Friday, December 10, 2010

आपके एसएमएस



खुदा करे हर रात चांद बनके आए,
दिन का उजाला शान बनके आए,
कभी दूर ना हो आपके चेहरे से हंसी,
हर दिन आशा मेहमान बनके आए।
    90689-14029

सोचा ना था कभी ऐसी दोस्ती होगी,
मंजिलों के साथ राहें भी हंसती होंगी,
जन्नत की गलियों के ख्वाब क्यूं देखूं,
आप होंगे तो नर्क में भी मस्ती होगी।
    कुलवंत ए.एल.एम, ओढ़ां
        
दोस्तो टीशर्ट नूं करो माफ,
गीजर नंू कर लओ साफ,
रजाईयां ते चढ़ालो गिलाफ,
कोटियां वाली पालो वर्दी,
मेरे वलों तुहानूं हैप्पी सर्दी।
    के.एस पेंटर, ओढ़ां

भूलकर आपको हम जाएंगे कहां,
इक पल दुनियां में जी पाएंगे कहां,
आपसे ही मुस्कुराहट है जिंदगी में,
बिना आपके खुश रह पाएंगे कहां।
    मंगल, पन्नीवाला मोटा

तकदीर लिखने वाले एक एहसान लिख दे,
मेरे दोस्त की तकदीर में मुस्कान लिख दे,
ना मिले जिंदगी में कभी भी दर्द उसको,
चाहे उसकी किस्मत में मेरी जान लिख दे।
    सुनील राजपूत, नुहियांवाली

ऐसा कोई जहान मिले जहां चेहरों पे मुस्कान मिले,
काश मंदिर में अल्लाह और मस्जिद में भगवान मिले,
मैं मांगू खुशी आपको खुशियों का गुलिस्तान मिले।
    राज मोटर्स, ओढ़ां

हमसे खेलती रही दुनिया ताश के पत्तों की तरह,
जो जीता उसने फेंका जो हारा उसने भी फैंका।
    स्वर्ण सिंह, ओढ़ां

ओहना तों दूर जान दा इरादा नहीं सी,
ओहना दा नाल रहन दा वादा नहीं सी,
ओहना याद नहीं करना एह पता सी,
ऐनी जल्दी भूल जानगे अंदाजा नहीं सी।
    कमल पेंटर, ओढ़ां

कब उनकी पलकों से यह इजहार होगा,
दिल के किसी कोने में हमारे लिए प्यार होगा,
गुजर रही हैं ये रातें सिर्फ उनकी ही यादों में,
कभी ना कभी तो उनको हमारा इंतजार होगा।
    बिंटू खत्री, ख्योवाली

प्यार की हंसी को आपके नाम कर देंगे,
हर खुशी को आप पर कुर्बान कर देंगे,
जिस दिन आएगी कमी मेरी दोस्ती में,
हम जिंदगी को आखरी सलाम कर देंगे।
    विनोद खंडेलवाल, आनंदगढ़

उम्रां दी जुदाई मेरे नसीब करके,
ओह चले गए गल्लां अजीब करके,
वफा नूं उसदी मैं की नाम देवां,
खुद दूर हो गए मैनूं करीब करके।
    जग्गी सोनी, ओढ़ां

अपना कोई आंखों से जब दूर होता है,
आंखें तो देखती हैं दिल मजबूर होता है,
चाहे कोई कहे या ना कहे जुबां से,
मगर दिल में दर्द तो जरूर होता है।
    94164-04250

मेरे वजूद में काश वो उतर जाए,
मैं देखूं आईना और वो नजर आए,
वो हो सामने और वक्त ठहर जाए,
जिंदगी उसे यूंही देखते गुजर जाए।
    94663-32235

ना सताओ हमें हम सताए हुए हैं,
जुदाई का गम हम उठाए हुए हैं,
खिलौना समझकर हमसे ना खेलो,
हम भी तो खुदा के बनाए हुए हैं।
    प्रदीप पिंडार, नुहियांवाली

कोई दौलत तो कोई तख्तो ताज के दीवाने हैं,
कोई ताजमहल तो कोई मुमताज के दीवाने हैं,
इस तरह से शर्मा के मत छुपा चेहरे को पर्दे में,
हम तेरे चेहरे के नहीं तेरी आवाज के दीवाने हैं।
    99915-88479

सोचा इस कदर उनसे दूर चले जाएंगे,
देखकर भी उन्हें अनदेखा कर जाएंगे,
मगर जब जब सामने आया उनका चेहरा,
सोचा इस बार देखलें फिर नजर न उठाएंगे।
    90500-71119

अपने एसएमएस 94160-95179 या 96716-63006 पर भेजें।
नोट—एसएमएस के साथ अपना पूरा नाम और गांव का नाम अवश्य
लिखें तथा एक सप्ताह में अपने एक या दो चुनींदा एसएमएस ही भेजें
अन्यथा आपके एसएमएस प्रकाशित नहीं हो पाएंगे।   सतीश गर्ग

No comments:

Post a Comment