47 लाख रुपए, खुइयांमलकाना व मोडी गांव में 47-47 लाख रुपए की लागत से गलियों का निर्माण करवाया गया। इसी प्रकार से डबवाली खण्ड के गांव दीवानखेड़ा में 24 लाख रुपए की लागत से आईपीबी तकनीक से गली का निर्माण करवाया गया।
उपायुक्त ने बताया कि ऐलनाबाद खण्ड के गांव नीमला में 50 लाख रुपए की लागत से, रानियां खण्ड के गांव नाईवाला में भी 50 लाख रुपए की लागत से आईपीबी तकनीक से गलियों का निर्माण करवाया गया। इसी प्रकार से कोटली गांव में 50 लाख रुपए की लागत से, खुइयां नेपालपुर व तिलोकेवाला में भी 50-50 लाख रुपए की लागत से सीमेंट-कंकरीट की गलियां बनाई गई। सुखेराखेड़ा व लम्बी गांव में भी 50-50 लाख रुपए की लागत से गलियां बनाई गई।
यह जानकारी देते हुए उपायुक्त डा0 युद्धवीर सिंह ख्यालिया ने बताया कि उक्त योजना के तहत पंचायत एवं विकास विभाग द्वारा दौलतपुर खेड़ा गांव में 25 लाख रुपए की राशि खर्च करके गली का निर्माण करवाया गया। सहारणी गांव में 50 लाख रुपए की राशि से आईपीबी तकनीक से गली का निर्माण करवाया गया। इसी प्रकार से बुढीमेडी गांव में भी 24 लाख रुपए की राशि खर्च करके आईपीबी तकनीक के तहत ही गली बनाई गई।
उन्होंने बताया कि रानियां खण्ड के भड़ोलांवाली गांव में 40 लाख रुपए की लागत से मुख्यमंत्री अनुसूचित जाति निर्मल बस्ती योजना के तहत सीमेंट-कंकरीट की गली बनवाई गई। इसी प्रकार से भड़ोलांवाली गांव में ही उक्त योजना के तहत पंचायतघर की मरम्मत का कार्य करवाया गया। खाजाखेड़ा गांव में 48 लाख रुपए की लागत से सीमेंट-कंकरीट की सड़क बनवाई गई। मंगालिया गांव में भी 41 लाख रुपए की लागत से पंचायतघर का निर्माण करवाया गया। सूचान गांव में 41 लाख रुपए की लागत से वर्तमान सरकार के कार्यकाल के दौरान गली का निर्माण, मसीतां गांव में 47 लाख रुपए, खुइयांमलकाना व मोडी गांव में 47-47 लाख रुपए की लागत से गलियों का निर्माण करवाया गया। इसी प्रकार से डबवाली खण्ड के गांव दीवानखेड़ा में 24 लाख रुपए की लागत से आईपीबी तकनीक से गली का निर्माण करवाया गया।
उपायुक्त ने बताया कि ऐलनाबाद खण्ड के गांव नीमला में 50 लाख रुपए की लागत से, रानियां खण्ड के गांव नाईवाला में भी 50 लाख रुपए की लागत से आईपीबी तकनीक से गलियों का निर्माण करवाया गया। इसी प्रकार से कोटली गांव में 50 लाख रुपए की लागत से, खुइयां नेपालपुर व तिलोकेवाला में भी 50-50 लाख रुपए की लागत से सीमेंट-कंकरीट की गलियां बनाई गई। सुखेराखेड़ा व लम्बी गांव में भी 50-50 लाख रुपए की लागत से गलियां बनाई गई।
गेहूं खरीद के बाद जल्दी से जल्दी उठान भी सुनिश्चित करे
सिरसा, 21 अप्रैल : उपायुक्त श्री युद्धबीर सिंह ख्यालिया ने गेहूं खरीद एजेंसियों को निर्देश दिए है कि वे मंडियों में गेहूं खरीद के बाद जल्दी से जल्दी उठान भी सुनिश्चित करे। डा. ख्यालिया आज जिला के गांव मलिकपुरा, जीवननगर और मल्लेकां के खरीद केंद्रों पर गेहूं खरीद प्रक्रिया का जायजा लेते हुए किसानों की समस्या सुन रहे थे। उन्होंने खाद्य एवं आपूर्ति विभाग एवं अन्य विभागों के अधिकारियों को निर्देश दिए कि किसी भी खरीद केंद्र व मंडी में गेहूं उठान से संबंधी किसी प्रकार की समस्या नहीं होनी चाहिए। उन्होंने खरीद एजेंसियों के अधिकारियों से कहा कि वे बारदाना व करेट भी पर्याप्त मात्रा में रखे।
उन्होंने बताया कि जिला में गेहूं खरीद के लिए 56 मंडियां और खरीद केंद्र बनाए गए है जिनमें किसानों के लिए सभी प्रकार की सुविधाएं उपलब्ध करवाई गई है। किसानों की फसल 1120 रुपए प्रति क्विंटल की दर से खरीदी जा रही है जिस पर 50 रुपए प्रति क्विंटल सरकार द्वारा दिया जाएगा। अभी तक सिरसा जिला में 2 लाख 83 हजार 725 मीट्रिक टन गेहूं की आवक हुई है जिसमें सबसे अधिक 1 लाख 21 हजार 311 मीट्रिक टन गेहूं की खरीद हैफेड द्वारा खरीदी गई है। खाद्य एवं आपूर्ति विभाग द्वारा 63 हजार 625 मीट्रिक टन व कांफ्रेड द्वारा 44 हजार 250 मीट्रिक टन, हरियाणा वेयर हाउस द्वारा 33 हजार 420 मीट्रिक टन, हरियाणा एग्रो द्वारा 18 हजार 9 मीट्रिक टन तथा भारतीय खाद्य निगम द्वारा 3092 मीट्रिक टन गेहूं की खरीद की गई है।
डा. ख्यालिया ने बताया कि जिला में इस सीजन में 8 लाख 29 हजार मीट्रिक टन गेहूं आवक की संभावना को देखते हुए उचित प्रबंध किए गए है। उन्होंने बताया कि इस सीजन में इससे भी अधिक गेहूं की आवक की संभावना है। उन्होंने संभावना जताई है कि इस बार सिरसा जिला गेहूं की आवक व उत्पादन में प्रथम स्थान पर रहेगा। उन्होंने बताया कि किसाानों को उनकी फसल के मूल्य का भुगतान 72 घंटों के अंदर-अंदर किया जा रहा है जिससे किसानों को किसी प्रकार की समस्या नहीं है।
उपायुक्त ने आज मंडियों और खरीद केंद्रों में दौरा करने से पूर्व लगभग एक दर्जन गांव में जाकर गिरदावरी की पड़ताल की। वे राजस्व अधिकारियों के पूरे अमले के साथ गांव के खेतों में पहुंचे जहां पर पटवारी, कानूनगों के साथ दस्तावेज सहित गिरदावरी जांच की। इन गांवों में साहूवाला-प्रथम, रोहिड़ावाली, जीवननगर, टप्पी, नकौड़ा, अमृतसर कलां, मल्लेकां, बुढ़ीमेढ़ी, बरुवाली, गुडिय़ाखेड़ा में गिरदावरी जांच की। इस मौके पर उनके साथ जिला राजस्व अधिकारी सहित पूरा विभागीय अमला था।
बोलगार्ड-2 के विभिन्न किस्मों की बिजाई करे
सिरसा, 21 अप्रैल। केंद्रीय कपास अनुसंधान संस्थान के क्षेत्रीय केंद्र सिरसा के इंचार्ज डा. दलीप मोंगा ने किसानों को सलाह दी है कि वे बीटी कॉटन के केवल एक किस्म की बिजाई न करके बोलगार्ड-2 के विभिन्न किस्मों की बिजाई करे। इन सभी किस्मों में तंबाकू, सुंडी नही लगती और अवरोधकता भी नहीं आती।
उन्होंने बताया कि सिरसा सहित पंजाब और राजस्थान के क्षेत्रों में कपास की विभिन्न किस्मों की बिजाई आगामी 31 मई तक की जानी है इसलिए किसान किसी प्रकार की हड़बड़ी न करे। किसानों के पास कपास बिजाई के लिए पर्याप्त समय है। उन्होंने बताया कि बोलगार्ड-2 बीजों मेें चार किस्म के जीन डाले गए है जो गुणवत्ता के आधार पर बीमारियों और सुंडियों को रोकने के लिए सही पाए गए है। उन्होंने बताया कि स्थानीय बाजारों में बोलगार्ड-2 की 100 से भी अधिक किस्में बीजों की उपलब्ध है। किसानों को चाहिए कि वे कृषि विभाग के अधिकारियों और कृषि वैज्ञानिकों की सलाह से कपास बीज किस्मों की बिजाई करे।
डा. दलीप मोंगा ने कहा कि बीटी कॉटन के बीज उत्तरी भारत के सिरसा, हिसार, गंगानगर, फरीदकोट आदि क्षेत्रों में 200 किस्मों में एमआरसी 7361, एसपी-7007, एसपी-7010, एसडब्ल्यूसीएच-4711, बायो सीड-6488, पीसीएच-877, अंकुर-3028, शक्ति-9, वीबीसीएच-1008, एमआरसी-6304, वीआईसीएच-309, एमआरसी-7031, एनसीईएच-6, बायोसीड-6588, एमआरसीएच-6025, आरसीएच-569, पीसीएच-401 आदि किस्मों का उत्पादन बेहतरीन पाया गया है। उन्होंने कहा कि बीज विक्रेताओं के पास बीटी काटन के अन्य किस्मों के बीज भी उपलब्ध है।
22 अप्रैल को प्रात: 10 बजे से 11 बजे तक निंबध प्रतियोगिता का आयोजन किया जाएगा
सिरसा, 21 अप्रैल। जिला शिक्षा अधिकारी कुमकुम ग्रोवर ने बताया कि जिला के सभी सरकारी, वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय, उच्च विद्यालय, माध्यमिक विद्यालय, राजकीय मान्यता प्राप्त, सहायता प्राप्त, सीबीएसई स्कूलों में ग्राम सभा प्रजातंत्र का मूल मंच, ग्राम सभा और समाज की सहभागिता, ग्राम सभा तथा आर्थिक विकास तथा ग्राम सभा व समाज से संबंधित लगभग 300 शब्दों का हिंदी व अंग्रेजी भाषा में 22 अप्रैल को प्रात: 10 बजे से 11 बजे तक निंबध प्रतियोगिता का आयोजन किया जाएगा । उन्होंने बताया कि कक्षा छठी से 12वीं तक के विद्यार्थी निबंध प्रतियोगिता में भाग लेंगे। इस प्रतियोगिता को बेहतर ढंग से संपन्न करवाने के लिए एबीआरसी की सहायता ली जाएगी तथा सभी खंड शिक्षा अधिकारियों को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है। उन्होंने बताया कि प्रतियोगिता में प्रथम, द्वितीय व तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले प्रतिभागियों को विभाग की तरफ से ईनाम भी दिया जाएगा।
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